जयपुर. जयपुर ग्रेटर नगर निगम की निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम ने एसीबी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. राजाराम ने कहा है कि एसीबी लाठी के जोर पर आरोप स्वीकार कराना चाहती है. गौरतलब है कि राजाराम बीवीजी कंपनी को बकाया भुगतान के बदले रिश्वत के आरोपों का सामना कर रहे हैं.
एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने बीवीजी कंपनी रिश्वत मामले में पूर्व महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम और कंपनी के अधिकारी ओमकार सप्रे की पुलिस अभिरक्षा की अवधि को एक दिन के लिए बढ़ा दिया है. अदालत ने आरोपियों को देर से पेश करने पर नाराजगी भी जताई है.
एसीबी की ओर से दोनों आरोपियों को शुक्रवार शाम अदालत में पेश किया गया. एसीबी ने दोनों आरोपियों से अनुसंधान बाकी होने के चलते दो दिन की पुलिस अभिरक्षा दिए जाने की गुहार की. एसीबी ने कहा कि आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिसका आरोपियों के अधिवक्ताओं ने विरोध करते हुए उन्हें जेल भेजने की गुहार की.
राजाराम के वकील का आरोप
बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि दोनों को एसीबी ने 29 जून से अभिरक्षा में ले रखा है. वे जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं. लेकिन एसीबी उन्हें प्रताड़ित करने के लिए रिमांड चाहती है. राजाराम के अधिवक्ता ने कहा कि वे हर जांच में सहयोग कर रहे हैं. लेकिन एसीबी लट्ठ के जोर पर आरोप स्वीकार कराने के लिए दबाव डाल रही है. एसीबी को अब तक कोई साक्ष्य नहीं मिला है. इसके अलावा सह आरोपी ओमकार पर सरकारी गवाह बनने का दबाव डाला जा रहा है. जबकि ऑडियो और वीडियो बनाने वाले व्यक्ति और स्थान तक का एसीबी को पता नहीं है.
एसीबी अधिकारी का तर्क
इस पर एसीबी के अधिकारी ने कहा कि हमारे पास लट्ठ होता ही नहीं है. एसीबी की ओर से प्रताड़ित नहीं किया जा रहा है, बल्कि वीडियो किसने और कहां बनाया, इसकी जांच की जा रही है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों की पुलिस अभिरक्षा की अवधि को एक दिन के लिए बढ़ा दिया.