जयपुर. कोरोना संक्रमण की लगातार भयावह होती जा रही दूसरी लहर पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए राजस्थान में जन अनुशासन पखवाड़ा चलाया जा रहा है. इस दौरान 3 मई तक शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है. इसकी पालना में सोमवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति कुलसचिव केएम दूड़िया ने आदेश जारी किया है.
इसके अनुसार राजस्थान विश्वविद्यालय में 3 मई तक समस्त शैक्षणिक और अशैक्षणिक गतिविधियों, परीक्षाओं और शोध संबंधी कार्यों पर पूरी तरह रोक रहेगी. इसके साथ ही राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर और संघटक कॉलेजों के छात्रावासों को भी बंद करने का फैसला लिया गया है. इस अवधि में राजस्थान विश्वविद्यालय के सुरक्षा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, विश्वविद्यालय अभियंता और उद्यान प्रभारी पहले की भांति कार्यालयों में उपस्थित रहेंगे और नियमित रूप से कार्यों का संचालन करेंगे.
वहीं, विश्वविद्यालय के सफाई ठेकेदार को साफ सफाई की समुचित इंतजाम करने के निर्देश भी दिए गए हैं. कैंटीन और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी इस अवधि में बंद रखा जाएगा. जबकि विश्वविद्यालय के अतिथि गृह को बाहरी अतिथियों के लिए बंद रखने का फैसला भी लिया गया है. विश्वविद्यालय में प्रातः कालीन भ्रमण पर आने वाले सभी व्यक्तियों का इस अवधि में प्रवेश वर्जित किया गया है.
परीक्षा संबंधी और अन्य कार्यों के लिए बाहर से आने वाले छात्रों और शिक्षकों का प्रवेश भी बंद रहेगा. लेखा शाखा और प्रशासनिक भवन में भी आगंतुकों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. इसके साथ ही शैक्षणिक और अशैक्षणिक कर्मचारी भी बिना उच्चाधिकारियों की अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे.
इसी तरह जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय की कुलपति अनुल मौर्य ने भी एक आदेश जारी किया है. इसमें संस्कृत विश्वविद्यालय की तमाम शैक्षणिक और अशैक्षणिक गतिविधियों को 3 मई तक बंद रखने की बात कही गई है.