जयपुर. एक अगस्त से मतदाता सूची में नाम जुड़वाने की प्रक्रिया अब और भी सरल हो गई है. इसके साथ ही युवाओं को मतदाता सूची का हिस्सा बनने के लिए और अधिक मौके भी मिलेंगे. नामांकन के लिए एक वर्ष का इंतजार नही करना पड़ेगा. भारत निर्वाचन आयोग के नए प्रावधान के बाद सिर्फ 1 जनवरी की प्रतीक्षा करने की जरूरत नहीं रह गई है. वर्ष में चार बार मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के मौके मिलेंगे. मतदाता पंजीकरण के सरल प्रयोग के लिए आज से नए फार्म उपलब्ध हैं.
ये कर सकते हैं आवेदन- 17 वर्ष से अधिक उम्र वाले युवा अब मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराने के लिए अग्रिम रूप से आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें किसी वर्ष की 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के पूर्व निर्धारित मानदंड के इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अनूप चंद्र पाण्डेय के नेतृत्व में भारत निर्वाचन आयोग ने सभी राज्यों को इस तरह के प्रौद्योगिकी-सक्षम समाधान तैयार करने के निर्देश दिए हैं. युवाओं को न केवल 1 जनवरी को बल्कि तीन बार यानी 1 अप्रैल, 01 जुलाई और 01 अक्टूबर के संदर्भ में भी अपने अग्रिम आवेदन दाखिल करने की सुविधा मिल सके.
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अब से निर्वाचक नामावली प्रत्येक तिमाही में अद्यतन की जाएगी और पात्र युवाओं को उस वर्ष की अगली तिमाही में पंजीकृत किया जा सकता है, जिसमें उन्होंने 18 वर्ष की पात्रता आयु पूरी कर ली हो. पंजीकरण करवाने के बाद उन्हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र (एपिक) जारी किया जाएगा. निर्वाचक नामावली 2023 के वार्षिक पुनरीक्षण के वर्तमान कार्यक्रम गतिमान चक्र के लिए वर्ष 2023 के 1 अप्रैल, 1 जुलाई और 1 अक्टूबर तक 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाला कोई भी नागरिक मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए निर्वाचक नामावली के प्रारूप प्रकाशन की तारीख से अग्रिम आवेदन जमा कर सकता है.
यह हुआ नियमों में बदलाव- लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 14(ख) में विधिक संशोधनों और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण नियम, 1960 में किए गए परिणामी संशोधनों के अनुसरण में भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा/संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावली को तैयार करने/उसका पुनरीक्षण करने के लिए आवश्यक परिवर्तन करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. आयोग ने पंजीकरण प्ररूपों को भी आमजन के लिए और अधिक अनुकूल तथा सरल बना दिया है. नव-आशोधित प्ररूप 1 अगस्त 2022 से लागू होंगे. 1 अगस्त 2022 से पहले पुराने प्ररूपों में प्राप्त सभी आवेदनों (दावे और आपत्तियां) पर कार्रवाई की जाएगी और इनका निस्तारण किया जाएगा. साथ ही ऐसे मामलों में नए प्ररूपों में आवेदन दाखिल करने की जरूरत नहीं है.
आसान भाषा मे समझें- प्रवीण गुप्ता ने बताया कि यदि कोई युवा 01 जनवरी 2022 को 18 वर्ष पूर्ण करता है तो पहले उसे 01 जनवरी 2023 तक मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए इंतजार करना होता था और इस वर्ष होने वाले चुनावों में वह अपने मत का प्रयोग नहीं कर सकता था. लेकिन अब ऐसे युवा जिस तिमाही में 18 वर्ष पूर्ण कर रहे हैं, उसकी निर्धारित अहर्ता तिथि के पहले ही अपना पंजीकरण करवा सकेंगे.
मतदाता पंजीकरण के लिए आधार नंबर- गुप्ता ने बताया कि नए मतदाता अपनी पहचान स्थापित करने के लिए पंजीकरण के समय आधार नंबर दे सकते हैं. जिनके नाम पहले से ही मतदाता सूची में सम्मिलित हैं, वे भी 01 अगस्त से 31 मार्च 2023 तक अपने आधार नंबर वोटर आईडी में अपडेट करवा सकते हैं. इसके लिए नया फॉर्म 6 भी भरा जाएगा. उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने और संशोधन करने से संबंधित विभिन्न पंजीकरण फॉर्म्स को यूजर फ्रेंडली और सरल बनाया है. नए फॉर्म 01 अगस्त 2022 से प्रभावी होंगे. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने 01 अगस्त के पहले ही आवेदन कर दिए हैं, उन्हें दोबारा नए फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं है.
दावे और आपत्ति करवा सकते हैं दर्ज - गुप्ता ने बताया कि आयोग ने निर्वाचक नामावली के वार्षिक संक्षिप्त पुनरीक्षण की तिथि 01 जनवरी 2023 निर्धारित की है. इसके पहले पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान दावे और आपत्तियों, मतदान केंद्रों, वोटर आईडी में दर्ज समान सूचनाएं, फोटो जैसी सभी विसंगतियों पर काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि आयोग की ओर से राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी के पहले ही मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा ताकि 25 जनवरी को नए मतदाताओं को ईपिक कार्ड दिए जा सकें.
एपिक को आधार से जोड़ना- प्रवीण गुप्ता ने बताया कि आधार संख्या को निर्वाचक नामावली डाटा से जोड़ने के लिए निर्वाचकों के आधार संबंधी विवरण मंगवाने के लिए आशोधित पंजीकरण प्रपत्रों में प्रावधान किया गया है. मौजूदा निर्वाचकों की आधार संख्या के संग्रहण के लिए एक नया प्रपत्र-6ख भी शुरू किया गया है. किसी व्यक्ति के आधार संख्या नहीं देने या सूचित नहीं करने पर निर्वाचक नामावली में नाम शामिल करने संबंधी किसी भी आवेदन को अस्वीकार नहीं किया जाएगा और निर्वाचक नामावली से कोई प्रविष्टि नहीं हटाई जाएगी. इस बात पर जोर दिया गया है कि आवेदकों की आधार संख्या के संबंध में कार्रवाई करते समय, आधार (वित्तीय और अन्य रियायतें, लाभ और सेवाओं का लक्षित परिदान) अधिनियम, 2016 की धारा 37 के तहत दिए गए उपबंध का पालन अवश्य किया जाना चाहिए. किसी भी परिस्थिति में इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. यदि निर्वाचकों से संबंधित जानकारी सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करनी अपेक्षित हो तो आधार विवरण को हटा या ढक दिया जाना चाहिए.
सहभागी प्रक्रिया-बूथ लेवल एजेंटों को शामिल करना - राजनीतिक दलों की अधिकाधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के दृष्टिगत, आयोग ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों (बीएलए) को इस शर्त के अध्यधीन अधिक संख्या (बल्क) में आवेदन दाखिल करने की अनुमति दी है कि एक बीएलए बूथ स्तर अधिकारी (बीएलओ) के पास एक बार/एक दिन में 10 से अधिक प्ररूप (फॉर्म) जमा नहीं करेगा. यदि कोई बीएलए दावों और आपत्तियों को दाखिल करने की सम्पूर्ण अवधि के दौरान 30 से अधिक आवेदन/प्ररूप दाखिल करता है, तो ईआरओ/एईआरओ की ओर से स्वयं उनका प्रतिसत्यापन किया जाना चाहिए. इसके अलावा, बीएलए आवेदन प्ररूपों की सूची भी इस घोषणा के साथ प्रस्तुत करेगा कि उसने आवेदन प्ररूपों के विवरणों का व्यक्तिगत रूप से सत्यापन कर लिया है और उसका यह समाधान हो गया है कि वे सही हैं.