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AAP plan for ERCP : 'आप' खोज रही ईआरसीपी से जुड़े 13 जिलों में अपना सियासी भविष्य, ग्रामीणों से भरवाया जाएगा सपोर्ट लेटर, पीएम को सौपेंगे..

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ERCP) को लेकर केंद्र, राज्य में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और बीजेपी में सियासत चल रही है. इस बीच आम आदमी पार्टी राजस्थान भी इसमें कूद पड़ी है. इसके लिए आप ने परियोजना से जुड़े 13 जिलों के ग्रामीणों से उनका समर्थन लेने की ठानी (AAP plan for support in ERCP in Rajasthan) है, जिसे वे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के माध्यम से पीएम मोदी तक पहुंचाएंगे.

AAP plan for support in ERCP in Rajasthan, support letters strategy in 13 districts
'आप' खोज रही ईआरसीपी से जुड़े 13 जिलों में अपना सियासी भविष्य, ग्रामीणों से भरवाया जाएगा सपोर्ट लेटर, पीएम को सौपेंगे..
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Published : Jul 12, 2022, 7:00 PM IST

Updated : Jul 12, 2022, 9:25 PM IST

जयपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ERCP) पर चल रही सियासत के बीच आम आदमी पार्टी भी अब इसे अपना राजनीतिक हथियार बनाने जा रही है. 'आप' पूर्वी राजस्थान के उन 13 जिलों पर फोकस कर रही है, जो इस परियोजना से जुड़े हैं. बीजेपी-कांग्रेस के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर चल रही सियासी जंग के चलते पूर्वी राजस्थान इस प्रोजेक्ट से दूर होता जा रहा है. इस बीच 'आप' इन जिलों में ग्राम संपर्क अभियान के जरिए अब ERCP को अपना सियासी हथियार बनाकर बीजेपी कांग्रेस पर निशाना साधने की तैयारी में (AAP plan for support in ERCP in Rajasthan) है.

ग्राम संपर्क अभियान के दौरान भरवाया जाएगा सपोर्ट लेटर: ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को लेकर चल रहे सियासी विवाद के बीच आम आदमी पार्टी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम संपर्क अभियान शुरू कर रही है. पार्टी के राजस्थान चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा के अनुसार अभियान के दौरान पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में ग्रामीणों से ईआरसीपी मामले में घर-घर भी पूछा जाएगा और एक सपोर्ट लेटर भी स्थानीय गांव के सरपंचों, प्रधान और प्रमुख व्यक्तियों से भरवाया जाएगा. मिश्रा के अनुसार यह सपोर्ट लेटर सभी 13 जिलों के ग्रामीण इलाकों में भरवाया जाएगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने की योजना है.

ईआरसीपी को लेकर 'आप' का ये है प्लान...

पढ़ें: Politics on ERCP : केंद्र से आरपार की लड़ाई को हम तैयार, जरूरत पड़ी तो दिल्ली कूच करेंगे - खाचरियावास

केजरीवाल के जरिए इस मसले पर मोदी से लिया जाएगा समय: मिश्रा के अनुसार ग्राम संपर्क अभियान के दौरान पूर्वी राजस्थान के जिलों से जो सपोर्ट लेटर लोगों से लिए जाएंगे, उन्हें प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माध्यम बनाया जाएगा. मिश्रा के अनुसार केजरीवाल के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय लेकर यह सपोर्ट पत्र उन तक पहुंचाई जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन जिलों के निवासियों की मंशा और राय भी प्रधानमंत्री तक पहुंचना बेहद जरूरी है. क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस प्रोजेक्ट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर केवल सियासी विवादों में उलझाए रखना चाहती हैं.

पढ़ें: Shekhawat Target Gehlot: 'राज्य सरकार राजनीतिक लाभ के लिए 13 जिलों के प्यासे लोगों के साथ खिलवाड़ कर रही'

कांग्रेस के हस्ताक्षर और भाजपा के जन जागरण अभियान का तोड़: केंद्र सरकार ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना की संशोधित डीपीआर के नियमों के अनुसार मांग रही है और ऐसा नहीं होने पर प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से इनकार भी करती है. वहीं प्रदेश की गहलोत सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार मौजूदा डीपीआर जो पिछली तात्कालिक भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही बनाई गई थी. उसके अनुरूप प्रोजेक्ट को पास कर राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें. इसी के चलते कांग्रेस प्रदेश में मोदी सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रही (Congress signature campaign for ERCP) है, तो बीजेपी उसके बचाव में पूर्वी राजस्थान में जन जागरण अभियान शुरू करने की बात कहती है. लेकिन इन दोनों ही अभियानों का तोड़ आम आदमी पार्टी ने अपने ग्राम संपर्क अभियान के रूप में निकाला है. जिसमें पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में इस परियोजना के सपोर्ट में ग्रामीणों से सपोर्ट लेटर लेंगे.

पढ़ें: ERCP पर आर-पार के मूड में गहलोत, बोले- केंद्र चाहे ईडी भेजे या IT की टीम...काम बंद नहीं होगा

पूर्वी राजस्थान में निर्दलियों का बोलबाला: पूर्वी राजस्थान की यदि बात की जाए तो वहां बीजेपी की स्थिति बेहद खराब रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी गिनी चुनी सीट ही यहां जीत पाई. वहीं कांग्रेस ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत रखी. लेकिन कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे रहे जहां निर्दलीय विधायकों का बोलबाला रहा. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी को पूर्वी राजस्थान में अपना सियासी भविष्य सुनहरा लग रहा है. पार्टी चाहती है कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर चल रही सियासत में कूद कर वे आम जनता का समर्थन अपने राजनीतिक दल की तरफ कर लें, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा 'आप' से जुड़े प्रत्याशियों को मिल सके.

पूर्वी राजस्थान के इन 13 जिलों से जुड़ी है परियोजना: ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी योजना साबित हो सकती (ERCP to benefit 13 districts of Rajasthan) है. ईआरसीपी शुरू होने पर प्रदेश के जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर और दौसा जिले को फायदा मिलेगा.

जयपुर. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना (ERCP) पर चल रही सियासत के बीच आम आदमी पार्टी भी अब इसे अपना राजनीतिक हथियार बनाने जा रही है. 'आप' पूर्वी राजस्थान के उन 13 जिलों पर फोकस कर रही है, जो इस परियोजना से जुड़े हैं. बीजेपी-कांग्रेस के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर चल रही सियासी जंग के चलते पूर्वी राजस्थान इस प्रोजेक्ट से दूर होता जा रहा है. इस बीच 'आप' इन जिलों में ग्राम संपर्क अभियान के जरिए अब ERCP को अपना सियासी हथियार बनाकर बीजेपी कांग्रेस पर निशाना साधने की तैयारी में (AAP plan for support in ERCP in Rajasthan) है.

ग्राम संपर्क अभियान के दौरान भरवाया जाएगा सपोर्ट लेटर: ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना को लेकर चल रहे सियासी विवाद के बीच आम आदमी पार्टी ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम संपर्क अभियान शुरू कर रही है. पार्टी के राजस्थान चुनाव प्रभारी विनय मिश्रा के अनुसार अभियान के दौरान पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में ग्रामीणों से ईआरसीपी मामले में घर-घर भी पूछा जाएगा और एक सपोर्ट लेटर भी स्थानीय गांव के सरपंचों, प्रधान और प्रमुख व्यक्तियों से भरवाया जाएगा. मिश्रा के अनुसार यह सपोर्ट लेटर सभी 13 जिलों के ग्रामीण इलाकों में भरवाया जाएगा, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचाने की योजना है.

ईआरसीपी को लेकर 'आप' का ये है प्लान...

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केजरीवाल के जरिए इस मसले पर मोदी से लिया जाएगा समय: मिश्रा के अनुसार ग्राम संपर्क अभियान के दौरान पूर्वी राजस्थान के जिलों से जो सपोर्ट लेटर लोगों से लिए जाएंगे, उन्हें प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को माध्यम बनाया जाएगा. मिश्रा के अनुसार केजरीवाल के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय लेकर यह सपोर्ट पत्र उन तक पहुंचाई जाएंगे. उन्होंने कहा कि इन जिलों के निवासियों की मंशा और राय भी प्रधानमंत्री तक पहुंचना बेहद जरूरी है. क्योंकि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही इस प्रोजेक्ट को अपनी प्रतिष्ठा से जोड़कर केवल सियासी विवादों में उलझाए रखना चाहती हैं.

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कांग्रेस के हस्ताक्षर और भाजपा के जन जागरण अभियान का तोड़: केंद्र सरकार ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना की संशोधित डीपीआर के नियमों के अनुसार मांग रही है और ऐसा नहीं होने पर प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने से इनकार भी करती है. वहीं प्रदेश की गहलोत सरकार चाहती है कि केंद्र सरकार मौजूदा डीपीआर जो पिछली तात्कालिक भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही बनाई गई थी. उसके अनुरूप प्रोजेक्ट को पास कर राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें. इसी के चलते कांग्रेस प्रदेश में मोदी सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रही (Congress signature campaign for ERCP) है, तो बीजेपी उसके बचाव में पूर्वी राजस्थान में जन जागरण अभियान शुरू करने की बात कहती है. लेकिन इन दोनों ही अभियानों का तोड़ आम आदमी पार्टी ने अपने ग्राम संपर्क अभियान के रूप में निकाला है. जिसमें पार्टी से जुड़े कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में इस परियोजना के सपोर्ट में ग्रामीणों से सपोर्ट लेटर लेंगे.

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पूर्वी राजस्थान में निर्दलियों का बोलबाला: पूर्वी राजस्थान की यदि बात की जाए तो वहां बीजेपी की स्थिति बेहद खराब रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी गिनी चुनी सीट ही यहां जीत पाई. वहीं कांग्रेस ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत रखी. लेकिन कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे रहे जहां निर्दलीय विधायकों का बोलबाला रहा. यही कारण है कि आम आदमी पार्टी को पूर्वी राजस्थान में अपना सियासी भविष्य सुनहरा लग रहा है. पार्टी चाहती है कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर चल रही सियासत में कूद कर वे आम जनता का समर्थन अपने राजनीतिक दल की तरफ कर लें, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा 'आप' से जुड़े प्रत्याशियों को मिल सके.

पूर्वी राजस्थान के इन 13 जिलों से जुड़ी है परियोजना: ईस्टर्न राजस्थान कैनाल परियोजना प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र के 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी योजना साबित हो सकती (ERCP to benefit 13 districts of Rajasthan) है. ईआरसीपी शुरू होने पर प्रदेश के जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, कोटा, बारां, झालावाड़, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर और दौसा जिले को फायदा मिलेगा.

Last Updated : Jul 12, 2022, 9:25 PM IST
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