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Corona War Room में सूचना मिलते ही एक्शन में आता है प्रशासन, तुरंत पहुंचाई जा रही है मदद

लॉकडाउन के दौरान फंसे लोगों की मदद के लिए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में बनाया गया वॉर रूम लगातार सक्रिय है. यहां सूचना मिलते ही प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ लोगों तक सहायता पहुंचा रहे है. वॉर रूम के जरिए जयपुर में फंसे झारखण्ड, बिहार, मध्यप्रदेश और केरल-कर्नाटक से आए लोगों की तुरंत मदद की गई है.

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Published : Apr 5, 2020, 8:08 PM IST

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मुस्तैदी के साथ काम कर रहा है 'कोरोना वॉर रूम'

जयपुर. लॉकडाउन में जनता की समस्या को समाधान करने के लिए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में बनाया गया वॉर रूम मुस्तैदी से काम कर रहा है. शिकायत आते ही तुरंत एक्शन हो रहा है. पिछले दो दिन में वॉर रूम में सूचना मिलते कई लोगों को सहायता पहुंचाई है.

मुस्तैदी के साथ काम कर रहा है 'कोरोना वॉर रूम'

जिला कलेक्ट्रेट में स्थापित वॉर रूम के जरिए झारखंड के 5 श्रमिकों को सहायता पहुंचाई गई. झारखंड सरकार ने जिला प्रशासन से संपर्क किया था. इसके बाद जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम के निर्देश पर उपखंड अधिकारी उत्तर ओम प्रभा ने तुरंत उनको राशन पहुंचाया. इसी तरह से किशनबाग नया खेड़ा अंबाबाड़ी में एक मकान में फंसे 15 लोगों ने जिला प्रशासन से संपर्क किया था. जिसके बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ अशोक कुमार के निर्देश पर उपखंड अधिकारी उत्तर ओम प्रभा ने उनको राशन सामग्री पहुंचाई. इसी तरह से सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में 45 श्रमिकों को भी राशन सामग्री पहुंचाई गई.

ये पढ़ेंः BJP प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने आमेर क्षेत्र का किया दौरा, व्यवस्थाओं का लिया जायजा

बता दें कि बिहार के मोहम्मद जमालुद्दीन 45 श्रमिकों के साथ कुछ माह पहले रोजगार की तलाश में जयपुर आए थे और सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में परिवार के साथ जीवन यापन करने लगे. कोरोना वायरस संकरण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में जयपुर में फंस गए. वॉर रूम में सूचना मिलते ही अशोक कुमार अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ के निर्देश पर जमालुद्दीन और उसके साथ के श्रमिकों और उनके परिवार के लिए राशन की व्यवस्था की.

इसी तरह सेहो टल मैनेजमेंट के प्रशिक्षु 7 से 8 लोगों का एक ग्रुप भी लॉकडाउन में जयपुर में फंस गया. वार रूम में सूचना मिलते ही राशन की व्यवस्था कराई गई. यह ग्रुप कर्नाटक और केरल से आया था. इसी प्रकार जिला प्रशासन को जानकारी मिलते ही मध्यप्रदेश के कुछ श्रमिकों को भी तत्काल सहायता उपलब्ध कराई गई.

ये पढ़ेंः देश भर में केरल के बाद कोरोना की जांच में राजस्थान दूसरे नंबर पर

कर्नाटक से आई अंजली ने बताया कि मार्च में उनकी ट्रेनिंग बस पूरी होने वाली थी कि, लॉकडाउन हो गया और वे लोग जयपुर के होटल में ही फंस गए. कुछ दिन तो ठीक चला लेकिन फिर धीरे-धीरे खाने की दिक्कत होने लगी. लॉकडाउन होने के कारण हम घर वापस नहीं जा सके. ऐसे में उनके परिजनों ने जयपुर जिला प्रशासन के साथ संपर्क किया. जिसके बाद तुरंत सहायता पहुंचाई गई. साथ ही होटल मालिक को भी पाबंद किया गया.

जयपुर. लॉकडाउन में जनता की समस्या को समाधान करने के लिए जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में बनाया गया वॉर रूम मुस्तैदी से काम कर रहा है. शिकायत आते ही तुरंत एक्शन हो रहा है. पिछले दो दिन में वॉर रूम में सूचना मिलते कई लोगों को सहायता पहुंचाई है.

मुस्तैदी के साथ काम कर रहा है 'कोरोना वॉर रूम'

जिला कलेक्ट्रेट में स्थापित वॉर रूम के जरिए झारखंड के 5 श्रमिकों को सहायता पहुंचाई गई. झारखंड सरकार ने जिला प्रशासन से संपर्क किया था. इसके बाद जिला कलेक्टर डॉ. जोगाराम के निर्देश पर उपखंड अधिकारी उत्तर ओम प्रभा ने तुरंत उनको राशन पहुंचाया. इसी तरह से किशनबाग नया खेड़ा अंबाबाड़ी में एक मकान में फंसे 15 लोगों ने जिला प्रशासन से संपर्क किया था. जिसके बाद अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ अशोक कुमार के निर्देश पर उपखंड अधिकारी उत्तर ओम प्रभा ने उनको राशन सामग्री पहुंचाई. इसी तरह से सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में 45 श्रमिकों को भी राशन सामग्री पहुंचाई गई.

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बता दें कि बिहार के मोहम्मद जमालुद्दीन 45 श्रमिकों के साथ कुछ माह पहले रोजगार की तलाश में जयपुर आए थे और सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में परिवार के साथ जीवन यापन करने लगे. कोरोना वायरस संकरण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन में जयपुर में फंस गए. वॉर रूम में सूचना मिलते ही अशोक कुमार अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ के निर्देश पर जमालुद्दीन और उसके साथ के श्रमिकों और उनके परिवार के लिए राशन की व्यवस्था की.

इसी तरह सेहो टल मैनेजमेंट के प्रशिक्षु 7 से 8 लोगों का एक ग्रुप भी लॉकडाउन में जयपुर में फंस गया. वार रूम में सूचना मिलते ही राशन की व्यवस्था कराई गई. यह ग्रुप कर्नाटक और केरल से आया था. इसी प्रकार जिला प्रशासन को जानकारी मिलते ही मध्यप्रदेश के कुछ श्रमिकों को भी तत्काल सहायता उपलब्ध कराई गई.

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कर्नाटक से आई अंजली ने बताया कि मार्च में उनकी ट्रेनिंग बस पूरी होने वाली थी कि, लॉकडाउन हो गया और वे लोग जयपुर के होटल में ही फंस गए. कुछ दिन तो ठीक चला लेकिन फिर धीरे-धीरे खाने की दिक्कत होने लगी. लॉकडाउन होने के कारण हम घर वापस नहीं जा सके. ऐसे में उनके परिजनों ने जयपुर जिला प्रशासन के साथ संपर्क किया. जिसके बाद तुरंत सहायता पहुंचाई गई. साथ ही होटल मालिक को भी पाबंद किया गया.

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