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नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता का मेडिकल बोर्ड की सिफारिश के बाद करें गर्भपात : राजस्थान हाईकोर्ट

दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई पीड़ित नाबालिग का गर्भपात कराए जाने की याचिका पर राजस्थान हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने इस पर मेडिकल बोर्ड बनाकर पीड़िता की जांच के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर मेडिकल बोर्ड इसकी सिफारिश करता है तो पीड़िता का गर्भपात कराया जाए.

Rajasthan High Court, दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का गर्भपात
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Published : Oct 5, 2019, 8:54 PM IST

Updated : Oct 5, 2019, 11:15 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि वह तीन चिकित्सकों का मेडिकल बोर्ड बनाकर नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की जांच करे. यदि बोर्ड पीड़िता के गर्भपात की अनुमति देता है तो उसका गर्भपात किया जाए.

दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई पीड़िता की याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

वहीं, अदालत ने गर्भपात की स्थिति में भ्रूण को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से भीलवाड़ा बाल कल्याण समिति की याचिका पर दिए.

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याचिका में कहा गया कि नाबालिग और अनाथ पीड़िता का उसके बुआ के लड़के ने कई दिनों तक दुष्कर्म किया. जिसे लेकर गत दिनों करणी विहार थाने में दुष्कर्म का मामला भी दर्ज कराया गया. वहीं पीड़िता को गत 24 सितंबर को पता चला कि वह 18 सप्ताह की गर्भवती हो गई है.

पढ़ेंः महात्मा गांधी अगर आज जिंदा होते तो संघ के सदस्य होते : वासुदेव देवनानी

इस पर उसने गर्भपात कराने की इच्छा जताते हुए समिति को जानकरी दी. समिति ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से याचिका दायर कर बालिका के भविष्य को देखते हुए गर्भपात की अनुमति मांगी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मेकिडल बोर्ड की सिफारिश पर गर्भपात की अनुमति दी है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि वह तीन चिकित्सकों का मेडिकल बोर्ड बनाकर नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की जांच करे. यदि बोर्ड पीड़िता के गर्भपात की अनुमति देता है तो उसका गर्भपात किया जाए.

दुष्कर्म के बाद गर्भवती हुई पीड़िता की याचिका पर हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

वहीं, अदालत ने गर्भपात की स्थिति में भ्रूण को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से भीलवाड़ा बाल कल्याण समिति की याचिका पर दिए.

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याचिका में कहा गया कि नाबालिग और अनाथ पीड़िता का उसके बुआ के लड़के ने कई दिनों तक दुष्कर्म किया. जिसे लेकर गत दिनों करणी विहार थाने में दुष्कर्म का मामला भी दर्ज कराया गया. वहीं पीड़िता को गत 24 सितंबर को पता चला कि वह 18 सप्ताह की गर्भवती हो गई है.

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इस पर उसने गर्भपात कराने की इच्छा जताते हुए समिति को जानकरी दी. समिति ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से याचिका दायर कर बालिका के भविष्य को देखते हुए गर्भपात की अनुमति मांगी. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मेकिडल बोर्ड की सिफारिश पर गर्भपात की अनुमति दी है.

Intro:बाईट- राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अशोक जैन


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने भीलवाडा मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि वह तीन चिकित्सकों का मेडिकल बोर्ड बनाकर नाबालिग दुष्कर्म पीडिता की जांच करे। यदि बोर्ड पीडिता के गर्भपात की अनुमति देता है तो उसका गर्भपात किया जाए। वहीं अदालत ने गर्भपात की स्थिति में भू्रण को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से भीलवाडा बाल कल्याण समिति की याचिका पर दिए।Body:याचिका में कहा गया कि नाबालिग और अनाथ पीडिता का उसके बुआ के लडके ने कई दिनों तक दुष्कर्म किया। जिसे लेकर गत दिनों करणी विहार थाने में दुष्कर्म का मामला भी दर्ज कराया गया। वहीं पीडिता को गत 24 सितंबर को पता चला कि वह 18 सप्ताह की गर्भवती हो गई है। इस पर उसने गर्भपात कराने की इच्छा जताते हुए समिति को जानकरी दी। समिति ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की सहायता से याचिका दायर कर बालिका के भविष्य को देखते हुए गर्भपात की अनुमति मांगी। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने मेकिडल बोर्ड की सिफारिश पर गर्भपात की अनुमति दी है।
Conclusion:
Last Updated : Oct 5, 2019, 11:15 PM IST
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