जयपुर. प्रदेश में हर साल तकरीबन 50 हजार बच्चे जन्मजात विकृतियों के साथ पैदा होते हैं. चिकित्सकों का कहना है कि अगर गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की सही से जांच हो तो ऐसे बच्चों को दुनिया में आने से रोका जा सकता है, लेकिन जयपुर के तीन बड़े महिला अस्पताल में इस तरह की जांच उपलब्ध नहीं (No facility for congenital malformation in Jaipur) है.
राजधानी जयपुर में तीन बड़े महिला चिकित्सालय हैं, जहां हर साल हजारों की संख्या में डिलीवरी होती हैं. लेकिन इन सरकारी अस्पतालों का सच यह है कि यहां पर गर्भ में पल रहे बच्चे में बीमारियों को जांचने के लिए एडवांस जांच की कोई सुविधा नहीं है. जरूरी कलर्ड डॉप्लर अल्ट्रासाउंड तक की सुविधा नहीं है, जिसके जरिए गर्भावस्था की पुष्टि से लेकर आकस्मिक रक्तस्राव, नाल की स्थिति, अपरिपक्व प्रसव आदि परेशानियों को पता लगाया जा सकता है. यदि समय पर इन बीमारियों का पता लगाना संभव हो तो रीढ़ की हड्डी, खोपड़ी का न बन पाना, दिल से संबंधित, असमान्य गुर्दे, दिमागी कमजोरी, फेफड़ों आदि की बीमारी के बारे में पता लगाया जा सकता है.
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वहीं, इन बड़े अस्पतालों में एडवांस डीएनए टेस्ट मशीन हो तो आनुवांशिक बीमारियों का पता लगाया जा सकता है. जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. पुष्पा नागर का कहना है कि सामान्य जांच गर्भवती महिलाओं की तय समय पर हो रही है. सीटी स्केन और एमआरआई के लिए मरीजों को एसएमएस भेजा जा रहा है, लेकिन गर्भ में पल रहे बच्चों की बीमारी का पता लगाने के लिए जांच की सुविधा अस्पतालों में नहीं हैं. थ्री-डी, फोर-डी जैसी एडवांस अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी आदि की जांच की मशीन लगाने को लेकर सरकार और विभाग को भी लिखा गया है, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे फिर स्थिति का पता लगाया जा सकता है.
यदि समय पर बच्चे की विकृति या फिर बच्चा किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, इसके बारे में पता लग जाए तो गर्भपात के जरिए उसे दुनिया में आने से रोका जा सकता है. क्योंकि इस तरह के बच्चे ज्यादा दिन तक जिंदा नहीं रहते. चिकित्सकों की मानें तो हर साल 1 हजार आबादी पर 22 बच्चे ऐसे जन्म लेते हैं, जिसमें जन्मजात विकृति संबंधित कोई ना कोई बीमारी होती है. चिकित्सकों की माने तो गर्भ में पल रहे बच्चे की एडवांस जांच की सुविधा अस्पतालों में मिले तो समय रहते इलाज या फिर महिला का गर्भपात संभव होता है. बीमारियों की पहचान कर प्रसव के बाद नवजात का बेहतर इलाज भी किया जा सकता है.