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जयपुर: वर्चुअली 'फिल्मी बातें' सेशन में अभिनेत्री शाश्विता शर्मा ने शेयर किया अपना सफर - Actress Shashvita Sharma

जयपुर में आईएएस एसोसिएशन राजस्थान की ओर से रविवार को वर्चुअली सेशन में 'फिल्मी बातें' का आयोजन हुआ. सेशन में स्टेज और स्क्रीन एक्टर और जश्न-ए-कलम की सह-संस्थापक शाश्विता शर्मा के साथ चर्चा की गई.

Actress Shashvita Sharma,  IAS Association Rajasthan
भिनेत्री शाश्विता शर्मा ने शेयर किया अपना सफर
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Published : Apr 11, 2021, 10:43 PM IST

जयपुर. आईएएस एसोसिएशन राजस्थान ने रविवार को वर्चुअली सेशन में 'फिल्मी बातें' का आयोजन हुआ. सेशन में स्टेज और स्क्रीन एक्टर और जश्न-ए-कलम की सह-संस्थापक शाश्विता शर्मा के साथ चर्चा की गई. यह सेशन अभिनेत्री के बचपन, कथक में उनकी जर्नी, स्टेज और स्क्रीन एक्टर बनने का सफर सहित अन्य विषयों पर केंद्रित था.

सेशन में आईएएस लिटरेरी सेक्रेटरी, आईएएस एसोसिएशन राजस्थान और मुग्धा सिन्हा के साथ चर्चा हुई. इस वार्ता में शर्मा के अभिनय करियर के कई क्लिप्स भी दिखाई गई और साथ ही लेखक, इस्मत चुगताई की कहानी 'छुई-मुई' की एक झलक भी प्रदर्शित की गई.

इस मौके पर अपने बचपन के बारे में बात करते हुए शर्मा ने कहा कि वे कोटा में पैदा हुई. काफी छोटी उम्र में उनके पिता के निधन के बाद उनकी मां और दादी ने उनका पालन-पोषण किया. 7 साल की उम्र में उन्होंने कथक शुरू किया. उन्होंने कथक में प्रशिक्षण जारी रखा और कई स्टेज शो में भी परफॉर्म किया. उनकी मां ने उन्हें कथक के साथ-साथ शिक्षा जारी रखने का महत्व समझाया. दुर्भाग्य से पीठ के निचले हिस्से में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें कथक छोड़ना पड़ा. अपनी चोट के कारण उन्हें एक साल तक काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उस दौरान उन्हें अपने परिवार से पूरा सहयोग मिला.

पढ़ें- पुजारी मौत मामला: पूनिया ने किया धरना समाप्त करने का एलान, मीणा और चतुर्वेदी ने कहा- देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आई सरकार

उन्होंने आगे कहा कि अपनी चोट से उबरने के दौरान उन्होंने मुंबई जाने और कला से जुड़े रहने का फैसला किया. वहां, उन्होंने एक प्रसिद्ध थिएटर ग्रुप के साथ काम किया. स्टेज पर परफॉर्म करने के बाद उन्हें थिएटर का महत्व और मूल्य समझ आए. उन्होंने छोटे संदेशों के माध्यम से थिएटर के प्रभाव को देखा और उसकी शक्ति को समझा. ऑडिशन के माध्यम से उन्होंने ऑनस्क्रीन एक्टिंग की शुरूआत की.

सीरियल 'मर्यादा: लेकिन कब तक?' में 'इमली' का किरदार उनके लिए सबसे खास रहा है. स्टोरी टैलिंग उनका पसंदीदा आर्ट फॉर्म है क्योंकि इसमें परफॉर्मेंस के दौरान वह नृत्य, संगीत और अभिनय तीनों साथ कर सकती हैं. उनका मानना है कि लोगों तक कहानी पहुंचाने के लिए लाइव स्टोरीटैलिंग सबसे शक्तिशाली टूल है.

जयपुर. आईएएस एसोसिएशन राजस्थान ने रविवार को वर्चुअली सेशन में 'फिल्मी बातें' का आयोजन हुआ. सेशन में स्टेज और स्क्रीन एक्टर और जश्न-ए-कलम की सह-संस्थापक शाश्विता शर्मा के साथ चर्चा की गई. यह सेशन अभिनेत्री के बचपन, कथक में उनकी जर्नी, स्टेज और स्क्रीन एक्टर बनने का सफर सहित अन्य विषयों पर केंद्रित था.

सेशन में आईएएस लिटरेरी सेक्रेटरी, आईएएस एसोसिएशन राजस्थान और मुग्धा सिन्हा के साथ चर्चा हुई. इस वार्ता में शर्मा के अभिनय करियर के कई क्लिप्स भी दिखाई गई और साथ ही लेखक, इस्मत चुगताई की कहानी 'छुई-मुई' की एक झलक भी प्रदर्शित की गई.

इस मौके पर अपने बचपन के बारे में बात करते हुए शर्मा ने कहा कि वे कोटा में पैदा हुई. काफी छोटी उम्र में उनके पिता के निधन के बाद उनकी मां और दादी ने उनका पालन-पोषण किया. 7 साल की उम्र में उन्होंने कथक शुरू किया. उन्होंने कथक में प्रशिक्षण जारी रखा और कई स्टेज शो में भी परफॉर्म किया. उनकी मां ने उन्हें कथक के साथ-साथ शिक्षा जारी रखने का महत्व समझाया. दुर्भाग्य से पीठ के निचले हिस्से में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें कथक छोड़ना पड़ा. अपनी चोट के कारण उन्हें एक साल तक काफी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन उस दौरान उन्हें अपने परिवार से पूरा सहयोग मिला.

पढ़ें- पुजारी मौत मामला: पूनिया ने किया धरना समाप्त करने का एलान, मीणा और चतुर्वेदी ने कहा- देर से ही सही लेकिन दुरुस्त आई सरकार

उन्होंने आगे कहा कि अपनी चोट से उबरने के दौरान उन्होंने मुंबई जाने और कला से जुड़े रहने का फैसला किया. वहां, उन्होंने एक प्रसिद्ध थिएटर ग्रुप के साथ काम किया. स्टेज पर परफॉर्म करने के बाद उन्हें थिएटर का महत्व और मूल्य समझ आए. उन्होंने छोटे संदेशों के माध्यम से थिएटर के प्रभाव को देखा और उसकी शक्ति को समझा. ऑडिशन के माध्यम से उन्होंने ऑनस्क्रीन एक्टिंग की शुरूआत की.

सीरियल 'मर्यादा: लेकिन कब तक?' में 'इमली' का किरदार उनके लिए सबसे खास रहा है. स्टोरी टैलिंग उनका पसंदीदा आर्ट फॉर्म है क्योंकि इसमें परफॉर्मेंस के दौरान वह नृत्य, संगीत और अभिनय तीनों साथ कर सकती हैं. उनका मानना है कि लोगों तक कहानी पहुंचाने के लिए लाइव स्टोरीटैलिंग सबसे शक्तिशाली टूल है.

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