जयपुर. पिछले 2 सालों से राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर राज्य सरकार से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उनकी एक भी नहीं सुनी जा रही है. ऐसे में अब 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर समायोजित शिक्षाकर्मी अपनी मांगों के लिए गांधीगिरी अपनाएंगे और शांतिपूर्ण आंदोलन का आगाज करेंगे. ये आंदोलन प्रदेशभर में अहिंसात्मक और आमरण अनशन के रूप में होगा.
वहीं जयपुर के जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित गांधी सर्किल पर 2 अक्टूबर को महात्मा गांधीजी की प्रतिमा के आगे अखण्ड रामधुनी से आंदोलन का आगाज होगा. जहां समायोजित शिक्षाकर्मी राज्य सरकार की सद्बुद्धि के लिए रामधुनी का गायन करेंगे. उसके बाद भी सरकार ध्यान नहीं देती है तो पूरे राजस्थान में आमरण अनशन और अहिंसात्मक आंदोलन शुरू होगा, इसको लेकर राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ ने ऐलान किया है.
जिला इकाई जयपुर द्वारा संघ के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिंह शेखावत ने बताया कि कोविड-19 गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए गांधी जयंती पर एकदम शांतिपूर्ण रामधुनी करेंगे. जहां सीमित संख्या में सेवानिवृत्त समायोजित शिक्षककर्मी शामिल होकर जप करेंगे, ताकि गहलोत सरकार को सद्बुद्धि आए और सर्वोच्च न्यायालय के 13 सितंबर 2018 के आदेश की पालना के तहत समायोजित कार्मिकों को पुरानी पेंशन योजना 1996 लागू की करें.
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उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के तहत लागू की जाएं. इसको लेकर न्यायालय ने 2 साल पहले उनके पक्ष में फैसला देते हुए राज्य सरकार को आग्रह किया कि इनको पुरानी पेंशन 1996 के तहत दी जाएं. कई बार उन्होंने राज्य सरकार के मंत्रियों, विधायकों को पत्र लिखकर निवदेन भी किया, लेकिन अभी तक पेंशन नहीं मिली है.