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प्रशासनिक अधिकारी व्यक्तिगत रूप से नहीं चाहते की शहर में लगे लॉकडाउन

प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस बीच जयपुर में लॉकडाउन लगने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारी शहर में लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है. वहीं, ईटीवी भारत की टीम ने सोमवार को शहर में मौजूद प्रमुख पब्लिक ऑफिस जेडीए और ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर से लॉकडाउन के संबंध में वार्ता की. देखें ये खबर..

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प्रशासनिक अधिकारी नहीं चाहते की शहर में लगे लॉकडाउन
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Published : Sep 28, 2020, 10:48 PM IST

जयपुर. जोधपुर में शनिवार रविवार को लगाए गए लॉकडाउन के बाद राजधानी जयपुर में भी लॉकडाउन लगाए जाने पर चर्चाएं तेज हुई हैं. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी व्यक्तिगत रूप से शहर में लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है. जहां एक ओर जेडीए प्रशासन विजिटर्स को ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराकर कार्यालय में कम से कम आने की जद्दोजहद कर रहा है. तो वहीं निगम प्रशासन अभी भी निगम परिसर में ही शहरवासियों की सुनवाई कर रहा है.

प्रशासनिक अधिकारी नहीं चाहते की शहर में लगे लॉकडाउन

प्रदेश में रविवार को रिकॉर्ड 2084 नए कोरोना संक्रमित मिले. जबकि 15 मरीजों की मौत हो गई. अकेले राजधानी जयपुर में 373 पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं. जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है. ऐसे में एक बार फिर जयपुर वासियों में लॉकडाउन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है.

इस बीच ईटीवी भारत ने शहर में मौजूद प्रमुख पब्लिक ऑफिस जेडीए और ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर से लॉकडाउन के संबंध में वार्ता की. जेडीसी गौरव गोयल कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट ने कोविड-19 को लेकर एडवाइजरी जारी कर रखी है. जेडीए में भी नो मास्क नो एंट्री की कठोरता से पालना की जा रही हैं. मीटिंग्स में डिस्टेंस मेंटेन किया जा रहा है. साथ ही विजिटर्स की संख्या कम से कम हो उसके लिए ऑनलाइन सर्विस चल रही हैं. और ई अपॉइंटमेंट सिस्टम शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि पब्लिक ऑफिस में जो काम ऑनलाइन हो सकते हैं, वो ऑनलाइन किए जाएं.

वहीं, ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने कहा कि किसी भी शहर में लॉकडाउन लगाने से संबंधित निर्णय गृह विभाग ही ले सकता है, लेकिन यदि शहर की स्थिति और लॉकडाउन को लेकर पुराने अनुभव की अगर बात की जाए तो व्यक्तिगत रूप से उनका मानना है कि जयपुर में अभी लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं है.

पढ़ें- चार लाख से अधिक परिवारों को मिलेगा निशुल्क खाद्यान्न, मुख्यमंत्री सहायता कोष से 37.74 करोड़ रुपए मंजूर

उन्होंने कहा कि ना तो वो मेडिकल डिपार्टमेंट से जुड़े है, जिसे कोविड-19 को लेकर बहुत ज्यादा विश्लेषण हो और ना ही लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े मसलों को डील करते हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम का काम बदस्तूर जारी है, शहरवासी अपनी समस्याओं को लेकर भी हर दिन मुख्यालय तक आते हैं. इसमें निश्चित रूप से रिस्क तो है, लेकिन फिर भी शहर में अभी लॉकडाउन लगाने जैसी स्थिति नहीं है.

हाल ही में नगर निगम के कई उपायुक्त और दूसरे कर्मचारी कोरोना की चपेट में आए जिनमें से अधिकतर अभी भी इस से जूझ रहे हैं. वहीं, जेडीए के भी 25 अधिकारी-कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में अब जरूरत है कि पब्लिक कार्यालयों में एहतियात बरता जाएं, लेकिन शहर में लॉकडाउन को लेकर अंतिम फैसला गृह विभाग का ही होगा.

जयपुर. जोधपुर में शनिवार रविवार को लगाए गए लॉकडाउन के बाद राजधानी जयपुर में भी लॉकडाउन लगाए जाने पर चर्चाएं तेज हुई हैं. हालांकि प्रशासनिक अधिकारी व्यक्तिगत रूप से शहर में लॉकडाउन लगाने के पक्ष में नहीं है. जहां एक ओर जेडीए प्रशासन विजिटर्स को ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराकर कार्यालय में कम से कम आने की जद्दोजहद कर रहा है. तो वहीं निगम प्रशासन अभी भी निगम परिसर में ही शहरवासियों की सुनवाई कर रहा है.

प्रशासनिक अधिकारी नहीं चाहते की शहर में लगे लॉकडाउन

प्रदेश में रविवार को रिकॉर्ड 2084 नए कोरोना संक्रमित मिले. जबकि 15 मरीजों की मौत हो गई. अकेले राजधानी जयपुर में 373 पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं. जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है. ऐसे में एक बार फिर जयपुर वासियों में लॉकडाउन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है.

इस बीच ईटीवी भारत ने शहर में मौजूद प्रमुख पब्लिक ऑफिस जेडीए और ग्रेटर नगर निगम के कमिश्नर से लॉकडाउन के संबंध में वार्ता की. जेडीसी गौरव गोयल कहा कि हेल्थ डिपार्टमेंट ने कोविड-19 को लेकर एडवाइजरी जारी कर रखी है. जेडीए में भी नो मास्क नो एंट्री की कठोरता से पालना की जा रही हैं. मीटिंग्स में डिस्टेंस मेंटेन किया जा रहा है. साथ ही विजिटर्स की संख्या कम से कम हो उसके लिए ऑनलाइन सर्विस चल रही हैं. और ई अपॉइंटमेंट सिस्टम शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि पब्लिक ऑफिस में जो काम ऑनलाइन हो सकते हैं, वो ऑनलाइन किए जाएं.

वहीं, ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर दिनेश यादव ने कहा कि किसी भी शहर में लॉकडाउन लगाने से संबंधित निर्णय गृह विभाग ही ले सकता है, लेकिन यदि शहर की स्थिति और लॉकडाउन को लेकर पुराने अनुभव की अगर बात की जाए तो व्यक्तिगत रूप से उनका मानना है कि जयपुर में अभी लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं है.

पढ़ें- चार लाख से अधिक परिवारों को मिलेगा निशुल्क खाद्यान्न, मुख्यमंत्री सहायता कोष से 37.74 करोड़ रुपए मंजूर

उन्होंने कहा कि ना तो वो मेडिकल डिपार्टमेंट से जुड़े है, जिसे कोविड-19 को लेकर बहुत ज्यादा विश्लेषण हो और ना ही लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े मसलों को डील करते हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम का काम बदस्तूर जारी है, शहरवासी अपनी समस्याओं को लेकर भी हर दिन मुख्यालय तक आते हैं. इसमें निश्चित रूप से रिस्क तो है, लेकिन फिर भी शहर में अभी लॉकडाउन लगाने जैसी स्थिति नहीं है.

हाल ही में नगर निगम के कई उपायुक्त और दूसरे कर्मचारी कोरोना की चपेट में आए जिनमें से अधिकतर अभी भी इस से जूझ रहे हैं. वहीं, जेडीए के भी 25 अधिकारी-कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में अब जरूरत है कि पब्लिक कार्यालयों में एहतियात बरता जाएं, लेकिन शहर में लॉकडाउन को लेकर अंतिम फैसला गृह विभाग का ही होगा.

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