जयपुर. राजस्थान एसओजी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए नागालैंड से फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनवाने वाले भिवाड़ी निवासी युसूफ अली को गुरुवार को गिरफ्तार किया है. एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2017 में उदयपुर जिले के सूखैर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसके अनुसंधान में पाया गया था कि सीकर और जयपुर के कुछ बदमाशों ने एक नेक्सस बनाकर उदयपुर सहित प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 125 से अधिक लोगों के फर्जी आर्म्स लाइसेंस नागालैंड से बनवाए थे.
गैंग से जुड़े हुए सभी लोग नागालैंड के दीमापुर निवासी भंवर लाल ओझा से संपर्क कर राजस्थान में रहने वाले लोगों को नागालैंड से फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनवा कर दिलवा रहे थे. इस पूरे प्रकरण की एसओजी ने जांच की और प्रकरण में अब तक 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. एसओजी ने गुरुवार को युसूफ अली को गिरफ्तार करने के बाद उसके कब्जे से 12 बोर दुनाली राइफल और चार कारतूस जब्त किए (Arms recovered from accused) हैं. इसके साथ ही प्रकरण में पूर्व में गिरफ्तार किए गए कमल किशोर भाटी से 32 बोर की एक पिस्टल व दो मैगजीन, नवल सिंह से 32 बोर की एक रिवाल्वर, जुगल सिंह से 32 बोर की एक रिवाल्वर व 14 कारतूस और विजेंद्र सिंह से 32 बोर की एक रिवाल्वर व तीन कारतूस बरामद किए हैं. प्रकरण में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है.
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फर्जी लाइसेंस बनवा खरीदे हथियार: गिरोह के सदस्यों ने आर्म्स लाइसेंस बनवाने वाले लोगों से 3 लाख रुपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से वसूले और फिर नागालैंड में रह रहे भंवरलाल व उसके साथियों के साथ मिलीभगत कर आर्म्स लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले लोगों के दस्तावेजों में काट-छांट कर उन्हें नागालैंड निवासी बताकर उनके फर्जी दस्तावेज तैयार किए. उन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नागालैंड में मौजूद गिरोह के सदस्यों ने नागालैंड के लाइसेंस डिप्टी कमिश्नर के नाम, बुकलेट, रबड़ मुहर और हस्ताक्षर का फर्जी प्रयोग करते हुए फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाए. फर्जी आर्म्स लाइसेंस बनाने के बाद गिरोह के सदस्यों ने उसे राजस्थान में रहने वाले लोगों तक पहुंचाया गया और उन फर्जी आर्म्स लाइसेंस के जरिए लोगों ने हथियार भी विक्रय किए.