जयपुर. अलवर के थानागाजी इलाके में पति को बंधक बनाकर महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में अब पीड़िता को पुलिस कांस्टेबल की नौकरी मिल गई है. कैबिनेट सरकुलेशन के जरिए पीड़िता के नौकरी के आदेश जारी किए गए हैं.
इससे पहले पीड़िता की इच्छा के अनुसार गृह विभाग ने उसकी फाइल तैयार करके मुख्यमंत्री कार्यालय अनुमति के लिए भेजी थी. मुख्यमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद आज कैबिनेट सरकुलेशन के जरिए पीड़िता की नौकरी के आदेश जारी कर दिए गए. पीड़िता की पहचान उजागर नहीं हो, इसलिए उसे उसके गृह जिले से दूर अन्य जिले में पोस्टिंग दी जाएगी. साथ ही उसके नाम में भी परिवर्तन किया गया है. ताकि पीड़िता को कोई पहचान नहीं पाए.
दरअसल पिछले दिनों अलवर के थानागाजी में कुछ युवकों ने मिलकर पति के साथ जा रही एक महिला को रोक कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था. इतना ही नहीं आरोपियों ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म का वीडियो भी वायरल कर दिया था. इसके बाद पूरे देश भर में अलवर इस घटना को लेकर सरकार को काफी किरकिरी झेलनी पड़ी थी. घटना के बाद महिला सामाजिक संगठन और दलित संगठनों ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी.
महिला सामाजिक संगठनों ने उस समय सरकार से मांग करी थी कि दुष्कर्म की घटना के बाद अब पीड़िता का उसके क्षेत्र में रहना दुश्वार हो जाएगा. इसलिए सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पीड़िता के भरण-पोषण की जिम्मेदारी ले और उसकी योग्यता के अनुसार उसे नौकरी दे. उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीड़िता को नौकरी देने की घोषणा की थी. इसके साथ ही कोई भी पहचान उजागर नहीं हुए बिना ही यह सब किया जाएगा.
नौकरी ऑफर होने के बाद खुद पीड़िता ने पुलिस कांस्टेबल की नौकरी की इच्छा जताई थी. पीड़िता ने कहा था कि जिस तरह से उसके साथ में सामूहिक दुष्कर्म और इस पूरे मामले में पुलिस ने लापरवाही बरती. वह नहीं चाहती कि कोई और इस तरह से पुलिस की कार्यशैली को लेकर पीड़ित परेशान हो, इसलिए वह पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए पुलिस की नौकरी करना चाहती है.