ETV Bharat / city

कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केंद्र का लोकार्पण, खेती की नई तकनीक से रूबरू होंगे किसान और कृषि के विद्यार्थी

जयपुर के दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में बुधवार को कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केंद्र का लोकार्पण किया गया. इस दौरान प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति जेएस संधू मौजूद रहे. राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 4.64 करोड़ रुपए की लागत से बना ये केंद्र किसानों और कृषि के विद्यार्थियों को नई तकनीक की जानकारी देने में मददगार होगा.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Agricultural Research Center
कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केंद्र का किया गया लोकापर्ण
author img

By

Published : Dec 23, 2020, 7:00 PM IST

जयपुर. दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में बने कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केंद्र का लोकार्पण बुधवार को प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति जेएस संधू और अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. एएस बलौदा ने किया. राज्य सरकार से मिले 4.64 करोड़ रुपए के अनुदान से इस केंद्र का निर्माण किया गया है.

कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केंद्र का किया गया लोकापर्ण

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बने इस ज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों, कृषि के विद्यार्थियों और स्कूली बच्चों को खेती की नई तकनीक से अवगत करवाया जाएगा. इससे संबंधित कई मॉडल भी यहां प्रदर्शित किए गए हैं.कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कुलपति जेएस संधू ने कहा कि हमारी कृषि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में हालांकि सुधार हुआ है, लेकिन इसे देश का बेहतरीन विश्वविद्यालय बनाने का लक्ष्य है और इसे हासिल करने के सबको प्रयास करना है.

इस मौके पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि महामारी कोविड-19 ने दुनिया को झकझोरा है. इस दौर में आर्थिक सुस्ती भी सामने आई है. इस दौर में भी देश की जीडीपी को किसानों की मेहनत ने बरकरार रखा है. किसान आंदोलन पर उन्होंने कहा कि ऐसा शांतिपूर्ण आंदोलन पहले कभी नहीं हुआ. कड़ाके की सर्दी में किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. यह मिसाल है.

उन्होंने कहा कि बदलती जीवनशैली में आज किसानों का परिवार छोटा हो रहा है. कृषि जोत भी कम हो रही है. ऐसी स्थिति में किसानों को नवाचार को अपनाना होगा. खेती के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन और कुक्कुटपालन जैसे अन्य साधनों को अपनाना होगा. कम लागत पर आमदनी बढ़ाने पर जोर देना होगा. उन्होंने विशेषज्ञों को जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का और नई तकनीक की जानकारी जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाने का आह्वान किया है.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Agricultural Research Center
कृषि मंत्री, कुलपति जेएस संधू और अनुसंधान केंद्र के निदेशक रहे मौजूद

पढ़ें- हरीश चौधरी के बाद किसान आंदोलन को समर्थन देने पहुंचीं सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया, टेंट में खाना परोसते भी नजर आईं

उन्होंने यह भी कहा कि ड्रिप इरिगेशन फायदेमंद साबित हो रही है. लेकिन इसके उपकरणों की गुणवत्ता अभी कमजोर है. इस दिशा में भी सबको सोचना होगा. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि कृषि कानून बनाने से पहले किसानों और उनसे जुड़े संगठनों से बात नहीं की गई. किसान असमंजस में है. इसलिए आंदोलन हो रहा है. अब समझौते को लेकर फैसला सरकार को करना है. केंद्र सरकार को चाहिए कि इन मुद्दों को लेकर सरकार किसानों से बातचीत करे और समझाइश कर रास्ता निकाले.

जयपुर. दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र में बने कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केंद्र का लोकार्पण बुधवार को प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर के कुलपति जेएस संधू और अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ. एएस बलौदा ने किया. राज्य सरकार से मिले 4.64 करोड़ रुपए के अनुदान से इस केंद्र का निर्माण किया गया है.

कृषि प्रौद्योगिकी ज्ञान केंद्र का किया गया लोकापर्ण

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत बने इस ज्ञान केंद्र के माध्यम से किसानों, कृषि के विद्यार्थियों और स्कूली बच्चों को खेती की नई तकनीक से अवगत करवाया जाएगा. इससे संबंधित कई मॉडल भी यहां प्रदर्शित किए गए हैं.कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर के कुलपति जेएस संधू ने कहा कि हमारी कृषि विश्वविद्यालय की रैंकिंग में हालांकि सुधार हुआ है, लेकिन इसे देश का बेहतरीन विश्वविद्यालय बनाने का लक्ष्य है और इसे हासिल करने के सबको प्रयास करना है.

इस मौके पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि महामारी कोविड-19 ने दुनिया को झकझोरा है. इस दौर में आर्थिक सुस्ती भी सामने आई है. इस दौर में भी देश की जीडीपी को किसानों की मेहनत ने बरकरार रखा है. किसान आंदोलन पर उन्होंने कहा कि ऐसा शांतिपूर्ण आंदोलन पहले कभी नहीं हुआ. कड़ाके की सर्दी में किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. यह मिसाल है.

उन्होंने कहा कि बदलती जीवनशैली में आज किसानों का परिवार छोटा हो रहा है. कृषि जोत भी कम हो रही है. ऐसी स्थिति में किसानों को नवाचार को अपनाना होगा. खेती के साथ पशुपालन, मत्स्य पालन और कुक्कुटपालन जैसे अन्य साधनों को अपनाना होगा. कम लागत पर आमदनी बढ़ाने पर जोर देना होगा. उन्होंने विशेषज्ञों को जैविक खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का और नई तकनीक की जानकारी जल्द से जल्द किसानों तक पहुंचाने का आह्वान किया है.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Agricultural Research Center
कृषि मंत्री, कुलपति जेएस संधू और अनुसंधान केंद्र के निदेशक रहे मौजूद

पढ़ें- हरीश चौधरी के बाद किसान आंदोलन को समर्थन देने पहुंचीं सादुलपुर विधायक कृष्णा पूनिया, टेंट में खाना परोसते भी नजर आईं

उन्होंने यह भी कहा कि ड्रिप इरिगेशन फायदेमंद साबित हो रही है. लेकिन इसके उपकरणों की गुणवत्ता अभी कमजोर है. इस दिशा में भी सबको सोचना होगा. केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि कृषि कानून बनाने से पहले किसानों और उनसे जुड़े संगठनों से बात नहीं की गई. किसान असमंजस में है. इसलिए आंदोलन हो रहा है. अब समझौते को लेकर फैसला सरकार को करना है. केंद्र सरकार को चाहिए कि इन मुद्दों को लेकर सरकार किसानों से बातचीत करे और समझाइश कर रास्ता निकाले.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.