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स्पेशल स्टोरी: पाकिस्तान की जेल में 36 साल बंद रहे गजानंद को सरकारी वादे के पूरे होने का इंतजार

गजानंद शर्मा पाकिस्तान की सलाखों में 36 साल बिताने के बाद घर 15 अगस्त 2018 को घर लौटे थे. तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने तब एक लाख रूपए की सहायता राशि देने के घोषणा की थी. लेकिन एक साल बाद भी यह राशि गजानंद को नहीं मिली.

Gajanand did not get help, गजानंद शर्मा को नहीं मिली राशि
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Published : Sep 7, 2019, 9:25 PM IST

जयपुर. पाकिस्तान में 36 साल सलाखों के पीछे रहने के बाद भारत लौटे गजानंद शर्मा को प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सार्वजनिक मंच से एक लाख रुपए देने की घोषणा की थी. साथ ही क्षेत्रीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी अलग से गजानंद को एक लाख रुपए देने की घोषणा की थी. यह राशि एक साल बीत जाने के बाद भी गजानंद नहीं मिली और ना ही सरकार की तरफ से कोई सहायता राशि मिली.

गजानंद को अभी तक नहीं मिली सहायत राशि

गजानंद शर्मा की मदद के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार ने एक लाख रुपए देने की घोषणा कर वाहवाही बटोरी थी. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद अब तक गजानंद के घर जाकर ना तो किसी ने हाल-चाल पूछा और ना ही उन्हें कोई सहायता राशि मिली. तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा ने राजे 15 अगस्त के दिन बड़ी चौपड़ पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से की गई घोषणा के बाद खुद भी एक लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की थी. लेकिन कुछ महीनों बाद ही सत्ता बदल गई और घोषित राशि गजानंद को नहीं मिली.

ये भी पढ़ें: स्पेशल न्यूज: पिता के अधूरे सपने को बेटी ने दिया पंख...प्रिया पूनिया का भारतीय महिला क्रिकेट टीम में चयन

गजानंद के परिजनों को इंतजार है कि घोषित राशि मिले को जीवन बसर हो सके. परिजनों की माने तो ना तो सरकार और ना ही किसी अन्य व्यक्ति में उन्हें कोई सहायता राशि दी. गजानंद शर्मा का बैंक खाता भी खुलवा लिया गया था लेकिन जो घोषणा की गई थी वो गजानंद की याददाश्त की तरह ही भूली बिसरी हो गई है. वहीं इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि गजानंद से मिलकर जो परिस्थिति हैं, उनकी जानकारी ली जाएगी. सरकार की तरफ से हर संभव सहायता के पूरे प्रयास किए जाएंगे.

कौन हैं गजानंद शर्मा:
जयपुर के रहने वाले गजानंद जब 32 साल के जवान युवक थे तभी उन्हें सीमा पर पाकिस्तानी रेंजरों ने गिरफ्तार कर लिया था. उनका अपराध तो आज तक पता नहीं चला, लेकिन उन्हें सजा केवल दो महीने की ही हुई थी पर गजानंद ने अपनी जिंदगी के 36 साल पाकिस्तान की काल कोठरी में गुजार दिए. गजानंद के जिंदा होने की जानकारी परिवार जनों तो तब लगी जब गजानंद की नागरिकता की जानकारी से संबंधित पाकिस्तान से कुछ कागजात जयपुर ग्रामीण एसपी के कार्यालय पहुंचे. जब पुलिस गजानंद के परिवारवालों के पास पहुंची तो उनके परिवार के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

जयपुर. पाकिस्तान में 36 साल सलाखों के पीछे रहने के बाद भारत लौटे गजानंद शर्मा को प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सार्वजनिक मंच से एक लाख रुपए देने की घोषणा की थी. साथ ही क्षेत्रीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी अलग से गजानंद को एक लाख रुपए देने की घोषणा की थी. यह राशि एक साल बीत जाने के बाद भी गजानंद नहीं मिली और ना ही सरकार की तरफ से कोई सहायता राशि मिली.

गजानंद को अभी तक नहीं मिली सहायत राशि

गजानंद शर्मा की मदद के लिए तत्कालीन बीजेपी सरकार ने एक लाख रुपए देने की घोषणा कर वाहवाही बटोरी थी. लेकिन एक साल बीत जाने के बाद अब तक गजानंद के घर जाकर ना तो किसी ने हाल-चाल पूछा और ना ही उन्हें कोई सहायता राशि मिली. तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा ने राजे 15 अगस्त के दिन बड़ी चौपड़ पर बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से की गई घोषणा के बाद खुद भी एक लाख रूपए की राशि देने की घोषणा की थी. लेकिन कुछ महीनों बाद ही सत्ता बदल गई और घोषित राशि गजानंद को नहीं मिली.

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गजानंद के परिजनों को इंतजार है कि घोषित राशि मिले को जीवन बसर हो सके. परिजनों की माने तो ना तो सरकार और ना ही किसी अन्य व्यक्ति में उन्हें कोई सहायता राशि दी. गजानंद शर्मा का बैंक खाता भी खुलवा लिया गया था लेकिन जो घोषणा की गई थी वो गजानंद की याददाश्त की तरह ही भूली बिसरी हो गई है. वहीं इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि गजानंद से मिलकर जो परिस्थिति हैं, उनकी जानकारी ली जाएगी. सरकार की तरफ से हर संभव सहायता के पूरे प्रयास किए जाएंगे.

कौन हैं गजानंद शर्मा:
जयपुर के रहने वाले गजानंद जब 32 साल के जवान युवक थे तभी उन्हें सीमा पर पाकिस्तानी रेंजरों ने गिरफ्तार कर लिया था. उनका अपराध तो आज तक पता नहीं चला, लेकिन उन्हें सजा केवल दो महीने की ही हुई थी पर गजानंद ने अपनी जिंदगी के 36 साल पाकिस्तान की काल कोठरी में गुजार दिए. गजानंद के जिंदा होने की जानकारी परिवार जनों तो तब लगी जब गजानंद की नागरिकता की जानकारी से संबंधित पाकिस्तान से कुछ कागजात जयपुर ग्रामीण एसपी के कार्यालय पहुंचे. जब पुलिस गजानंद के परिवारवालों के पास पहुंची तो उनके परिवार के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा.

Intro:जयपुर - पाकिस्तान में 36 साल सलाखों के पीछे रहने के बाद वतन लौटे गजानंद शर्मा को प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सार्वजनिक मंच से 1 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। साथ ही क्षेत्रीय भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी अलग से गजानंद को 1 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। लेकिन 1 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी आज तक गजानंद को सरकार से कोई भी राहत नहीं मिली है।


Body:पाकिस्तान से हम वतन लौटे गजानंद शर्मा की मदद के लिए 2 लाख रुपए देने की घोषणा कर वाहवाही बटोरने वाली पूर्वर्ती बीजेपी सरकार ने, उनके घर जाकर हाल-चाल पूछने की भी जहमत नहीं उठाई। पिछले साल 15 अगस्त को बड़ी चौपड़ पर तत्कालीन सीएम वसुंधरा राजे और बीजेपी कार्यकर्ताओं की ओर से की गई घोषणा के बाद उसी साल सत्ता परिवर्तित हो गई। और गजानंद के परिजनों का इंतजार और बढ़ गया। परिजन की माने तो ना तो सरकार और ना ही किसी अन्य व्यक्ति में उन्हें कोई सहायता राशि दी। गजानंद शर्मा का बैंक खाता भी खुलवा लिया गया। लेकिन जो घोषणा की गई थी वो गजानंद की याददाश्त की तरह ही भूली बिसरी हो गई है। वहीं इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि गजानंद से मिलकर जो परिस्थिति हैं, उनकी जानकारी ली जाएगी। और सरकार की तरफ से हर संभव सहायता के पूरे प्रयास किए जाएंगे।
बाईट - सुनीता शर्मा, पुत्र वधू, गजानंद शर्मा
बाईट - महेश जोशी, विधायक, हवामहल विधानसभा


Conclusion:आपको बता दें कि वर्ष 1982 में घर से निकले गजानंद शर्मा 36 साल तक पाकिस्तान की लाहौर जेल में बंद थे। 7 मई 2018 को उनके पाकिस्तान में होने का पता चला था। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के प्रयासों से पाकिस्तान जेल से रिहा कराया गया। और 13 अगस्त को गजानंद जयपुर अपने घर लौटे थे। लेकिन उनकी मानसिक स्थिति आज भी ठीक नहीं है। और ना ही उन्हें सरकार से कोई सहायता राशि मिली। देखना होगा कि कांग्रेस सरकार पूर्वर्ती बीजेपी सरकार के वादे को पूरा करती है या नहीं।
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