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AIIMS के डॉक्टरों ने दिल में छेद की सफल सर्जरी कर मरीज को दिया जीवनदान - Rishikesh Successful treatment of heart disease

एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने राजस्थान व्यक्ति का सफल इलाज किया है. व्यक्ति के दिल में जन्म से छेद था. एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने सर्जरी के जरिए मरीज को जीवनदान दिया है.

ऋषिकेश लेटेस्ट न्यूज  एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत  ऋषिकेश दिल की बीमारी का सफल इलाज  All India Institute of Medical Sciences Rishikesh  AIIMS Rishikesh  Rishikesh Hindi News  Rishikesh Latest News  AIIMS Director Padmashree Professor Ravi Kant  Rishikesh Successful treatment of heart disease  successful heart hole surgery
सफल सर्जरी कर मरीज को दिया जीवनदान
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Published : Feb 4, 2021, 8:21 AM IST

ऋषिकेश/जयपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने राजस्थान निवासी एक व्यक्ति के जन्मजात दिल में छेद होने से साइनस विनोसस डिफेक्ट बीमारी की जटिल सर्जरी कर उसे जीवनदान दिया है. एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने चिकित्सकीय टीम की सफलतापूर्वक जटिल सर्जरी को अंजाम देने के लिए प्रशंसा की है.

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AIIMS ऋषिकेश ने दिल में छेद की सफल सर्जरी कर दिया जीवनदान

बता दें, राजस्थान निवासी एक व्यक्ति जो कि पिछले दो महीने से सांस फूलने की बीमारी से पीड़ित थे, एम्स अस्पताल में जांच करने पर पता चला कि उनके दिल में जन्म से छेद है. जिसकी उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं थी. इसके चलते उनके स्वच्छ खून की नसें गलत भाग में खुल रही थीं. इसे मेडिकल साइंस में साइनस विनोसस डिफेक्ट एवं पी.ए.पी.वीसी के नाम से जाना जाता है.

इस बीमारी के चलते मरीज ने राजस्थान में कई चिकित्सकों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई खास समाधान नहीं मिला. उन्हें बताया गया कि ऑपरेशन कराने के बाद उन्हें पेसमेकर की जरूरत पड़ सकती है, इसके बाद उन्होंने एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों से संपर्क साधा. सीटीवीएस विभाग के शल्य चिकित्सक डॉ. अनीष गुप्ता ने जन्मजात हृदय संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ डॉ. अजेय मिश्रा व डॉ. यश श्रीवास्तव से परामर्श किया. उसके बाद उनकी इस हाई रिस्क सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.

पढ़ें: भारतीय सेना के दो कमांडरों के बीच मतभेद की होगी जांच, आर्मी ने दिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश

क्या है पीएपी वीसी

  • जन्मजात हृदय की बीमारी जिसका इलाज ऑपरेशन से संभव.
  • साफ खून की कुछ नसें गंदे खून के भाग में खुल जाती हैं.
  • दिल में छेद होने को साइनस विनोसस डिफेक्ट कहते हैं.

बीमारी के लक्षण

  • सांस फूलना
  • दिल की धड़कन तेज होना.
  • जल्दी थकान लगना.
  • पैर में सूजन आना.
  • समय पर इलाज नहीं कराने से हो सकता है हार्ट फेल.
  • शरीर नीला पड़ सकता है.

ऋषिकेश/जयपुर. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों ने राजस्थान निवासी एक व्यक्ति के जन्मजात दिल में छेद होने से साइनस विनोसस डिफेक्ट बीमारी की जटिल सर्जरी कर उसे जीवनदान दिया है. एम्स निदेशक प्रोफेसर रविकांत ने चिकित्सकीय टीम की सफलतापूर्वक जटिल सर्जरी को अंजाम देने के लिए प्रशंसा की है.

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AIIMS ऋषिकेश ने दिल में छेद की सफल सर्जरी कर दिया जीवनदान

बता दें, राजस्थान निवासी एक व्यक्ति जो कि पिछले दो महीने से सांस फूलने की बीमारी से पीड़ित थे, एम्स अस्पताल में जांच करने पर पता चला कि उनके दिल में जन्म से छेद है. जिसकी उन्हें अभी तक कोई जानकारी नहीं थी. इसके चलते उनके स्वच्छ खून की नसें गलत भाग में खुल रही थीं. इसे मेडिकल साइंस में साइनस विनोसस डिफेक्ट एवं पी.ए.पी.वीसी के नाम से जाना जाता है.

इस बीमारी के चलते मरीज ने राजस्थान में कई चिकित्सकों से संपर्क किया, लेकिन उन्हें कोई खास समाधान नहीं मिला. उन्हें बताया गया कि ऑपरेशन कराने के बाद उन्हें पेसमेकर की जरूरत पड़ सकती है, इसके बाद उन्होंने एम्स ऋषिकेश के सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों से संपर्क साधा. सीटीवीएस विभाग के शल्य चिकित्सक डॉ. अनीष गुप्ता ने जन्मजात हृदय संबंधी बीमारियों के विशेषज्ञ डॉ. अजेय मिश्रा व डॉ. यश श्रीवास्तव से परामर्श किया. उसके बाद उनकी इस हाई रिस्क सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया.

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क्या है पीएपी वीसी

  • जन्मजात हृदय की बीमारी जिसका इलाज ऑपरेशन से संभव.
  • साफ खून की कुछ नसें गंदे खून के भाग में खुल जाती हैं.
  • दिल में छेद होने को साइनस विनोसस डिफेक्ट कहते हैं.

बीमारी के लक्षण

  • सांस फूलना
  • दिल की धड़कन तेज होना.
  • जल्दी थकान लगना.
  • पैर में सूजन आना.
  • समय पर इलाज नहीं कराने से हो सकता है हार्ट फेल.
  • शरीर नीला पड़ सकता है.
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