जयपुर. कोरोना महामारी के बीच प्रदेश की एंबुलेंस सेवा 12 अक्टूबर से ठप हो सकती है. एंबुलेंस कर्मचारियों की गुरुवार को हुई प्रदेश स्तरीय बैठक में यह निर्णय राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन की ओर से लिया गया है. लंबे समय से एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही है, लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी है.
राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि गुरुवार को एंबुलेंस सेवा 108 और 104 के कर्मचारियों की प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित हुई. बैठक में जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. शेखावत ने बताया कि एंबुलेंस कर्मचारी अक्टूबर वर्ष 2019 से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.
पढ़ें- गहलोत सरकार को 'सुप्रीम' झटका, जोशी बोले- निकाय चुनाव में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना बड़ी चुनौती
शेखावत का कहना है कि एंबुलेंस कर्मचारी पूरे कोरोना काल में फ्रंट वॉरियर के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार की ओर से एंबुलेंस कर्मचारियों की सिर्फ अनदेखी की जा रही है. राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन का कहना है कि बीते 6 महीने से वे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारियों के साथ वार्ता कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ उन्हें आश्वासन ही मिल रहा है.
कर्मचारियों की मांगें...
राजस्थान एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन का कहना है कि बीते कुछ समय से एंबुलेंस कर्मचारी 20 फीसदी वेतन बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा राजस्थान सरकार की ओर से बनाई गई संविदाकर्मियों के लिए कमेटी में एंबुलेंस कर्मचारियों को भी शामिल किया जाए. अपनी इन्हीं मांगों को लेकर बीते कुछ समय से एंबुलेंस कर्मचारी संघर्ष कर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो 12 अक्टूबर से प्रदेश भर में 108 और 104 एंबुलेंस सेवा ठप कर दी जाएगी.