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लॉकडाउन में पुलिस का काम अच्छा, लेकिन आमजन का नहीं हो उत्पीड़न : हाईकोर्ट

कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉक डाउन किया गया है. जिसे लेकर पुलिस भी सख्ती बरत रही है. हाईकोर्ट मे पेश याचिका में कहा गया कि लॉक डाउन के दौरान सड़क पर लोगों के साथ मारपीट की जा रही है. पुलिसकर्मी आमजन को प्रताड़ित करने के साथ ही उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. जिसको लेकर खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी पेश करने को कहा है.

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कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कानून के अनुसार ही हो कार्रवाई
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Published : Mar 31, 2020, 8:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि लॉक डाउन में पुलिस अच्छा काम कर रही है, लेकिन कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कानून के तहत ही कार्रवाई होनी चाहिए. अदालत ने कहा कि हम आपदा से लड़ रहे हैं, लेकिन जनता को नुकसान नहीं होना चाहिए.

इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि लोगों के साथ अवैध रूप से की जा रही मारपीट रोकने और उनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश आशीष देवासर की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.

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जनहित याचिका में कहा गया कि लॉक डाउन के दौरान सड़क पर लोगों के साथ मारपीट की जा रही है. पुलिसकर्मी आमजन को प्रताड़ित करने के साथ ही उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. याचिका में कहा गया कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करने का प्रावधान है. इसके अलावा पुलिस को कानूनन अन्य शक्तियां भी प्राप्त है. इसके बावजूद पुलिसकर्मी सड़क पर लोगों को बुरी तरह से पीट रहे हैं. जबकि हम वायरस के खिलाफ लड़ रहे हैं ना कि भीड़ के खिलाफ.

पढ़ें- भाजपा कार्यकर्ता सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखेंगे 'मैं कोरोना वॉरियर हूं...'

ऐसे में पुलिस को पाबंद किया जाए कि वह लोगों पर विधि सम्मत कार्रवाई ही करें. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी पेश करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि लॉक डाउन में पुलिस अच्छा काम कर रही है, लेकिन कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कानून के तहत ही कार्रवाई होनी चाहिए. अदालत ने कहा कि हम आपदा से लड़ रहे हैं, लेकिन जनता को नुकसान नहीं होना चाहिए.

इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि लोगों के साथ अवैध रूप से की जा रही मारपीट रोकने और उनकी सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं. न्यायाधीश जीआर मूलचंदानी और न्यायाधीश नरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश आशीष देवासर की ओर से दायर जनहित याचिका पर दिए.

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जनहित याचिका में कहा गया कि लॉक डाउन के दौरान सड़क पर लोगों के साथ मारपीट की जा रही है. पुलिसकर्मी आमजन को प्रताड़ित करने के साथ ही उनका उत्पीड़न कर रहे हैं. याचिका में कहा गया कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई करने का प्रावधान है. इसके अलावा पुलिस को कानूनन अन्य शक्तियां भी प्राप्त है. इसके बावजूद पुलिसकर्मी सड़क पर लोगों को बुरी तरह से पीट रहे हैं. जबकि हम वायरस के खिलाफ लड़ रहे हैं ना कि भीड़ के खिलाफ.

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ऐसे में पुलिस को पाबंद किया जाए कि वह लोगों पर विधि सम्मत कार्रवाई ही करें. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने राज्य सरकार से इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी पेश करने को कहा है.

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