जयपुर. प्रदेश के उन हजारों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है, जो कर्मचारी लम्बी बीमारी से ग्रसित हैं और बेड पर हैं या निशक्त और अयोग्य हो गए हैं. गहलोत सरकार ऐसे कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति (Anukampa Niyukti) देने जा रही है. कार्मिक विभाग ने इसके लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नियमों में संशोधन कर ड्राफ्ट तैयार कर लिया (Amendment in VRS rules in Rajasthan) है, लेकिन इस ड्राफ्ट में उम्र की बाध्यता पर कर्मचारी संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए उम्र की समय सीमा को हटाने की मांग की है.
स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नियमों में संशोधन: प्रदेश की गहलोत सरकार कर्मचारियों के हित में बड़ा निर्णय करते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति नियमों में संशोधन करने जा रही है. संशोधित नियमों के अनुसार अब राजकीय सेवा में रहते ड्यूटी के दौरान अगर कोई कार्मिक पूर्णतः निशक्त या कार्य करने में अयोग्य हो जाता है तो भी उस कर्मचारी के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ मिल सकेगा. इसकी क्रियान्विति के लिए कार्मिक विभाग के स्तर से नये नियम the Rajasthan Compassionate Appointment of Dependents of Permanent Total Disabled Government Servants Rules, 2022 बनाए गए हैं. नियमों का ड्राफ्ट तैयार कर कार्मिक विभाग ने फाइनेंस रूल्स को भेज दिया है. अब फाइनेंस रूल्स नियमों का अध्ययन कर स्वीकृति जारी की जाएगी.
यह होगा नियम: विभिन्न विभागों, निगम, बोर्ड, स्वायत्तशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों के निशक्त या अयोग्य होने पर आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी. कार्मिक विभाग ने इसके लिए नियमों में संशोधन कर ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. ड्राफ्ट में कहा गया है कि राज्य में उन कर्मचारियों के आश्रितों को भी नौकरी दी जाएगी जो ड्यूटी के दौरान किसी हादसे के शिकार होने की वजह से निशक्त हो गए और ऐसी किसी लाइलाज बीमारी से ग्रसित हो गए हैं. उन कर्मचारी के आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी, लेकिन इसमें अब तक बने नियमों के तहत उम्र की बाध्यता रखी है. अनुकंपा नियुक्ति का लाभ उसी कर्मचारी के आश्रित को मिलेगा, जिस कर्मचारी की राजकीय सेवा में कम से कम 5 साल का वक्त बचा हो यानी उम्र 55 वर्ष से कम है.
ऊर्जा विभाग के कर्मचारियों के लिए लाभदायक: दरअसल ऊर्जा विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ आये दिन हादसों के मामले सामने आ रहे थे. खासतौर पर फील्ड में बिजली के खम्बों पर काम करने वाले लाइनमेन या अन्य सहयोगी के बिजली के करंट से कई बाद शरीर जल जाता है या हाथ-पैर काटने जैसी भी परिस्थियां उत्पन्न हो जाती हैं. इन हालातों में वो कर्मचारी फिर से फील्ड का काम नहीं कर पाते. इस तरह के मामलों को लेकर कर्मचारी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास गए थे. इसी तरह के मामलों में संवेदनशीलता दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2022-23 बजट में इन कर्मचारियों को राहत देते हुए बड़ी सौगात दी.
कर्मचारी संगठनों की मांग: VRS नियमों में हो रहे संशोधन की फाइल डीओपी ने फाइनेंस विभाग को भेज दी है. उम्मीद की जा रही है इसी महीने में फाइनेंस रूल्स से ड्राफ्ट को मंजूरी के साथ ही प्रदेश के हजारों कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकेगा, लेकिन कर्मचारी नेता गजेंद्र सिंह राठौड़ ने इस नियम में उम्र की बाध्यता को लेकर सवाल उठाए (Demand of change in age bar) हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को उम्र की बाध्यता के नियम को हटाना चाहिए. सेवा के आखरी दिन तक भी किसी कर्मचारी के साथ कोई हादसा हो जाये और वो डिसेबल हो जाये तो उस कर्मचारी के आश्रितों को अनुकंपा का लाभ दिया जाना चाहिए.
अनुकंपा नियुक्ति नियम-1996 में शीघ्र संशोधन की मांग: राठौड़ ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति नियम 1996 के उप नियम 5 के अनुसार मृतक परिवार के किसी सदस्य के पूर्व से ही सरकारी नौकरी में होने पर अन्य आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति के योग्य नहीं माना जाता है. यह नियम 1996 का है. जब संयुक्त परिवार हुआ करते थे. लेकिन अब समय बदल गया है. यह समय एकल परिवार का है और अब समय की मांग है कि इन नियमों में संशोधन किया जाए. राठौड़ ने कहा कि मृतक के संकटग्रस्त परिवार के बेरोजगार सदस्यों को रोजगार के अवसर से वंचित करना संविधान प्रदत्त अधिकारों का भी हनन है. उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के नियम-5 को पूरी तरह से अव्यवहारिक बताते हुऐ मुख्यमंत्री से इस नियम में शीघ्र संशोधन कराने की मांग की है.