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Action on encroachment in Jaipur: 2021 में जीरो टॉलरेंस नीति पर चला जेडीए का बुलडोजर...रामगढ़ बांध अब भी अतिक्रमण मुक्त नहीं

जयपुर में अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर जमकर कार्रवाई (Action on encroachment in Jaipur) की गई है. बीते साल अवैध कालोनियों और अतिक्रमण वाले क्षेत्रों में जेडीए प्रशासन की ओर से खूब बुलडोजर (JDA bulldozer runs on zero tolerance policy) चलवाए गए. विजिलेंस टीम ने राउंड द क्लॉक कंट्रोल रूम में शिकायतों की सुनवाई कर शिकायतों पर कार्रवाई की.

Action on encroachment in Jaipur
2021 में जीरो टॉलरेंस नीति पर चला जेडीए का बुलडोजर
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Published : Jan 2, 2022, 10:57 PM IST

Updated : Jan 3, 2022, 8:26 PM IST

जयपुर. शहर में भवन विनियम के विरुद्ध निर्माण न हो इसके लिए प्रवर्तन शाखा ने अवैध निर्माण को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई (Action on encroachment in Jaipur) की है. नतीजन अब तक करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाया जा चुका है. जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जेडीए का बुलडोजर (JDA bulldozer runs on zero tolerance policy) जमकर चला. विजिलेंस टीम ने राउंड द क्लॉक कंट्रोल रूम में शिकायतों की सुनवाई का निस्तारण किया, लेकिन रामगढ़ के अतिक्रमण हटाने में पीछे रह गया.


124 साल का जयपुर का रामगढ़ बांध आज अतिक्रमण के बीच अपना अस्तित्व तलाश रहा है. तीन दशक पहले तक जो जयपुर वासियों की प्यास बुझाया करता था, वो रामगढ़ बांध आज खुद प्यासा है. जिम्मेदारों ने अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के लिए पीटी सर्वे कर यहां 300 स्थानों पर अतिक्रमण चिह्नित किए. उन पर बुलडोजर भी चलाया, लेकिन कार्रवाई आज भी अधूरी है. हालांकि ईटीवी भारत से बातचीत में मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने दावा किया कि कोर्ट के निर्देश पर यहां पीटी सर्वे कराया गया था.

खूब चला बुलडोजर, लेकिन रामगढ़ से नहीं हटा अतिक्रमण (भाग 1)

पढ़ें. Jaipur News: मनरेगा की खुदाई में निकले चांदी के प्राचीन सिक्के, खजाने निकलने की खबर पर उमड़ी लोगों की भीड़

इसमें रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में किए गए अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे. उनमें 99 फ़ीसदी पर कार्रवाई की जा चुकी है. जमवा रामगढ़ क्षेत्र में करीब 18 प्रकरण दर्ज हैं जिन पर कोर्ट का स्टे है. इस वजह से अब तक वे कार्रवाई से अछूते हैं. इनका भी निस्तारण करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं क्षेत्र में अतिक्रमण करने वालों पर नजर रखी जा रही है शिकायत मिलने पर विजिलेंस टीम, रेवेन्यू टीम, जोन और स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से संयुक्त कार्रवाई की जाती है.

Action on encroachment in Jaipur
अतिक्रमण पर जीरो टोलरेंस की हकीकत
उधर, 2021 में जयपुर शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेटबैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन के प्रकरणों को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई की गई.
खूब चला बुलडोजर, लेकिन रामगढ़ से नहीं हटा अतिक्रमण (भाग 2)
साल 2021 में यूं चला जेडीए का बुलडोजर

प्रथम श्रेणी (सरकारी भूमि पर अतिक्रमण)

394.5 बीघा सरकारी भूमि को कराया कब्जा मुक्त

पढ़ें. Omicron हुआ बेलगाम : सख्ती की तैयारी में गहलोत सरकार, 3 जनवरी से लग सकती हैं यह पाबंदियां !

द्वितीय श्रेणी - (नियमों के विरुद्ध निर्माण पर कार्रवाई)

14 अवैध बिल्डिंग-फ्लैट और व्यावसायिक भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
59 अवैध बिल्डिंग के खिलाफ कार्रवाई कर किया सील

449 अवैध निर्माणों का ध्वस्तीकरण

तृतीय श्रेणी - (नई अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई)

138 अवैध कॉलोनियों का किया गया ध्वस्तीकरण

पढ़ें. 13वां आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम : मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- अनेकता में एकता के लिए मिले कल्चर एक्सचेंज को बढ़ावा..

इनके अलावा उच्च न्यायालय में विचाराधीन सुओमोटो रिट पेटिशन के तहत 4259 स्थान, 4 पार्क, 3 सुविधा क्षेत्र, 9 मुख्य रोड और 123 कॉलोनी की जमीनों को भी अतिक्रमण मुक्त कराया गया. प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी की माने तो शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्रवाई की जा रही है. अब अवैध फ्लैट्स, व्यवसायिक कॉम्पलेक्स के गलत तरीके से निर्माण पर अंकुश लगाया जा रहा है. इसके अलावा अभियान के रूप में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है.

वहीं पहली मर्तबा 1 साल में 65 आम रास्तों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. यही नहीं, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाई जाती है तो संबंधित के विरुद्ध राजस्थान टीनेंसी एक्ट की धारा 175 के तहत उपखंड अधिकारी के यहां खातेदारी निरस्त करने की अपील की जाती है. साथ ही संबंधित व्यक्ति से ध्वस्तीकरण का खर्चा भी वसूला जाता है. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्राधिकार में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेट बैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन करने पर किसी को भी बख्शा नहीं जा रहा.

Action on encroachment in Jaipur
रामगढ़ का अतिक्रमण सबसे बड़ी चुनौती

जेडीए ने अवैध निर्माणों पर नकेल कसने के लिए मोर्चा खोल हुआ है. साथ ही राउंड द क्लॉक कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए वेबसाइट और टेलीफोन से मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण भी किया जा रहा है. आम जनता को जागरूक करने के लिए जेडीए की वेबसाइट पर अवैध कॉलोनियों की सूची भी डाली जा रही है ताकि खरीदार ठगे न जाएं.

जयपुर. शहर में भवन विनियम के विरुद्ध निर्माण न हो इसके लिए प्रवर्तन शाखा ने अवैध निर्माण को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई (Action on encroachment in Jaipur) की है. नतीजन अब तक करोड़ों रुपए की सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाया जा चुका है. जीरो टॉलरेंस नीति के तहत जेडीए का बुलडोजर (JDA bulldozer runs on zero tolerance policy) जमकर चला. विजिलेंस टीम ने राउंड द क्लॉक कंट्रोल रूम में शिकायतों की सुनवाई का निस्तारण किया, लेकिन रामगढ़ के अतिक्रमण हटाने में पीछे रह गया.


124 साल का जयपुर का रामगढ़ बांध आज अतिक्रमण के बीच अपना अस्तित्व तलाश रहा है. तीन दशक पहले तक जो जयपुर वासियों की प्यास बुझाया करता था, वो रामगढ़ बांध आज खुद प्यासा है. जिम्मेदारों ने अतिक्रमण पर कार्रवाई करने के लिए पीटी सर्वे कर यहां 300 स्थानों पर अतिक्रमण चिह्नित किए. उन पर बुलडोजर भी चलाया, लेकिन कार्रवाई आज भी अधूरी है. हालांकि ईटीवी भारत से बातचीत में मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने दावा किया कि कोर्ट के निर्देश पर यहां पीटी सर्वे कराया गया था.

खूब चला बुलडोजर, लेकिन रामगढ़ से नहीं हटा अतिक्रमण (भाग 1)

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इसमें रामगढ़ बांध के बहाव क्षेत्र में किए गए अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे. उनमें 99 फ़ीसदी पर कार्रवाई की जा चुकी है. जमवा रामगढ़ क्षेत्र में करीब 18 प्रकरण दर्ज हैं जिन पर कोर्ट का स्टे है. इस वजह से अब तक वे कार्रवाई से अछूते हैं. इनका भी निस्तारण करने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं क्षेत्र में अतिक्रमण करने वालों पर नजर रखी जा रही है शिकायत मिलने पर विजिलेंस टीम, रेवेन्यू टीम, जोन और स्थानीय पुलिस प्रशासन की ओर से संयुक्त कार्रवाई की जाती है.

Action on encroachment in Jaipur
अतिक्रमण पर जीरो टोलरेंस की हकीकत
उधर, 2021 में जयपुर शहर में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेटबैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन के प्रकरणों को तीन श्रेणियों में बांटते हुए कार्रवाई की गई.
खूब चला बुलडोजर, लेकिन रामगढ़ से नहीं हटा अतिक्रमण (भाग 2)
साल 2021 में यूं चला जेडीए का बुलडोजर

प्रथम श्रेणी (सरकारी भूमि पर अतिक्रमण)

394.5 बीघा सरकारी भूमि को कराया कब्जा मुक्त

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द्वितीय श्रेणी - (नियमों के विरुद्ध निर्माण पर कार्रवाई)

14 अवैध बिल्डिंग-फ्लैट और व्यावसायिक भवनों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई
59 अवैध बिल्डिंग के खिलाफ कार्रवाई कर किया सील

449 अवैध निर्माणों का ध्वस्तीकरण

तृतीय श्रेणी - (नई अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई)

138 अवैध कॉलोनियों का किया गया ध्वस्तीकरण

पढ़ें. 13वां आदिवासी युवा आदान प्रदान कार्यक्रम : मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- अनेकता में एकता के लिए मिले कल्चर एक्सचेंज को बढ़ावा..

इनके अलावा उच्च न्यायालय में विचाराधीन सुओमोटो रिट पेटिशन के तहत 4259 स्थान, 4 पार्क, 3 सुविधा क्षेत्र, 9 मुख्य रोड और 123 कॉलोनी की जमीनों को भी अतिक्रमण मुक्त कराया गया. प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी की माने तो शहर में अवैध निर्माण और अतिक्रमण पर जीरो टॉलरेंस नीति पर कार्रवाई की जा रही है. अब अवैध फ्लैट्स, व्यवसायिक कॉम्पलेक्स के गलत तरीके से निर्माण पर अंकुश लगाया जा रहा है. इसके अलावा अभियान के रूप में सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है.

वहीं पहली मर्तबा 1 साल में 65 आम रास्तों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. यही नहीं, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी बसाई जाती है तो संबंधित के विरुद्ध राजस्थान टीनेंसी एक्ट की धारा 175 के तहत उपखंड अधिकारी के यहां खातेदारी निरस्त करने की अपील की जाती है. साथ ही संबंधित व्यक्ति से ध्वस्तीकरण का खर्चा भी वसूला जाता है. उन्होंने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्राधिकार में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां बसाने, जीरो सेट बैक और बायलॉज का गंभीर वॉयलेशन करने पर किसी को भी बख्शा नहीं जा रहा.

Action on encroachment in Jaipur
रामगढ़ का अतिक्रमण सबसे बड़ी चुनौती

जेडीए ने अवैध निर्माणों पर नकेल कसने के लिए मोर्चा खोल हुआ है. साथ ही राउंड द क्लॉक कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए वेबसाइट और टेलीफोन से मिलने वाली शिकायतों का निस्तारण भी किया जा रहा है. आम जनता को जागरूक करने के लिए जेडीए की वेबसाइट पर अवैध कॉलोनियों की सूची भी डाली जा रही है ताकि खरीदार ठगे न जाएं.

Last Updated : Jan 3, 2022, 8:26 PM IST
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