जयपुर. अंतरराष्ट्रीय सांगानेर एयरपोर्ट पर कर्मचारियों का नशे के हालत में पकड़े जाने का सिलसिला लगातार जारी है. बता दें कि दिसम्बर महीने में कई बार कर्मचारियों को नशे की हालत में पकड़े जाने का मामला सामने आ चुका है. इसे लेकर एयरपोर्ट प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है.
दिसंबर माह में पकड़े गए कर्मचारियों में एक एयर होस्टेस भी शामिल थी. आलम ये है कि एयरपोर्ट पर ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट की जरूरत पड़ने लगी है. अक्टूबर महीने से जयपुर एयरपोर्ट पर ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट भी शुरू हो गया है. हालांकी, दिसंबर में पकड़े गए कर्मचारियों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट नहीं करवाया गया था. क्योंकि नशे में धुत इन कर्मचारियों को देखकर कोई भी आसानी से पहचान जाता की ये नशे में हैं. इसी वजह से यात्री से मिली शिकायत के आधार पर इन सभी कर्मचारियों की गिऱफ्तारी की गई थी. गिरफ्तारी के बाद एयरपोर्ट प्रशासन ने उनका ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट करवाया, जिसमें उन्हें अल्कोहल बी पॉजिटिव पाया गया था.
जयपुर एयरपोर्ट के निदेशक जयदीप बल्हारा का कहना है कि दिसंबर माह के अंतर्गत कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. पकड़े गए कर्मचारियों को 3 महीने के लिए निलंबित भी किया जाता है. उन्होंने कहा कि शराब के नशे में पाए जाने पर डीजीसीए के तहत कार्रवाई की जाती है. अगर कोई कर्मचारी 1 बार से ज्यादा ऐसी हालत में पाया जाता है तो उसको हमेशा के लिए निलंबित कर दिया जाता है.
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जानिए नशे की हालत में कब- कब पकड़े गए कर्मचारी-
- जयपुर एयरपोर्ट पर पहला मामला 22 दिसंबर को इंडिगो की फ्लाइट में पकड़ा गया था जिसमें एक एयरहोस्टेस नशे की हालत में ही फ्लाइट में चले गई थी. ऐसे में यात्रियों ने उसकी शिकायत की और इंडिगो प्रशासन की ओर से 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था.
- दूसरा मामला 26 दिसंबर को सामने आया था जिसके अंतर्गत एयर इंडिया के ग्राउंड हैंडलिंग एजेंसी के एक कर्मचारी को पकड़ा गया था जिसे 3 महीने के लिए निलंबित किया गया था.
- तीसरा मामला 24 दिसंबर को इंडो थाई के दो कर्मचारियों के साथ आया था. जिसके बाद दोनों कर्मचारियों को 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया गया था.
- चौथा मामला इंडिगो के एक ड्राइवर का सामने आया था. बस ड्राइवर नशे की हालत में ड्राइव कर रहा था. ऐसे में उसकी शिकायत करने पर उसे 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया था.
नशे की हालत में पकेड़े जाने पर क्या है नियम
एयरपोर्ट के निदेशक बल्हारा की मानें तो कोई भी कर्मचारी अगर पहली बार नशे के हालत में पकड़ा जाता है, तो उसे 3 महीने के लिए निलंबित कर दिया जाता है. वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर उसे हमेशा के लिए निलंबित कर दिया जाता है. साथ ही डीजीसीए के नियमों के तहत कार्रवाई भी की जाती है.