जयपुर. कृष्ण मुकुट के सामान जयपुर की शान हवा महल पर्यटकों को चमचमाता नजर आएगा. काफी समय से रंग रोगन का काम नहीं होने से गोल्डन ट्रायंगल का सिरमौर और जयपुर की पहचान हवामहल की रंगत फीकी पड़ गई थी. हवामहल के रंग रोगन के लिए आमेर विकास और प्रबंधन प्राधिकरण ने टेंडर जारी किया. जिसके बाद रंग रोगन का काम तेजी से किया जा रहा है. हवा महल की रंग रोगन के लिए करीब 12 लाख रुपए का टेंडर जारी किया गया था.
कोरोना काल में हवामहल को निखारने का काम जोर-शोर से चल रहा है. उम्मीद है कि लॉकडाउन खुलने के बाद पर्यटकों की आवाजाही शुरू होने पर हवा महल देखने वालों को हवा महल का सौंदर्य काफी लुभाएगा.
जानकारी के अनुसार करीब 7 साल पहले हवा महल का रंग रोगन करवाया गया था. उसके बाद उसका रिनोवेशन नहीं करवाया गया. इस बारे में पुरातत्व और संग्रहालय विभाग ने रिनोवेशन का प्रस्ताव बनाकर आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण को भेजा. इसके बाद आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण ने सुध लेते हुए टेंडर जारी किया.
हवा महल की फीकी रंग रोगन को देखते हुए श्रंगार का काम जोरों से चल रहा है. लॉकडाउन के चलते हवा महल के रंग रोगन कार्य में सहूलियत मिल रही है. क्योंकि लोगों की आवाजाही नहीं होने की वजह से काम अच्छे से किया जा रहा है. हवा महल की ऊंचाई अधिक होने से कामकाज के लिए सपोर्ट बल्लियां लगाई गई है. जिससे किसी प्रकार की कोई घटना नहीं हो सके. जल्द ही हवा महल चमकता हुआ नजर आएगा.
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हवा महल देश-विदेश में काफी प्रसिद्ध है. जयपुर आने वाला हर एक पर्यटक जयपुर की यादें साथ ले जाने के लिए हवा महल के सामने अपनी फोटो जरूर लेकर जाता है. फीकी रंग रोगन के साथ फोटो हवा महल की रौनक कम कर रहा था. इसको देखते हुए टेंडर जारी करके रंग रोगन का काम तेजी से किया जा रहा है.
हवामहल अधीक्षक सरोजिनी चंचलानी ने बताया कि हवा महल का पृष्ठ भाग कृष्ण के मुकुट के समान आकार में बना हुआ है, उसका रंग रोगन कार्य किया जा रहा है. आमेर विकास और प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से रंग रोगन कार्य करवाया जा रहा है. इसके साथ ही हवा महल के अंदर भी एनुअल मेंटेनेंस का कार्य किया जा रहा है. लॉकडाउन के दौरान भी हवा महल में साफ सफाई का कार्य निरंतर जारी है.