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32 कश्मीरी लड़कियों का सहारा बना युवक, सुरक्षित पहुंचाया उनके घर - sikh gurudwara committee pune

अनुच्छेद 370 के खात्मे के समय पूणे में फंसी 32 कश्मीरी लड़कियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए दिल्ली के एक सिख युवक हरमिन्दर सिंह अहलूवालिया ने सोशल मीडिया पर मुहिम चला कर उनकी मदद की. इतना ही नहीं उनको सही-सलामत उनके आवास तक पहुंचाया.

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Published : Aug 18, 2019, 5:39 PM IST

जयपुर/पश्चिमी दिल्ली. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जहां सोशल मीडिया पर कश्मीरी लड़कियों को लेकर भद्दे-भद्दे कमेंट आ रहे थे, वहीं कश्मीर से बाहर बसने वाले छात्र-छात्राओं का अपने परिजनों से सम्पर्क नहीं होने के चलते उनको कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसा ही एक वाकया सामने आया है पूणे में नर्सिंग कोर्स करने वाली 32 कश्मीरी लड़कियों का जब परिजनों से सम्पर्क टूटा तो तमाम मुश्किलें आ खड़ी हुई. लेकिन इस बीच इन लड़कियों के लिए मसिहा बनकर आई पूणे और दिल्ली की गुरुद्वारा कमेटी जिनके प्रयासों के बदौलत ये सभी लड़कियां सही-सलामत उनके आवास तक पहुंच गई.

सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रयासों से मिली अपनों से

दिल्ली के सिख युवक हरमिंदर सिंह अहलूवालिया व उनके साथियों ने इसके लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर फंड इकट्टा किया और सभी 32 लड़कियों को घर पहुंचाने के लिए ट्रेन और फ्लाइट का टिकट बुक किया.

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बता दें कि पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर इलाके में रहनेवाले हरमिन्दर सिंह अहलूवालिया जो पेशे से तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं लेकिन रगों में सेना का जज्बा है क्योंकि उसके दादा सेना में रहते चीन के साथ और पिताजी पाकिस्तान के साथ युद्ध जीत चुके हैं. कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के ठीक एक दिन पहले कश्मीर में जब सेना की हलचल तेज हुई तो उन्होंने फेसबुक पर भारत में कहीं भी परेशानी में फंसने वाले कश्मीरी लोगों को नजदीकी गुरुद्वारे से मदद मांगने का वीडियो लाइव किया. अगले दिन जब 370 हटा तो इनके फोन पर पुणे में जम्मू के अलग-अलग दूर दराज इलाके से नर्सिंग कोर्स के लिए आई लड़कियों के सुपरवाईजर का फोन आया. वह सभी लड़कियां डरी हुई थी क्योंकि घरवालों से बात नहीं हो पा रही थी और सोशल मीडिया पर भी कश्मीरी लड़कियों के लिए भद्दे-भद्दे कमेंट देखे जा रहे थे.

पढ़ें: बीसलपुर बांध लबालब, 315 आरएल मीटर के पार पहुंचा पानी

ऐसे में हरमिंदर सिंह अहलूवालिया ने तब उन्हें मदद का भरोसा दिलाया और कश्मीरी लड़कियों के टिकट के लिए सिख संगत से सोशल मीडिया पर ही मदद मांगी. इ्सके बाद टिकट के लिए लगभग साढ़े तीन लाख रुपये भी इकट्ठे हो गए. जिसमें थोड़ी मदद फाइनेंसर जगतार सिंह जग्गा ने भी की. इसके बाद उन्होंने लड़कियों की पुणे से श्री नगर की टिकट कराई जिसमें दिल्ली के दो ओर सिख युवक अरमीत सिंह खानपूरी और बलजीत सिंह बबलू ने मदद की. इतना ही नहीं, ये तीनों युवक उन लड़कियों को उनके घर तक छोड़कर आये, जहां पहुंचना चुनौती थी.

इस काम मे सेना की तरफ से कर्नल ए एस मलिक, 2 RR , सिख रेजीमेंट द्वारा की गई मदद को ये जरूर याद करते है. हरमिंदर सिंह का कहना है कि 1984 के दंगे के बाद उन्हें लगा कि कोई भी घटना के बाद कम्युनिटी को टारगेट नहीं करना चाहिए. पुलवामा के बाद भी कुछ हद तक ऐसे हालात हुए थे. उन्होंने तब भी सोशल मीडिया पर मदद की पोस्ट डाली थी. हालांकि उनके इस कदम को लेकर उनके घरवाले शुरू में कश्मीर का माहौल देख डरे थे लेकिन हरमिंदर का कहना है उनके साथ उनके वाहेगुरु का आशीर्वाद था और नेक काम के बाद दुआएं भी थी. इसी वजह से वे आगे भी ऐसे काम करते रहेंगे.

जयपुर/पश्चिमी दिल्ली. कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जहां सोशल मीडिया पर कश्मीरी लड़कियों को लेकर भद्दे-भद्दे कमेंट आ रहे थे, वहीं कश्मीर से बाहर बसने वाले छात्र-छात्राओं का अपने परिजनों से सम्पर्क नहीं होने के चलते उनको कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसा ही एक वाकया सामने आया है पूणे में नर्सिंग कोर्स करने वाली 32 कश्मीरी लड़कियों का जब परिजनों से सम्पर्क टूटा तो तमाम मुश्किलें आ खड़ी हुई. लेकिन इस बीच इन लड़कियों के लिए मसिहा बनकर आई पूणे और दिल्ली की गुरुद्वारा कमेटी जिनके प्रयासों के बदौलत ये सभी लड़कियां सही-सलामत उनके आवास तक पहुंच गई.

सिख गुरुद्वारा कमेटी के प्रयासों से मिली अपनों से

दिल्ली के सिख युवक हरमिंदर सिंह अहलूवालिया व उनके साथियों ने इसके लिए सोशल मीडिया पर मुहिम चलाकर फंड इकट्टा किया और सभी 32 लड़कियों को घर पहुंचाने के लिए ट्रेन और फ्लाइट का टिकट बुक किया.

पढ़ें: राजस्थान में कई जिलों में अगले 24 घंटे भारी बारिश का अलर्ट

बता दें कि पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर इलाके में रहनेवाले हरमिन्दर सिंह अहलूवालिया जो पेशे से तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं लेकिन रगों में सेना का जज्बा है क्योंकि उसके दादा सेना में रहते चीन के साथ और पिताजी पाकिस्तान के साथ युद्ध जीत चुके हैं. कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के ठीक एक दिन पहले कश्मीर में जब सेना की हलचल तेज हुई तो उन्होंने फेसबुक पर भारत में कहीं भी परेशानी में फंसने वाले कश्मीरी लोगों को नजदीकी गुरुद्वारे से मदद मांगने का वीडियो लाइव किया. अगले दिन जब 370 हटा तो इनके फोन पर पुणे में जम्मू के अलग-अलग दूर दराज इलाके से नर्सिंग कोर्स के लिए आई लड़कियों के सुपरवाईजर का फोन आया. वह सभी लड़कियां डरी हुई थी क्योंकि घरवालों से बात नहीं हो पा रही थी और सोशल मीडिया पर भी कश्मीरी लड़कियों के लिए भद्दे-भद्दे कमेंट देखे जा रहे थे.

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ऐसे में हरमिंदर सिंह अहलूवालिया ने तब उन्हें मदद का भरोसा दिलाया और कश्मीरी लड़कियों के टिकट के लिए सिख संगत से सोशल मीडिया पर ही मदद मांगी. इ्सके बाद टिकट के लिए लगभग साढ़े तीन लाख रुपये भी इकट्ठे हो गए. जिसमें थोड़ी मदद फाइनेंसर जगतार सिंह जग्गा ने भी की. इसके बाद उन्होंने लड़कियों की पुणे से श्री नगर की टिकट कराई जिसमें दिल्ली के दो ओर सिख युवक अरमीत सिंह खानपूरी और बलजीत सिंह बबलू ने मदद की. इतना ही नहीं, ये तीनों युवक उन लड़कियों को उनके घर तक छोड़कर आये, जहां पहुंचना चुनौती थी.

इस काम मे सेना की तरफ से कर्नल ए एस मलिक, 2 RR , सिख रेजीमेंट द्वारा की गई मदद को ये जरूर याद करते है. हरमिंदर सिंह का कहना है कि 1984 के दंगे के बाद उन्हें लगा कि कोई भी घटना के बाद कम्युनिटी को टारगेट नहीं करना चाहिए. पुलवामा के बाद भी कुछ हद तक ऐसे हालात हुए थे. उन्होंने तब भी सोशल मीडिया पर मदद की पोस्ट डाली थी. हालांकि उनके इस कदम को लेकर उनके घरवाले शुरू में कश्मीर का माहौल देख डरे थे लेकिन हरमिंदर का कहना है उनके साथ उनके वाहेगुरु का आशीर्वाद था और नेक काम के बाद दुआएं भी थी. इसी वजह से वे आगे भी ऐसे काम करते रहेंगे.

Intro:लोकेशन--दिल्ली /हरि नगर
स्लग--32 कश्मीरी लड़की को घर पहुंचाया
रिपोर्टर--ओपी शुक्ला

पश्चिमी दिल्ली :- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के बाद जहां सोशल मीडिया पर कश्मीरी लड़कियों को लेकर भद्दे भद्दे कमेंट आ रहे थे वहीं दिल्ली के एक सिख युवक ने इस दौरान पुणे में फांसी 32 कश्मीरी लड़कियों के सामने मशीहा बनकर आये और शोशल मीडिया से ही मुहिम चलकर इन लड़कियों के एयर टिकट के पैसे इकट्ठा कर उन्हें घर पहुंचाया, इस काम ने उन्हें दिल्ली के 2 और सिख युवकों ने मदद कीBody:पश्चिमी दिल्ली के हरि नगर इलाके में रहनेवाले हरमिन्दर सिंह अहलूवालिया जो पेशे से तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं लेकिन इनकी रगों में सेना का जज्बा है क्योंकि इनके दादा सेना में रहते चीन के साथ और पिताजी पाकिस्तान के साथ युद्ध जीत चुके हैं, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाये जाने के ठीक एकदिन पहले सेना की हलचल बढ़ने पर इन्होंने फेसबुक पर भारत मे कहीं भी परेशानी में फसनेवाले कश्मीरी लोगों को पास के गुरुद्वारे में जाने का वीडियो लाइव किया अगले दिन जब 370 हटा तो इनके फोन पर पुणे में जम्मू के अलग अलग दूर दराज इलाके से नर्सिंग कोर्स के लिए गयी लड़कियों के सुपरवाईजर का फोन आया । वह सभी लड़कियां डरी हुई थी क्योंकि घरवालों से बात नही हो पा रही थी और फेसबुक पर भी भद्दे कमेंट आ रहे थे। ऐसे में हरमिंदर सिंह अहलूवालिया ने तब उन्हें मदद का भरोसा दिलाया और उन्होंने कश्मीरी लड़कियों के टिकट के लिए सिख संगत से शोशल मीडिया पर ही मदद मांगी । और टिकट के लिए लगभग साढ़े तीन लाख रुपये भी इकट्ठे हो गए । जिसमे उनकी मदत फाइनेंसर जगतार सिंह जग्गा ने की । जिसके बाद इन्होंने लड़कियों की पुणे से श्री नगर की टिकट कराई जिसमे दिल्ली के दो और सिख युवक अरमीत सिंह खानपूरी और बलजीत सिंह , बबलू ने मदद की, इतना ही नही ये तीनो युवक उन लड़कियों को उनके घर तक छोड़कर आये । जहां पहुंचना चुनौती थी, इस काम मे सेना की तरफ से कर्नल ए एस मलिक, 2 RR ,सिख रेजीमेंट द्वारा की गई मदद को ये जरूर याद करते हैै । साथ ही इन लड़कियों की सुपरवाईजर रुकैया की भी हिम्मत की दाद दे रहे, हरमिंदर सिंह का कहना है कि 84 दंगे के बाद उन्हें लगा कि कोई भी घटना के बाद कम्युनिटी को टारगेट नही करना चाहिए । पुलवामा के बाद भी कुछ हद तक ऐसे हालात हुए थे । उन्होंने तब भी सोशल मीडिया पर मदद की पोस्ट डाली थी। हालांकि उनके इस कदम को लेकर उनके घरवाले शुरू में कश्मीर का माहौल देख डरे थे । लेकिन हरमिंदर का कहना है उनके साथ उनके वाहेगुरु का आशीर्वाद था और नेक काम के बाद दुआएं, और इसी वजह से वे आगे भी ऐसे काम करते रहेंगेConclusion:वॉक थ्रू -- ओपी शुक्ला

वाकई दिल्ली के इन नेकदिल इंसानों के कारण वे 32 लड़कियां अपने घर पहुंच पाई अब हरमिंदर ये चाहते हैं कि हरेक इंसान को एकदूसरे धर्म और संप्रदाय का सम्मान करने के साथ साथ उस कॉम के लोगों की भी इज्जत करनी चाहिए
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