जयपुर. शहर के जेईसीसी कन्वेंशन हॉल में हुए जनप्रतिनिधि सम्मेलन में अमित शाह ने मोदी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और फैसलों को गिनाया. साथ ही राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को निकम्मी और भ्रष्टाचारी करार दिया.
इस दौरान शाह ने पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुई योजनाओं की तारीफ की और 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए सम्मेलन में मौजूद टीम भाजपा को जीत के लिए जुटने का संकल्प दिलाया.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अमित शाह ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के लोग महंगाई को लेकर आंदोलन करते हैं, 70 के दशक में इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था लेकिन कांग्रेस ने गरीब हटाने का काम किया है. साल 2014 में जब भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार आई तब देश में शौचालय नहीं थे, गरीब के घर एलपीजी गैस नहीं थी, 7 साल में मोदी सरकार ने घर घर में रसोई गैस, शौचलयों और घर घर नल के जल की व्यवस्था की.
निकम्मी भ्रष्टाचारी गहलोत सरकार को भाजपा नहीं गिराएगी
अमित शाह ने अपने संबोधन में प्रदेश की गहलोत सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि निकम्मी और भ्रष्टाचारी गहलोत सरकार को भाजपा उखाड़ फेंकेगी. शाह ने कहा गहलोत साहब बार बार अपनी सरकार गिरने की बात कहकर डरते हैं. लेकिन भाजपा उनकी सरकार नहीं गिराएगी. बल्कि साल 2023 में जनता के बीच जाकर प्रचंड बहुमत से अपनी सरकार बनाएगी. शाह ने कहा कि गहलोत सरकार ने न गरीबों को सुविधा दी और न चुनावी वादे पूरे किये. उल्टा पिछली वसुंधरा सरकार की योजनाएं भी रोक दी और केंद्र की योजनाओं को हटाने का काम किया.
लॉ एंड ऑर्डर को गहलोत सरकार ने लो और ऑर्डर करो कर दिया
अमित शाह ने प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर भी गहलोत सरकार पर निशाना साधा. कहा कि राजस्थान में लॉ एंड ऑर्डर यानी कानून व्यवस्था को प्रदेश सरकार ने लो और ऑर्डर करो कर दिया है. शाह ने कहा कि यहां ट्रांसफर इंडस्ट्री लग गई है और महिला व दलितों के अत्याचार में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. शाह ने कहा कि झूठे वादों के साथ कांग्रेस की सरकार सत्ता में आई, कांग्रेस सरकार के वादे अभी तक अधूरे हैं. किसान, युवा बेरोजगार सब सरकार से परेशान हैं.
राहुल गांधी और मनमोहन सरकार भी निशाने पर
अमित शाह ने अपने संबोधन में राहुल गांधी (amit shah on rahul gandhi) पर भी कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भले ही कोई काम नहीं करते हों लेकिन ट्वीट जरूर करते हैं. वहीं पिछली मनमोहन सरकार को अमित शाह ने मौनी बाबा की सरकार बताया और कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में देश पर और सेना पर हमला होता था तो वे चुप बैठ जाया करते थे. लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान को हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया है. इस दौरान सर्जिकल स्ट्राइक की घटना का भी उदाहरण दिया.
यूपी के साथ राजस्थान में चुनाव हों तो पता चल जाएगा
अमित शाह ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि गहलोत सरकार राजस्थान में जन समर्थन की बात और दावा करती है. लेकिन आने वाले दिनों में होने वाले यूपी के चुनाव के साथ यदि राजस्थान में चुनाव करवा दिये जाएं तो उन्हें भी उनकी सरकार और पार्टी की स्थिति का पता चल जाएगा. शाह ने कहा हम तो यही चाहते हैं कि यहां कांग्रेस की सरकार 5 साल पूरा करे. लेकिन जनता का काम भी करे. शाह ने गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि गहलोत यूपी और गुजरात जाना बंद करे और राजस्थान के हालात सुधारे.
पंचायत से लेकर संसद तक के जनप्रतिनिधि हुए शामिल
जनप्रतिनिधि संकल्प महा सम्मेलन में करीब 8000 जनप्रतिनिधि शामिल हुए. इनमें भाजपा के टिकट पर जीते हुए पंचायत राज चुनाव से लेकर नगर निकाय चुनाव और सहकारिता के क्षेत्र तक के छोटे जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे. मंच पर अमित शाह की मौजूदगी में राजस्थान से आने वाले तीनों केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी भी मौजूद रहे.
इसके अलावा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पार्टी, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर, राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़, संसद दीया कुमारी, राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर के साथ ही प्रदेश कोर समिति से जुड़े सभी प्रमुख नेता मौजूद रहे.
शाह की फिसली जुबान
जन प्रतिनिधि सम्मेलन के संबोधन के दौरान अमित शाह की जुबान फिसल गई. अमित शाह ने साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में राजस्थान की 25 में से 23 सीटें भाजपा की झोली में जीत कर आने के लिए धन्यवाद दिया. लेकिन तब 25 में से 24 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी और एक नागौर की सीट पर गठबंधन के तहत भाजपा ने अपना उम्मीदवार ना उतारकर आरएलपी प्रत्याशी हनुमान बेनीवाल को समर्थन दिया था. इसी तरह प्रदेश गहलोत सरकार पर पेट्रोल डीजल पर वैट की दर कम नहीं करने का आरोप अमित शाह ने लगाया जबकि पिछले दिनों गहलोत सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर वैट की दरों में कमी की थी.