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अन्नदाता की पुकार : लॉकडाउन में फसल कटाई की मशीनों को मिले आवाजाही की छूट

कोरोना वायरस के आतंक को को अब अन्नदाता को झेलना पड़ रहा है. जहां सरकार ने किसानों को लॉकडाउन से छूट दे दी है. लेकिन, थ्रैशर और कटर को इससे बाहर रखा गया है. जिससे किसान कटाई नहीं कर पा रहे हैं.

जयपुर न्यूज, jaipur news
अन्नदाता की पुकार
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Published : Mar 30, 2020, 4:35 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए जहां देशभर में लॉक डाउन है. वहीं इससे किसानों की खड़ी फसल की कटाई भी थम सी गई है. कारण साफ है कि लॉकडाउन के कारण फसल से गेहूं, चना आदि निकालने के काम आने वाली मशीनें थ्रैशर और कटर का खेतों तक नहीं पहुंच पाना.

अन्नदाता की पुकार

लॉक डाउन से इन मशीनों की गाड़ियां आवाजाही से मुक्त नहीं रखी गई है, जिसके चलते फसलें पक कर तैयार होने के बावजूद उसमें से अनाज निकाले जाने का काम लगभग बंद सा पड़ा है. यही कारण है अन्न दाता यानी किसान अब सरकार से अपनी फसलों की कटाई के लिए इन मशीनों से जुड़े वाहनों को लॉकडाउन से मुक्त रखने की गुहार कर रहा है.

पढ़ें: मुख्यमंत्रियों के नाम गहलोत का खत, 'राजस्थान के लोगों की मूलभूत सुविधाओं का रखें ध्यान, उनका खर्च वहन करेगी सरकार'


हालांकि, राजस्थान में खड़ी फसल से अनाज निकालने की मशीने गिने-चुने लोगों के पास ही है और अधिकतर मशीन हरियाणा और पंजाब से राजस्थान में आती है और किसानों की फसल की कटाई करने के बाद अपना मेहनताना किराया लेकर चले जाते हैं.

लेकिन, कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते हैं सभी राज्यों की सीमाएं सील कर दी गई है. राजस्थान में जिन लोगों के पास इस प्रकार की मशीनें हैं आसपास के किसानों के खेत तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे ही कुछ लोगों से बात की ईटीवी भारत संवाददाता ने और उनकी पीड़ा जानी.

पढ़ेंः CORONA के खिलाफ भिवाड़ी तैयार, आइसोलेशन और क्वॉरेंटाइजेशन सेंटर किए गए चिन्हित

बड़ी मुश्किल से खेत में अनाज निकालने पहुंचे इन मशीन मालिकों से जब बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिस वाले उन्हें बाहर निकलने नहीं देते और कहने पर भी लॉकडाउन का हवाला देकर धमखाते हैं.

इनका कहना है कि किसानों के काम आने वाले प्रमुख वाहनों को लॉकडाउन से मुक्त रखा जाएगा तो इस मौसम में जब गेहूं चना और सरसों की फसल पककर तैयार हो चुकी हैं तो उसे किसानों के खेत में पहुंचकर कटाई की जा सकती है, ताकि उस अनाज का किसान भी संग्रहण करके रख सकें.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए जहां देशभर में लॉक डाउन है. वहीं इससे किसानों की खड़ी फसल की कटाई भी थम सी गई है. कारण साफ है कि लॉकडाउन के कारण फसल से गेहूं, चना आदि निकालने के काम आने वाली मशीनें थ्रैशर और कटर का खेतों तक नहीं पहुंच पाना.

अन्नदाता की पुकार

लॉक डाउन से इन मशीनों की गाड़ियां आवाजाही से मुक्त नहीं रखी गई है, जिसके चलते फसलें पक कर तैयार होने के बावजूद उसमें से अनाज निकाले जाने का काम लगभग बंद सा पड़ा है. यही कारण है अन्न दाता यानी किसान अब सरकार से अपनी फसलों की कटाई के लिए इन मशीनों से जुड़े वाहनों को लॉकडाउन से मुक्त रखने की गुहार कर रहा है.

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हालांकि, राजस्थान में खड़ी फसल से अनाज निकालने की मशीने गिने-चुने लोगों के पास ही है और अधिकतर मशीन हरियाणा और पंजाब से राजस्थान में आती है और किसानों की फसल की कटाई करने के बाद अपना मेहनताना किराया लेकर चले जाते हैं.

लेकिन, कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते हैं सभी राज्यों की सीमाएं सील कर दी गई है. राजस्थान में जिन लोगों के पास इस प्रकार की मशीनें हैं आसपास के किसानों के खेत तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. ऐसे ही कुछ लोगों से बात की ईटीवी भारत संवाददाता ने और उनकी पीड़ा जानी.

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बड़ी मुश्किल से खेत में अनाज निकालने पहुंचे इन मशीन मालिकों से जब बात की तो उन्होंने कहा कि पुलिस वाले उन्हें बाहर निकलने नहीं देते और कहने पर भी लॉकडाउन का हवाला देकर धमखाते हैं.

इनका कहना है कि किसानों के काम आने वाले प्रमुख वाहनों को लॉकडाउन से मुक्त रखा जाएगा तो इस मौसम में जब गेहूं चना और सरसों की फसल पककर तैयार हो चुकी हैं तो उसे किसानों के खेत में पहुंचकर कटाई की जा सकती है, ताकि उस अनाज का किसान भी संग्रहण करके रख सकें.

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