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पाक विस्थापितों को आवासीय भूखंड आवंटन करने के लिए बनाई गई नीति में किया गया संशोधन

राजस्थान शहरी विकास और आवास विभाग ने पाकिस्तान से आए विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के बाद आवासीय भूखंडों के आवंटन की नीति में संशोधन किया है. 1965 के बाद से अब तक भारत आए पाक विस्थापितों के लिए नई नीति जारी की गई है.

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नीति में किया गया संशोधन
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Published : Apr 24, 2021, 11:01 PM IST

जयपुर. राजस्थान शहरी विकास और आवास विभाग ने पाकिस्तान से आए विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के बाद आवासीय भूखंडों के आवंटन की नीति में संशोधन किया है. अक्टूबर 2018 में बनाई गई नीति में संशोधन करते हुए 1965 के बाद से अब तक भारत आए पाक विस्थापितों के लिए नई नीति जारी की गई है ताकि उन्हें स्थाई आवास के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़े.

पढ़ें- राजस्थान में 3 हजार होमगार्ड उतरेंगे सड़क पर, बेवजह घूमने वालों की खैर नहीं

पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापित परिवारों को समय-समय पर राज्य के विभिन्न जिलों में भारतीय नागरिकता प्रदान की जाती है. जिसके बाद विस्थापित परिवारों की ओर से शहरी क्षेत्रों में विशेषकर महानगरीय क्षेत्रों में रियायत दर पर आवासीय भूखंडों के आवंटन की मांग की जाती है. इन विस्थापित परिवारों को विभिन्न स्थानों पर संबंधित नगरीय निकाय/नगर विकास न्यास/ विकास प्राधिकरण की ओर से आवासीय भूखंडों का आवंटन किया जाता रहा है. लेकिन ऐसे भूखंड आवंटन की कार्रवाई के लिए राजस्थान सुधार न्यास (शहरी भूमि निस्तारण) नियम, 1974 में स्पष्ट प्रावधान नहीं है.

ऐसी स्थिति में पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापित परिवारों के लिए विभिन्न शहरी निकायों की ओर से आवासीय भूखंड आवंटन के लिए अलग-अलग प्रक्रिया और मापदंड अपनाए जाते हैं. भूखंड आवंटन प्रक्रिया स्पष्ट नहीं होने के कारण विस्थापित परिवारों को इधर-उधर भटकना भी पड़ता है और उनको स्थाई आवास के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के नगर विकास न्यास और जयपुर/जोधपुर/अजमेर विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में आवासीय भूखंड आवंटन करने की प्रक्रिया भूखंड की माप, आवंटन की पात्रता, लीज दर आदि के स्पष्ट निर्देश प्रदान किए जाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए विभाग की ओर से नीति जारी की गई थी.

इस नीति को जारी करने के बाद विभाग में प्राप्त ज्ञापनों में कुछ शिथिलता प्रदान किए जाने की मांग की गई. जिन पर विचार करने के बाद पूर्व में जारी नीति में संशोधन किए गए हैं. इन संशोधनों में भूखंड आवंटन के लिए पात्रता, भूखंड आवंटन के लिए आवेदन की प्रक्रिया, आवासीय भूखंडों में आवंटन के लिए भूमि का चयन, आवासीय भूखंडों में आवंटन की प्रक्रिया, भूखंडों का आकार, कीमत, लीज दर और भूखंड आवंटन के लिए सामान्य शर्तें लागू की गई है.

पढ़ें- राजस्थान में कोरोना से लड़ने के लिए चिकित्सा विभाग के पास पर्याप्त संसाधन: मंत्री रघु शर्मा

इससे पहले जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से पाक विस्थापितों के भूखंड उपलब्ध कराने के लिए नए भूखंडों को स्वीकृति दी गई. जेडीए की ओर से मुख्यमंत्री बजट घोषणा के अनुरूप पाक विस्थापितों को भूखंड उपलब्ध कराए जाने के लिए जोन 8 में जेडीए की योजना गोविंदपुरा में 100 नए भूखंडों का सृजन किए जाने का निर्णय लिया गया था. पूर्व में भूखंड आवंटन से शेष रहे 176 पाक विस्थापितों में से 100 पाक विस्थापितों को नए भूखंडों का सृजन कर भूखंड आवंटित किए जाएंगे. बचे हुए पाक विस्थापितों को जल्द ही जेडीए की अन्य योजनाओं में भूखंड सृजित कर आवंटित किए जाएंगे.

जयपुर. राजस्थान शहरी विकास और आवास विभाग ने पाकिस्तान से आए विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के बाद आवासीय भूखंडों के आवंटन की नीति में संशोधन किया है. अक्टूबर 2018 में बनाई गई नीति में संशोधन करते हुए 1965 के बाद से अब तक भारत आए पाक विस्थापितों के लिए नई नीति जारी की गई है ताकि उन्हें स्थाई आवास के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़े.

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पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापित परिवारों को समय-समय पर राज्य के विभिन्न जिलों में भारतीय नागरिकता प्रदान की जाती है. जिसके बाद विस्थापित परिवारों की ओर से शहरी क्षेत्रों में विशेषकर महानगरीय क्षेत्रों में रियायत दर पर आवासीय भूखंडों के आवंटन की मांग की जाती है. इन विस्थापित परिवारों को विभिन्न स्थानों पर संबंधित नगरीय निकाय/नगर विकास न्यास/ विकास प्राधिकरण की ओर से आवासीय भूखंडों का आवंटन किया जाता रहा है. लेकिन ऐसे भूखंड आवंटन की कार्रवाई के लिए राजस्थान सुधार न्यास (शहरी भूमि निस्तारण) नियम, 1974 में स्पष्ट प्रावधान नहीं है.

ऐसी स्थिति में पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापित परिवारों के लिए विभिन्न शहरी निकायों की ओर से आवासीय भूखंड आवंटन के लिए अलग-अलग प्रक्रिया और मापदंड अपनाए जाते हैं. भूखंड आवंटन प्रक्रिया स्पष्ट नहीं होने के कारण विस्थापित परिवारों को इधर-उधर भटकना भी पड़ता है और उनको स्थाई आवास के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य के नगर विकास न्यास और जयपुर/जोधपुर/अजमेर विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में आवासीय भूखंड आवंटन करने की प्रक्रिया भूखंड की माप, आवंटन की पात्रता, लीज दर आदि के स्पष्ट निर्देश प्रदान किए जाने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए विभाग की ओर से नीति जारी की गई थी.

इस नीति को जारी करने के बाद विभाग में प्राप्त ज्ञापनों में कुछ शिथिलता प्रदान किए जाने की मांग की गई. जिन पर विचार करने के बाद पूर्व में जारी नीति में संशोधन किए गए हैं. इन संशोधनों में भूखंड आवंटन के लिए पात्रता, भूखंड आवंटन के लिए आवेदन की प्रक्रिया, आवासीय भूखंडों में आवंटन के लिए भूमि का चयन, आवासीय भूखंडों में आवंटन की प्रक्रिया, भूखंडों का आकार, कीमत, लीज दर और भूखंड आवंटन के लिए सामान्य शर्तें लागू की गई है.

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इससे पहले जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से पाक विस्थापितों के भूखंड उपलब्ध कराने के लिए नए भूखंडों को स्वीकृति दी गई. जेडीए की ओर से मुख्यमंत्री बजट घोषणा के अनुरूप पाक विस्थापितों को भूखंड उपलब्ध कराए जाने के लिए जोन 8 में जेडीए की योजना गोविंदपुरा में 100 नए भूखंडों का सृजन किए जाने का निर्णय लिया गया था. पूर्व में भूखंड आवंटन से शेष रहे 176 पाक विस्थापितों में से 100 पाक विस्थापितों को नए भूखंडों का सृजन कर भूखंड आवंटित किए जाएंगे. बचे हुए पाक विस्थापितों को जल्द ही जेडीए की अन्य योजनाओं में भूखंड सृजित कर आवंटित किए जाएंगे.

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