जयपुर. जेडीए ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की ओर से 7 फरवरी को जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) में की गई कार्रवाई के क्रम में उपायुक्त को कार्यमुक्त कर कार्मिक विभाग को अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. दो कर्मचारियों को निलंबित कर मूल विभाग के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है और एक जेडीए कर्मचारी को निलंबित किया गया है.
एसीबी की कार्रवाई में ट्रैप हुए 5 अधिकारी-कर्मचारियों पर प्रशासनिक गाज गिरी है. जेडीसी ने बताया कि जोन-3 उपायुक्त को जोन-4 का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है. वहीं, जोन-4 के प्रकरण की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. उन्होंने बताया कि एक वर्ष से ज्यादा समय से एक ही जोन में पदस्थापित अधिकारियों-कर्मचारियों को बदलने (Transfer of JDA officials) के लिए अतिरिक्त आयुक्त प्रशासन को निर्देशित किया गया है.
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अतिरिक्त आयुक्त प्रशासन जुगल किशोर मीना ने बताया कि आयुक्त से संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश (Action against corrupt officials) प्राप्त होते ही उपायुक्त को कार्यमुक्त कर कार्मिक विभाग को अग्रिम कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है. दो कर्मचारियों को निलंबित कर मूल विभाग के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है.
इसके अलावा जेडीए के सहायक प्रशासनिक अधिकारी विजय मीना को निलंबित कर दिया गया है. अनुबंधित कम्प्यूटर ऑपरेटर को हटाने और ब्लैक लिस्टेड करने के लिए संबंधित फर्म को पत्र प्रेषित किया गया है. उन्होंने बताया कि जेडीए ने एक ही जोन में एक साल से अधिक समय से कार्यरत अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
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एसीबी की ओर से जिस लंबित प्रकरण में कार्रवाई की गई है, उसकी जांच के लिए आयुक्त के निर्देश पर बनाई कमेटी में निदेशक वित्त, अतिरिक्त आयुक्त एलपीसी और सिस्टम एनालिस्ट को शामिल किया गया है. आपको बता दें कि सोमवार को 13 पट्टों के बदले में 15 लाख रुपए की रिश्वत मांगने वाले जेडीए उपायुक्त सहित पांच पर एसीबी ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया था.