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जयपुर : अखिल भारतीय बलाई महासभा का सामूहिक विवाह सम्मेलन, 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे - Mass marriage conference

राजधानी जयपुर में रविवार को सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित हुआ. इसमें 51 जोड़ों ने एक-दूसरे के साथ सात फेरे लिए. विवाह सम्मेलन में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' 'दहेज मुक्त शादी' और 'पर्यावरण संरक्षण' का भी संदेश दिया गया.

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अखिल भारतीय बलाई महासभा का सामूहिक विवाह सम्मेलन
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Published : Mar 8, 2020, 7:55 PM IST

जयपुर. राजधानी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन अखिल भारतीय बलाई महासभा की ओर से सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया. सिविल लाइंस स्थित ईसरदा पैलेस में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.

अखिल भारतीय बलाई महासभा का सामूहिक विवाह सम्मेलन

सामूहिक विवाह सम्मेलन में अखिल भारतीय बलाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक बाबूलाल बछेर सहित समाज के कई गणमान्य लोग पहुंचे और वर-वधू को आशीर्वाद दिया. विवाह सम्मेलन में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' दहेज मुक्त शादी और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया गया. विवाह सम्मेलन में पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजा-अर्चना कर अग्नि के समक्ष सभी जोड़ों के फेरे करवाए. सम्मेलन में हजारों की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए और वर वधू को आशीर्वाद दिया.

यह भी पढ़ें- महिला दिवस पर छलका दर्द, '30 रु रोजी में कैसे गुजारा करेंगे, तनख्वाह बढ़ाओ सरकार'

अखिल भारतीय बलाई महासभा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद कुमार बुनकर ने बताया, कि बलाई समाज का द्वितीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया है. सामूहिक विवाह सम्मेलन में बलाई समाज के 51 जोड़ों का विवाह हुआ. सामूहिक विवाह सम्मेलन में गरीब परिवारों के बच्चे बच्चों के फेरे करवाए जाते हैं, जो कि शादी विवाह का खर्च उठाने में भी असमर्थ है. उन्होंने बताया कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में वर-वधू को जरूरी सामान सहित उपहार भेंट किए गए. इस तरह के सामूहिक विवाह सम्मेलनों से समाज की कुप्रथा दहेज प्रथा जैसे कई फिजूल खर्चों पर लगाम लगती है. समाज से दहेज प्रथा को बंद करना अखिल भारतीय बलाई महासभा का उद्देश्य है.

दहेज प्रथा जैसी प्रथाओं के कारण लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाते और दहेज प्रथा के कारण ही बेटियों पर कई जुल्म भी होते हैं. इसलिए महासभा की ओर से हर साल सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर समाज की प्रतिभाओं और सराहनीय कार्य करने वाली महिला शक्ति को सम्मानित किया गया.

जयपुर. राजधानी में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन अखिल भारतीय बलाई महासभा की ओर से सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया गया. सिविल लाइंस स्थित ईसरदा पैलेस में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में 51 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे.

अखिल भारतीय बलाई महासभा का सामूहिक विवाह सम्मेलन

सामूहिक विवाह सम्मेलन में अखिल भारतीय बलाई महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक बाबूलाल बछेर सहित समाज के कई गणमान्य लोग पहुंचे और वर-वधू को आशीर्वाद दिया. विवाह सम्मेलन में 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' दहेज मुक्त शादी और पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया गया. विवाह सम्मेलन में पंडित ने वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजा-अर्चना कर अग्नि के समक्ष सभी जोड़ों के फेरे करवाए. सम्मेलन में हजारों की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए और वर वधू को आशीर्वाद दिया.

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अखिल भारतीय बलाई महासभा के प्रदेश प्रवक्ता विनोद कुमार बुनकर ने बताया, कि बलाई समाज का द्वितीय सामूहिक विवाह सम्मेलन आयोजित किया गया है. सामूहिक विवाह सम्मेलन में बलाई समाज के 51 जोड़ों का विवाह हुआ. सामूहिक विवाह सम्मेलन में गरीब परिवारों के बच्चे बच्चों के फेरे करवाए जाते हैं, जो कि शादी विवाह का खर्च उठाने में भी असमर्थ है. उन्होंने बताया कि सामूहिक विवाह सम्मेलन में वर-वधू को जरूरी सामान सहित उपहार भेंट किए गए. इस तरह के सामूहिक विवाह सम्मेलनों से समाज की कुप्रथा दहेज प्रथा जैसे कई फिजूल खर्चों पर लगाम लगती है. समाज से दहेज प्रथा को बंद करना अखिल भारतीय बलाई महासभा का उद्देश्य है.

दहेज प्रथा जैसी प्रथाओं के कारण लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं कर पाते और दहेज प्रथा के कारण ही बेटियों पर कई जुल्म भी होते हैं. इसलिए महासभा की ओर से हर साल सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर समाज की प्रतिभाओं और सराहनीय कार्य करने वाली महिला शक्ति को सम्मानित किया गया.

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