जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-1 ने शहर में सफाई करने वाली बीवीजी कंपनी के बकाया 276 करोड़ रुपए का भुगतान कराने के बदले बीस करोड़ रुपए की रिश्वत मांगने से जुडे़ मामले में ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम और कंपनी के प्रतिनिधि ओमकार सप्रे के खिलाफ प्रसंज्ञान (ACB court took cognizance against mayor husband) लिया है.
अदालत ने मामले में राजाराम की ओर से पेश किए गए दो प्रार्थना पत्रों को भी खारिज कर दिया है. प्रार्थना पत्र में राजाराम ने एसीबी की ओर से कोर्ट में अधूरा आरोप पत्र पेश करने और जांच अधिकारी की ओर से तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया गया था.
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मामले के अनुसार बीवीजी कंपनी को 276 करोड़ रुपए का बकाया भुगतान कराने के एवज में राजाराम की ओर से बीस करोड़ रुपए रिश्वत मांगने को लेकर वीडियो वायरल हुआ था जिस पर कार्रवाई करते हुए एसीबी ने 29 जून 2021 को राजाराम और ओमकार सप्रे को गिरफ्तार किया था. एसीबी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश करते हुए आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निंबाराम व बीवीजी के ऑपरेशन मैनेजर संदीप चौधरी के खिलाफ जांच लंबित रखी थी. मामले में अब 21 फरवरी को चार्ज बहस की जाएगी.