जयपुर. जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने मंगलवार को प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत स्वीकृत कार्यों की प्रगति की वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से समीक्षा की. पंत ने वीसी में कहा कि अधिकारी कोविड के इस समय में वर्चुअल माध्यम का अधिकाधिक उपयोग करते हुए बकाया कामों को आगे बढ़ाएं.
उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट्स के बकाया कार्यों में फील्ड विजिट के अलावा अधिकांश काम ऐसे है जिनको जिला एवं रीजन स्तर के कार्यालयों में बैठकर या फिर 'वर्क फ्रॉम होम मोड' पर सम्पादित किया जा सकता है. अधिकारी कंसलटेंसी एजेंसीज के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनके स्तर पर बकाया कामों को भी उनके स्तर पर इसी तरीके से शीघ्र पूरा करने के लिए समन्वय करें.
एसीएस ने राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएससी) की गत बैठकों में जारी की गई प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के मुकाबले तकनीकी स्वीकृति और निविदा जारी करने की विस्तार से समीक्षा की. उन्होंने कहा कि कोविड की चुनौती को देखते हुए अधिकारियों को कुछ अलग हटकर सोचते हुए अपनी एप्रोच और कार्यशैली में सुधार लाकर बेहतर परिणाम देने होंगे. उन्होंने प्रोजेक्ट विंग के अधिकारियों को सभी बकाया कार्यों को पूरा करने के लिए एक टाइमलान चार्ट बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
इसके आधार पर आगामी दिनों में प्रोजेक्ट दर प्रोजेक्ट कार्यों की प्रगति की समीक्षा होगी. अधिकारियों को एसएलएससी की आगामी बैठक के लिए भी अपने जिलों से बचे हुए हर घर नल कनेक्शन के प्रस्ताव भिजवाने के भी निर्देश दिए गए. पंत ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स में सर्वे और डीपीआर तैयार करने जैसे कार्य कंसलटेंसी एजेंसीज के माध्यम से कराए जा रहे हैं. उनके कार्यों की भी अधिकारी सतत मॉनिटरिंग करें जहां कहीं भी एजेंसीज की ओर से कार्य समय पर पूरा नहीं किया जा रहा या फिर सम्पादित कार्य मानकों और शर्तों के अनुसार नहीं हो तो इसे उनके उच्चाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर ध्यान में लाया जाए. इसके बावजूद किसी कंसलटेंसी फर्म की शिथिलता सामने आए तो प्रकरण को पूर्ण ब्यौरे के साथ राज्य स्तर पर प्रस्तुत किया जाए.
एसीएस ने हेल्थ इमरजेंसी के इस समय में जनता के नियमित पेयजल प्रबंधन के साथ-साथ प्रोजेक्ट के कार्यों को आगे बढ़ाने में जुटे अधिकारियों के जज्बे की सराहना की. जलदाय विभाग के कार्य अति आवश्यक कार्यों की श्रेणी में है तथा जल जीवन मिशन के लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, ऐसे में अधिकारी पूरी सावधानी के साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मेजर प्रोजेक्ट्स के बकाया कार्यों को गति दें.