ETV Bharat / city

'आखर' में राजस्थानी भाषा की साहित्यकार आनंद कौर व्यास से संवाद, क्या कहा सुनिये - लेखिका मोनिका गौड़

राजधानी जयपुर में शनिवार को 'आखर' कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें राजस्थानी भाषा की साहित्यकार आनंद कौर व्यास से लेखिका मोनिका गौड़ ने संवाद किया. जहां उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा की गई.

जयपुर में 'आखर' का आयोजन, 'Akhar' organized in Jaipur, jaipur latest news, जयपुर न्यूज
author img

By

Published : Oct 12, 2019, 9:53 PM IST

जयपुर. प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा ग्रास रूट मीडिया फाउंडेशन के सहयोग से राजस्थानी साहित्य कला और संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से 'आखर' का आयोजन हुआ. जयपुर के निजी होटल में हुए कार्यक्रम में आखर श्रृंखला में राजस्थानी भाषा की साहित्यकार आनंद कौर व्यास से उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा की गई. जहां उनके साथ लेखिका मोनिका गौड़ ने वन-टू-वन संवाद किया.

जयपुर में 'आखर' का आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत में बाल साहित्य मदर टेरेसा की जीवनी और बच्छेन्द्री पाल की जीवनी पर लेख दिये. कार्यक्रम के दौरान आनंद कौर व्यास को 1995 में राजस्थानी भाषा में लिखने के शुरुआती दिनों के बारे में पूछा गया. जिसपर उन्होंने कहा कि उनकी रचनाओं में क्रांतिकारी चित्रणों को प्रमुखता दी जाती है.

उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है और हमारे आसपास निरंतर कहानियां बन रही है और घट रही है. इसलिए आप किसी विषय से अछूते नहीं रह सकते. विशेषकर कामकाजी महिला जीवन की विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं. वहीं सामाजिक स्तर पर कई समस्या और कुरीतियां उनके विकास में बाधक हैं. इसके लिए आवश्यक है कि इन सभी विषय पर चर्चा की जाए.

यह भी पढ़ें- युवक को गिरफ्तार करने पर पुलिस थाने पहुंची महिलाओं ने जमकर काटा बवाल...VIDEO VIRAL

उन्होंने राजस्थानी लेखिकाओं को साधुवाद करते हुए कहा कि वह लगातार बेहतर लिख रही हैं और विषयों में समावेश करते हुए उन अनछुए पहलुओं को सम्मिलित कर रही हैं. जिनमें परंपरागत रूप से लोग बचते रहे. अपने संवाद में आनंद कौर व्यास ने अपनी कथाओं 'मोल मिनखाचारे रो' और 'मून रा चितराम' का पाठ भी किया. बीकानेर में जन्मी आनंद कौर व्यास ने 1995 में ही राजस्थानी भाषा पर लिखना शुरू कर दिया था. जिसको लेकर उन्होंने लेखक जीवन की शुरुआत और अपने बचपन के अनुभव को भी साझा किया.

जयपुर. प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा ग्रास रूट मीडिया फाउंडेशन के सहयोग से राजस्थानी साहित्य कला और संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से 'आखर' का आयोजन हुआ. जयपुर के निजी होटल में हुए कार्यक्रम में आखर श्रृंखला में राजस्थानी भाषा की साहित्यकार आनंद कौर व्यास से उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा की गई. जहां उनके साथ लेखिका मोनिका गौड़ ने वन-टू-वन संवाद किया.

जयपुर में 'आखर' का आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत में बाल साहित्य मदर टेरेसा की जीवनी और बच्छेन्द्री पाल की जीवनी पर लेख दिये. कार्यक्रम के दौरान आनंद कौर व्यास को 1995 में राजस्थानी भाषा में लिखने के शुरुआती दिनों के बारे में पूछा गया. जिसपर उन्होंने कहा कि उनकी रचनाओं में क्रांतिकारी चित्रणों को प्रमुखता दी जाती है.

उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण है और हमारे आसपास निरंतर कहानियां बन रही है और घट रही है. इसलिए आप किसी विषय से अछूते नहीं रह सकते. विशेषकर कामकाजी महिला जीवन की विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं. वहीं सामाजिक स्तर पर कई समस्या और कुरीतियां उनके विकास में बाधक हैं. इसके लिए आवश्यक है कि इन सभी विषय पर चर्चा की जाए.

यह भी पढ़ें- युवक को गिरफ्तार करने पर पुलिस थाने पहुंची महिलाओं ने जमकर काटा बवाल...VIDEO VIRAL

उन्होंने राजस्थानी लेखिकाओं को साधुवाद करते हुए कहा कि वह लगातार बेहतर लिख रही हैं और विषयों में समावेश करते हुए उन अनछुए पहलुओं को सम्मिलित कर रही हैं. जिनमें परंपरागत रूप से लोग बचते रहे. अपने संवाद में आनंद कौर व्यास ने अपनी कथाओं 'मोल मिनखाचारे रो' और 'मून रा चितराम' का पाठ भी किया. बीकानेर में जन्मी आनंद कौर व्यास ने 1995 में ही राजस्थानी भाषा पर लिखना शुरू कर दिया था. जिसको लेकर उन्होंने लेखक जीवन की शुरुआत और अपने बचपन के अनुभव को भी साझा किया.

Intro:'आखर' श्रृंखला में एक निजी होटल में कार्यक्रम आयोजित हुआ. जिसमें राजस्थानी भाषा की साहित्यकार आनंद कौर व्यास से लेखिका मोनिका गौड़ ने संवाद किया. जहां उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर चर्चा की गई


Body:जयपुर : प्रभा खेतान फाउंडेशन द्वारा ग्रास रूट मीडिया फाउंडेशन के सहयोग से राजस्थानी साहित्य कला व संस्कृति से रूबरू कराने के उद्देश्य से 'आखर' का आयोजन हुआ. जयपुर के निजी होटल में हुए कार्यक्रम में आखर श्रृंखला में राजस्थानी भाषा की साहित्यकार आनंद कौर व्यास से उनके कृतित्व व व्यक्तित्व पर चर्चा की गई. जहां उनके साथ लेखिका मोनिका गौड़ ने वन टू वन संवाद किया.

कार्यक्रम की शुरुआत में बाल साहित्य मदर टेरेसा की जीवनी और बच्छेन्द्री पाल की जीवनी पर लेख दिये. कार्यक्रम के दौरान आनंद कौर व्यास को 1995 में राजस्थानी भाषा में लिखने के शुरुआती दिनों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि, उनकी रचनाओं में क्रांतिकारी चित्रणों को प्रमुखता दी जाती है. साहित्य समाज का दर्पण है और हमारे आसपास निरंतर कहानियां बन रही है व घट रही है. इसलिए आप किसी विषय से अछूते नहीं रह सकते. विशेषकर कामकाजी महिला जीवन के विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करती हैं. वही सामाजिक स्तर पर कई समस्या और कुरीतियां उनके विकास में बाधक है. इसके लिए आवश्यक है कि इन सभी विषय पर चर्चा की जाए.

उन्होंने राजस्थानी लेखिकाओं को साधुवाद करते हुए कहा, कि वह लगातार बेहतर लिख रही हैं और विषयों में समावेश करते हुए उन अनछुए पहलुओं को सम्मिलित कर रही हैं. जिनमें परंपरागत रूप से लोग बचते रहे. अपने संवाद में आनंद कौर व्यास ने अपनी कथाओं 'मोल मिनखाचारे रो' और 'मून रा चितराम' का पाठ भी किया. बीकानेर में जन्मी आनंद कौर व्यास ने 1995 में ही राजस्थानी भाषा पर लिखना शुरू कर दिया था. जिसको लेकर उन्होंने लेखक जीवन की शुरुआत और अपने बचपन के अनुभव को साझा को भी साझा किया.

बाइट- विजय शर्मा, संयोजक, कलानेरी आर्ट गैलरी


Conclusion:..
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.