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शहरों के बाद अब 5000 तक की आबादी वाले गांवों के भी बनेंगे मास्टर प्लान, गूगल मैप के साथ भी होंगे मैच - Chief Minister Ashok Gehlot

शहरों के मास्टर प्लान के बाद अब गांवों के भी मास्टर प्लान बनेंगे. जिनमें साल 2050 की अवधि और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए प्लान बनाया जाएगा. इस मास्टर प्लान के तहत भविष्य में क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, आबादी, खेल सुविधाएं, सरकारी भवनों, सड़क और अन्य विकास की आवश्यकताओं का आकलन होगा.

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Published : Nov 2, 2019, 1:19 PM IST

Updated : Nov 2, 2019, 5:13 PM IST

जयपुर. शहरों के मास्टर प्लान को लेकर हर कोई भली भांति परिचित है. लेकिन इस मास्टर प्लान की आवश्यकता अब गांव तक भी पहुंच गई है. राजस्थान में भी विलेज मास्टर प्लान बनने जा रहा है. यह मास्टर प्लान साल 2050 की आवश्यकताओं और उस समय की संभावित अवधि को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा.

शहरों के बाद अब 5000 तक की आबादी वाले गांवों के भी बनेंगे मास्टर प्लान

इसके लिए पंचायती राज विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी बजट घोषणा में विलेज मास्टर प्लान की घोषणा की थी. इस मास्टर प्लान का उद्देश्य भविष्य के लिए क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, आबादी विस्तार, खेल सुविधाएं, पार्क, सरकारी भवनों, सड़क और अन्य विकास की आवश्यकताओं का आंकलन करने के लिए भूमि का चिन्हीकरण करने के लिए पटवारियों को निर्देश दे दिए गए हैं.

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हालांकि, साल 2011 में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय 10,000 की आबादी वाले गांव के मास्टर प्लान बनाने की बात हुई थी. लेकिन अब प्रदेश में 5,000 से ज्यादा आबादी वाले गांव का भी मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश पंचायती राज विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं. इसके तहत राजस्व विभाग के कर्मचारियों और पटवारियों को सहयोग करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.

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इसके साथ ही यह पूरी जानकारी मैप के साथ मांगी गई है. इसमें चाहे नदी-नाले, हवाई चारागाह भूमि, तालाब, पहाड़ी टीले, गांव के स्कूल या अस्पताल इन सब का पूरा विवरण बकायदा एक मैप के साथ विभाग में सबमिट किया जाएगा. जिसे गूगल मैप के साथ भी मैच किया जाएगा. इस मास्टर प्लान के अंतर्गत खनिज संपदा वाले गांव और अत्यधिक कृषि वाले गांव के लिए अलग से सुविधाओं को रखने की बात कही गई है.

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विलेज मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी पटवारी के सहयोग से ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक और पंचायत प्रसार अधिकारी की होगी. इस काम में तकनीकी सहयोग पंचायत समिति के अभियंता देंगे, तो वहीं पटवारी गांव के आसपास की पूरी जमीन की जानकारी ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराएंगे.

पढ़ेंः जयपुरः बच्ची के हाथ से मोबाइल छीनकर भागने वाले बदमाश को ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने धर दबोचा

इस काम के लिए इन सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के साथ ही गांव के सरपंच, वार्ड पंच, पंचायत समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. सभी जानकारियों को इकट्ठा करके ग्राम पंचायत की साधारण सभा से अनुमोदन भी करवाया जाएगा. इसके साथ ही जनसंख्या में साल 2050 में 2011 की जनगणना का 50% माना जाएगा तो वहीं पशुधन की आबादी साल 2012 में 30% ज्यादा मानी जाएगी.

जयपुर. शहरों के मास्टर प्लान को लेकर हर कोई भली भांति परिचित है. लेकिन इस मास्टर प्लान की आवश्यकता अब गांव तक भी पहुंच गई है. राजस्थान में भी विलेज मास्टर प्लान बनने जा रहा है. यह मास्टर प्लान साल 2050 की आवश्यकताओं और उस समय की संभावित अवधि को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा.

शहरों के बाद अब 5000 तक की आबादी वाले गांवों के भी बनेंगे मास्टर प्लान

इसके लिए पंचायती राज विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी बजट घोषणा में विलेज मास्टर प्लान की घोषणा की थी. इस मास्टर प्लान का उद्देश्य भविष्य के लिए क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य, आबादी विस्तार, खेल सुविधाएं, पार्क, सरकारी भवनों, सड़क और अन्य विकास की आवश्यकताओं का आंकलन करने के लिए भूमि का चिन्हीकरण करने के लिए पटवारियों को निर्देश दे दिए गए हैं.

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हालांकि, साल 2011 में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय 10,000 की आबादी वाले गांव के मास्टर प्लान बनाने की बात हुई थी. लेकिन अब प्रदेश में 5,000 से ज्यादा आबादी वाले गांव का भी मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश पंचायती राज विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं. इसके तहत राजस्व विभाग के कर्मचारियों और पटवारियों को सहयोग करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं.

पढ़ेंः भट्टा बस्ती में डॉक्यूमेंट्री के जरिए नशे से दूर रहने का दिया संदेश

इसके साथ ही यह पूरी जानकारी मैप के साथ मांगी गई है. इसमें चाहे नदी-नाले, हवाई चारागाह भूमि, तालाब, पहाड़ी टीले, गांव के स्कूल या अस्पताल इन सब का पूरा विवरण बकायदा एक मैप के साथ विभाग में सबमिट किया जाएगा. जिसे गूगल मैप के साथ भी मैच किया जाएगा. इस मास्टर प्लान के अंतर्गत खनिज संपदा वाले गांव और अत्यधिक कृषि वाले गांव के लिए अलग से सुविधाओं को रखने की बात कही गई है.

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विलेज मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी पटवारी के सहयोग से ग्राम विकास अधिकारी, कनिष्ठ सहायक और पंचायत प्रसार अधिकारी की होगी. इस काम में तकनीकी सहयोग पंचायत समिति के अभियंता देंगे, तो वहीं पटवारी गांव के आसपास की पूरी जमीन की जानकारी ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराएंगे.

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इस काम के लिए इन सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के साथ ही गांव के सरपंच, वार्ड पंच, पंचायत समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. सभी जानकारियों को इकट्ठा करके ग्राम पंचायत की साधारण सभा से अनुमोदन भी करवाया जाएगा. इसके साथ ही जनसंख्या में साल 2050 में 2011 की जनगणना का 50% माना जाएगा तो वहीं पशुधन की आबादी साल 2012 में 30% ज्यादा मानी जाएगी.

Intro:शहरों के मास्टर प्लान के बाद अब गांव के बनेंगे मास्टर प्लान साल 2050 की अवधि और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनेगा मास्टर प्लान 5000 की आबादी वाले गांव को लिया जाएगा विलेज मास्टर प्लान में इसके तहत भविष्य में शिक्षा स्वास्थ्य आबादी खेल सुविधाएं सरकारी भवनों सड़क एवं अन्य विकास की आवश्यकताओं का होगा आकलन मास्टर प्लान मैं गूगल मैप से मिलान करके डाला जाएगा अपडेटेड मैप मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी पटवारी ग्राम विकास अधिकारी कनिष्ठ सहायक पंचायत प्रसार अधिकारी की होगी


Body:शहरों के मास्टर प्लान को लेकर हर कोई अवगत है लेकिन इस मास्टर प्लान की आवश्यकता अब गांव तक भी पहुंच गई है राजस्थान में भी विलेज मास्टर प्लान बनने जा रहा है यह मास्टर प्लान साल 2050 की आवश्यकताओं और उस समय की संभावित अवधि को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा इसके लिए पंचायती राज विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट घोषणा में विलेज मास्टर प्लान की घोषणा की थी इस मास्टर प्लान का उद्देश्य भविष्य के लिए क्षेत्र की शिक्षा स्वास्थ्य आबादी विस्तार खेल सुविधाएं पार्क सरकारी भवनों सड़क एवं अन्य विकास की आवश्यकताओं का आकलन करने के लिए भूमि का अभिषेक चिमनी करण करने के लिए पटवारियों को निर्देश दे दिया गया है हालांकि साल 2011 में पूर्वर्ती गहलोत सरकार के समय 10000 की आबादी वाले गांव के मास्टर प्लान बनाने की बात हुई थी लेकिन अब प्रदेश में 5000 से ज्यादा आबादी वाले गांव का भी मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश पंचायती राज विभाग की ओर से जारी कर दिए गए हैं इसके तहत राजस्व विभाग के कर्मचारियों पटवारियों को सहयोग करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं इसके साथ ही यह पूरी जानकारी मैप के साथ मांगी गई है इसमें चाहे नदी नाले हो या फिर से हवाई चारागाह भूमि हो या तालाब पहाड़ी टीले या फिर गांव के स्कूल या अस्पताल इन सब का पूरा विवरण बकायदा बकायदा एक मैप के साथ विभाग में सबमिट कराया जाएगा जिसे गूगल मैथ के साथ भी मैच किया जाएगा इस मास्टर प्लान के अंतर्गत खनिज संपदा वाले गांव अत्यधिक कृषि वाले गांव के लिए अलग से सुविधाओं को रखने की बात कही गई है तो वहीं भारी वाहनों का प्रवेश गांव में पूरी तरीके से निषेध किया जाएगा विलेज मास्टर प्लान तैयार करने की जिम्मेदारी पटवारी के सहयोग से ग्राम विकास अधिकारी कनिष्ठ सहायक और पंचायत प्रसार अधिकारी की होगी इस काम में तकनीकी सहयोग पंचायत समिति के अभियंता देंगे तो पटवारी गांव के आसपास की पूरी जमीन की जानकारी ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराएंगे इस काम के लिए इन सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों के साथ ही गांव के सरपंच वार्ड पंच पंचायत समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा सभी जानकारियों को इकट्ठा करके ग्राम पंचायत की साधारण सभा से अनुमोदन भी करवाया जाएगा इसके साथ ही जनसंख्या में साल 2050 में 2011 की जनगणना का 50% माना जाएगा तो वही पशुधन की आबादी साल 2012 में हुई पशुधन गणना से 30% ज्यादा मानी जाएगी
बाइट लालचंद कटारिया कृषि मंत्री राजस्थान
बाइट रोहित बोहरा विधायक राजाखेड़ा


Conclusion:
Last Updated : Nov 2, 2019, 5:13 PM IST
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