जयपुर. राजधानी में अधूरी पड़ी सेक्टर सड़कों का काम इस साल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. भूमि अधिग्रहण के विवादों के कारण लंबे समय से शहर के कई प्रमुख क्षेत्र के लोग सुगम राह का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि, अब प्रॉपर मॉनिटरिंग के साथ इन सड़कों का काम निपटाने के निर्देश दिए गए हैं.
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शहर में कई वर्षों से विभिन्न क्षेत्रों में सेक्टर रोड अधूरी पड़ी है. इन सड़कों को लेकर चल रहे विवाद जेडीए के लिए गले का फांस बना हुआ है और शहर वासियों के लिए सुगम राह का रोड़ा. कई किसानों ने अब तक जेडीए को जमीन नहीं सौंपी है, तो कहीं अतिक्रमण आड़े आ रहा है. इसकी वजह से करीब 150 से ज्यादा कॉलोनियों के लोग प्रभावित हो रहे हैं. हालांकि अब खातेदारों को उचित मुआवजा देने का निर्णय लेते हुए इस साल के अंत तक अधूरी पड़ी सेक्टर सड़कों का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
इन क्षेत्रों में होना है सेक्टर रोड निर्माण कार्य...
- अजमेर रोड से डिग्गी मालपुरा 10 किलोमीटर
- वंदे मातरम मार्ग 8 किलोमीटर
- गोल्यावास सर्किल से रिंग रोड 10 किलोमीटर
- B2 बायपास से पृथ्वीराज नगर 3 किलोमीटर
विवादों को निपटा कर सेक्टर रोड पूरा करने के निर्देश
जोनल प्लान/सेक्टर प्लान और उसमें जो सेक्टर रोड का नेटवर्क प्लान किया है, वो शहर के नजरिए से महत्वपूर्ण है. वर्तमान में काफी सेक्टर रोड आंशिक बनी हुई है. जेडीसी के अनुसार काफी जगह मिसिंग लिंक हैं. इस वजह से एंड टू एंड कनेक्टिविटी नहीं मिल पाती. ऐसे में जेडीए की कार्यकारी समिति में बनी एसओपी के अनुसार इन रोड को प्राथमिकता पर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके लिए 18 प्रशासनिक जोन के इंजीनियर को ऑथराइज कर, जोन उपायुक्त को निर्देशित किया गया है कि जमीन अधिग्रहण से संबंधित मसलों को सुलझा कर सेक्टर रोड का काम जल्द पूरा किया जाए. प्रत्येक मंगलवार को इसकी मॉनिटरिंग को शुरू की गई है.
इसके साथ ही जेडीए शहर में यातायात सुधारीकरण, सौंदर्यीकरण और पर्यटन सुविधाओं की डिजाइनिंग कार्य करवा रहा है. इस क्रम में लक्ष्मी मंदिर तिराहा और जवाहर सर्किल पर प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए शुक्रवार को 48 करोड़ रुपए की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की गई. इसके अलावा शहर के अन्य विकास कार्य पर 28 करोड़ खर्च किए जाएंगे.