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राजस्थान : सरकार से सहमति बनने के बाद मंत्रालयिक कर्मचारियों की महारैली स्थगित, नहीं होगा विधानसभा का घेराव - protest of ministerial staff

गहलोत सरकार से सहमति बनने के बाद राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले आज बुधवार को होने वाली बाबूओं की महारैली को स्थगित कर दिया गया है.

rally of ministerial employees is postponed in jaipur
नहीं होगा विधानसभा का घेराव
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Published : Sep 15, 2021, 7:17 AM IST

जयपुर. अपनी 11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर प्रदेश के हजारों बाबू बुधवार को विधानसभा का घेराव करने वाले थे. मंगलवार देर रात तक सचिवालय में मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में हुई वार्ता में सहमति बनने के बाद मंत्रालयिक कर्मचारियों ने महारैली और विधानसभा घेराव को स्थगित कर दिया है.

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की मुख्य सचिव निरंजन आर्य एवं कार्मिक सचिव हेमंत गेरा से उनकी मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई और उन सहमति भी बन गयी. मंत्रालयिक कर्मचारियों उनके मांग पत्र में वर्णित कुछ मांगें वित्त विभाग से भी सम्बन्धित हैं. वित्त विभाग से संबंधित मांगों को बजट 2021-22 की घोषणा के क्रियान्वयन में गठित खेमराज कमेटी को सौंप दी गई है. इस सन्दर्भ में खेमराज कमेटी ने कार्य शुरू कर दिया है और 30 सितंबर को वार्ता के लिये बुलाया गया है.

पढ़ें : JEE MAIN RESULTS :फर्स्ट रैंक लाने वाले 18 विद्यार्थियों में 3 राजस्थान से, दो कोटा व एक जयपुर से

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कहा कि अब जबकि सरकार ने खेमराज कमेटी को यह कार्य सौंप दिया है तथा कमेटी ने कार्य शुरू भी कर दिया है. अतः सरकार को निर्णय के लिए कुछ समय देना उचित माना गया. इसलिए बुधवार को होने वाली महारैली और विधानसभा घेराव को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. वार्ता के अनुसार कुछ मांगों पर सैद्धान्तिक सहमति बन गई है, जिसे अन्तिम रूप से उच्च स्तर के अनुमोदन बाद ही जारी किया जा सकेगा.

इन बिंदुओं पर बनी सहमति :

  • शिड्यूल 5 में किए गए संशोधन के फलस्वरूप की गई वेतन कटौती वापस लेने संबंधी मांग उच्च स्तरीय समिति में प्रस्तुत की जा रही है. तब तक वसूली को स्थगित रखा जाएगा.
  • पंचायती राज विभाग के लिये वर्ष 2013 में नियुक्त कनिष्ठ सहायकों को बिना देरी वेतन भुगतान किया जाएगा.
  • मंत्रालयिक कर्मचारियों की पदोन्नति में जहां पर पदों में 50 प्रतिशत से ज्यादा पद रिक्त हैं, वहां सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को दो वर्ष का एक-बार शिथिलन दिया जाएगा.
  • पंचायती राज में 2013 में भर्ती कनिष्ठ सहायकों एवं कनिष्ठ लिपिक/कनिष्ठ सहायक भर्ती 2018 में नियुक्त कार्मिकों को अन्तर जिला स्थानांनतरण के लिए एक बार अवसर दिया जाएगा.
  • कम्प्यूटर दक्षता RSCIT के लिए सभी वंचित कार्मिकों को दो अतिरिक्त अवसर तथा प्रति मिनट टंकण गति में शब्द-सीमा के संबंध में पुनः एक बार शिथिलन दिया जाएगा.
  • राजस्थान के समस्त संवर्गों की तरह मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए निदेशालय का गठन प्रशासनिक सुधार विभाग स्तर पर किया जाएगा.

प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कहा कि इसके अलावा पूर्व समझौते के कार्यात्मक आवश्यकता के पदों की संख्या (पंचायतीराज सहित) में वृद्धि, पदोन्नति के नियमों में संशोधन संबंधी एवं शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रस्तावों को उच्च स्तर पर रखकर कार्रवाई की जानी है. उन्होंने कहा कि मांग पत्र पर अन्तिम निर्णय उच्च स्तर पर होना है. इसलिए आन्दोलन को स्थगित किये जाने का निर्णय लिया जा रहा है. वार्ता के दौरान महासंघ के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

जयपुर. अपनी 11 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर प्रदेश के हजारों बाबू बुधवार को विधानसभा का घेराव करने वाले थे. मंगलवार देर रात तक सचिवालय में मुख्य सचिव निरंजन आर्य की अध्यक्षता में हुई वार्ता में सहमति बनने के बाद मंत्रालयिक कर्मचारियों ने महारैली और विधानसभा घेराव को स्थगित कर दिया है.

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ की मुख्य सचिव निरंजन आर्य एवं कार्मिक सचिव हेमंत गेरा से उनकी मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई और उन सहमति भी बन गयी. मंत्रालयिक कर्मचारियों उनके मांग पत्र में वर्णित कुछ मांगें वित्त विभाग से भी सम्बन्धित हैं. वित्त विभाग से संबंधित मांगों को बजट 2021-22 की घोषणा के क्रियान्वयन में गठित खेमराज कमेटी को सौंप दी गई है. इस सन्दर्भ में खेमराज कमेटी ने कार्य शुरू कर दिया है और 30 सितंबर को वार्ता के लिये बुलाया गया है.

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राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कहा कि अब जबकि सरकार ने खेमराज कमेटी को यह कार्य सौंप दिया है तथा कमेटी ने कार्य शुरू भी कर दिया है. अतः सरकार को निर्णय के लिए कुछ समय देना उचित माना गया. इसलिए बुधवार को होने वाली महारैली और विधानसभा घेराव को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. वार्ता के अनुसार कुछ मांगों पर सैद्धान्तिक सहमति बन गई है, जिसे अन्तिम रूप से उच्च स्तर के अनुमोदन बाद ही जारी किया जा सकेगा.

इन बिंदुओं पर बनी सहमति :

  • शिड्यूल 5 में किए गए संशोधन के फलस्वरूप की गई वेतन कटौती वापस लेने संबंधी मांग उच्च स्तरीय समिति में प्रस्तुत की जा रही है. तब तक वसूली को स्थगित रखा जाएगा.
  • पंचायती राज विभाग के लिये वर्ष 2013 में नियुक्त कनिष्ठ सहायकों को बिना देरी वेतन भुगतान किया जाएगा.
  • मंत्रालयिक कर्मचारियों की पदोन्नति में जहां पर पदों में 50 प्रतिशत से ज्यादा पद रिक्त हैं, वहां सभी कर्मचारियों, अधिकारियों को दो वर्ष का एक-बार शिथिलन दिया जाएगा.
  • पंचायती राज में 2013 में भर्ती कनिष्ठ सहायकों एवं कनिष्ठ लिपिक/कनिष्ठ सहायक भर्ती 2018 में नियुक्त कार्मिकों को अन्तर जिला स्थानांनतरण के लिए एक बार अवसर दिया जाएगा.
  • कम्प्यूटर दक्षता RSCIT के लिए सभी वंचित कार्मिकों को दो अतिरिक्त अवसर तथा प्रति मिनट टंकण गति में शब्द-सीमा के संबंध में पुनः एक बार शिथिलन दिया जाएगा.
  • राजस्थान के समस्त संवर्गों की तरह मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए निदेशालय का गठन प्रशासनिक सुधार विभाग स्तर पर किया जाएगा.

प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कहा कि इसके अलावा पूर्व समझौते के कार्यात्मक आवश्यकता के पदों की संख्या (पंचायतीराज सहित) में वृद्धि, पदोन्नति के नियमों में संशोधन संबंधी एवं शैक्षणिक योग्यता संबंधी प्रस्तावों को उच्च स्तर पर रखकर कार्रवाई की जानी है. उन्होंने कहा कि मांग पत्र पर अन्तिम निर्णय उच्च स्तर पर होना है. इसलिए आन्दोलन को स्थगित किये जाने का निर्णय लिया जा रहा है. वार्ता के दौरान महासंघ के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी भी मौजूद रहे.

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