जयपुर. बीते दो महीने से शहर को सैनिटाइज करने, राशन वितरण और कोविड- 19 से जुड़े दूसरे कार्यों में लगे निगम के अधिकारी फिर अपने मूल कार्य की तरफ से लौटे हैं. सफाई, स्ट्रीट लाइट, नालों की सफाई, आवारा पशु प्रबंधन को लेकर पेंडिंग चल रही हजारों शिकायतों को फिर टटोला गया.
निगम कमिश्नर ने सभी जोन डीसी और कार्यालय डीसी को शिकायतों का निपटारा करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही बाढ़ नियंत्रण कक्ष को तीन के बजाय चार जगह बनाए जाने का निर्णय लिया. इस संबंध में निगम एडिशनल कमिश्नर अरुण गर्ग ने बताया कि कोविड- 19 को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के बाद सभी जोन उपायुक्तों से चर्चा की गई. निगम में अब कोविड कार्य के साथ सामान्य कार्य भी शुरू हो गए हैं और अब राजस्व, सफाई, आवारा पशु प्रबंधन और स्ट्रीट लाइट के कार्य को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं.
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उन्होंने बताया कि चूंकि 15 जून से बाढ़ नियंत्रण कक्ष शुरू हो रहे हैं. ऐसे में इस बार मालवीय नगर फायर स्टेशन को भी शामिल करते हुए चार फायर स्टेशन से व्यवस्थाएं संचालित होंगी. वहीं संपर्क और कॉल सेंटर की पेंडिंग चल रही 2 हजार 500 शिकायतें, जिसमें स्ट्रीट लाइट की 1 हजार 200 और अन्य 13 शिकायतें शामिल हैं. उनका जल्द निपटारा करने के निर्देश दिए जाने की भी बात कही.
हालांकि इस दौरान निगम के अधिकारी जो अब तक कोविड-19 के कार्यों में जुटे हुए थे, वो खुद सोशल डिस्टेंसिंग की पालन को भुला बैठे. यही नहीं खुद निगम कमिश्नर विजयपाल सिंह ने मीटिंग के दौरान मास्क लगाना तक उचित नहीं समझा. जहां एक ओर निगम प्रशासन मास्क नहीं लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग की पालन नहीं करने वालों के खिलाफ चालान काट रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर निगम परिसर में अधिकारियों से एडवाइजरी की पालना कौन कराएगा.