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सियासी रार में सक्रिय हुई AAP, पंजाब की तर्ज पर राजस्थान में इस रणनीति पर शुरू हुआ काम...श्रीगंगानगर से होगा 'श्री गणेश'

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Published : Sep 24, 2021, 5:45 PM IST

विधानसभा चुनाव में 2 साल से अधिक का समय शेष है, लेकिन अब भाजपा और कांग्रेस (BJP-Congress) के अलावा अन्य दल भी राजस्थान में अपनी सियासी जमीन तलाशने में जुटे हैं. खास तौर पर दिल्ली के बाद पंजाब में अपनी ताकत दिखाने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) की नजरें अब राजस्थान पर हैं. आप पार्टी ने अपनी सक्रियता बढ़ाते हुए इसकी शुरुआत गंगानगर में होने वाले किसान न्याय सभा से करने जा रही है.

rajasthan aap leaders
सियासी रार में सक्रिय हुई AAP

जयपुर. आम आदमी पार्टी ने राजस्थान पर अपना फोकस कर लिया है और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी जमीनी स्तर पर शुरू कर दी है. गंगानगर में 26 सितंबर को होने वाली राज्यसभा सांसद और राजस्थान प्रभारी संजय सिंह (AAP MP Sanjay Singh) की रैली व सभा को इसी नजरिए से देखा जा रहा है.

खास बात यह है कि संभाग स्तर पर होने वाले इस सम्मेलन में 10 हजार से अधिक लोगों व किसानों के जुटने का दावा किया जा रहा है. इसके लिए आम आदमी पार्टी से जुड़े प्रदेश के पदाधिकारी और महिला विंग की कार्यकर्ता पिछले एक सप्ताह से इस क्षेत्र में अपना डेरा डाले हुए हैं और विभिन्न प्रचार-प्रसार के तरीकों से स्थानीय लोगों को सम्मेलन में आने का निमंत्रण दिया जा रहा है. पार्टी की महिला विंग की कार्यकर्ता जहां आम लोगों को पीले चावल बांटकर इस सम्मेलन में आने का न्योता दे रही हैं तो वहीं अन्य पदाधिकारी कॉलोनियों में घूमकर पार्टी के इस कार्यक्रम का प्रचार कर रहे हैं.

क्या कहते हैं राजस्थान के आप नेता...

श्रीगंगानगर से ही शुरुआत क्योंकि यह पंजाब कनेक्शन है...

आम आदमी पार्टी ने अपने पहले संभाग स्तरीय सम्मेलन जिसे किसान न्याय सभा नाम दिया है, उसके लिए श्रीगंगानगर ही क्यों चुना, यह भी अपने आप में चर्चा का विषय है. राजस्थान का गंगानगर पंजाब के सीमावर्ती जिले में आता है और पंजाब में आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी दल के रूप में काम कर रही है. कुछ माह बाद पंजाब में चुनाव भी होने हैं. लिहाजा, इस दृष्टि से आप पार्टी के लिए श्रीगंगानगर जिला काफी महत्वपूर्ण है. यहां संभाग स्तरीय सभा रखने से पार्टी को दो फायदे होंगे. पहला फायदा पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार का काम यहां से ही हो जाएगा, क्योंकि गंगानगर जिले के अधिकतर परिवारों के रिश्तेदार पंजाब में ही रहते हैं, जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को न केवल पंजाब, बल्कि राजस्थान में भी मिलेगा. वहीं, श्रीगंगानगर में किसानों की भरमार है और पंजाब में भी. ऐसे में सभा में अधिकतर किसानों के शामिल होने की संभावना है.

पढ़ें : प्रियंका गांधी के नजदीकी आचार्य प्रमोद बोले- 'गहलोत का सम्मान लेकिन पायलट के साथ हुई नाइंसाफी'

कांग्रेस-भाजपा में फूट में 'आप' देख रही अपनी सियासी जमीन...

राजस्थान की सियासत में पिछले 2 साल से जो बवंडर आया है, उसमें कांग्रेस उलझ रही है तो वहीं भाजपा के भीतर भी खेमेबाजी कम नहीं है. राजस्थान में मौजूदा सरकार पर पिछले साल आए सियासी संकट के बाद से ही राजस्थान में आम आदमी पार्टी ने अपनी सक्रियता बनाना शुरू कर दी थी. आप नेताओं को लगता है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में दो दलीय व्यवस्था खत्म होगी, जिसके चलते अन्य राजनीतिक दलों को प्रदेश की जनता आगे बढ़ने का मौका देगी. क्योंकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है और वहां भाजपा और कांग्रेस दोनों को AAP ने बखूबी टक्कर भी दी है. पंजाब में भले ही कांग्रेस की सरकार हो, लेकिन मुख्य विपक्षी दल के रूप में वहां आम आदमी पार्टी का ही दबदबा है. अब कुछ ऐसा ही सियासी करिश्मा आम आदमी पार्टी के नेता राजस्थान में भी करना चाहते हैं, जिसकी तैयारी इन संभाग स्तरीय सम्मेलनों से शुरू की जा रही है.

श्रीगंगानगर के बाद अन्य संभागों में होंगे सम्मेलन, जल्द होगा संगठन का विस्तार...

श्रीगंगानगर में होने वाले सम्मेलन के बाद प्रदेश के अन्य संभाग मुख्यालयों पर भी आम आदमी पार्टी इसी प्रकार की रैली और सम्मेलनों का आयोजन करेगी. हालांकि, इसकी तारीखों का भी एलान नहीं हुआ. वहीं, पार्टी के प्रदेश सचिव देवेंद्र शास्त्री व प्रदेश मीडिया प्रभारी योगेंद्र गुप्ता के अनुसार संगठन के स्तर पर पार्टी प्रत्येक जिलों में लगातार सक्रियता के साथ आमजन की आवाज बन रही है. फिर चाहे बिजली के बढ़े हुए बिलों का मामला हो या किसानों की कर्जमाफी से जुड़ा मसला. बढ़ती महंगाई से जनता की परेशानी का मामला हो या विकास की धीमी रफ्तार से जुड़ा मुद्दा. इन सभी को पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जनता के बीच उठा रहे हैं. आप पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और इनकी सरकारों को जनता ने देख लिया है. इसलिए अब तीसरे विकल्प की तलाश खुद जनता को है और आम आदमी पार्टी यह विकल्प जनता को देगी.

पढ़ें : अब जिला स्तर पर होगा भाजपा का चिंतन शिविर, कटारिया ने कहा- भाजपा में नेतृत्व से अधिक टीम वर्क का महत्व

पिछले विधानसभा चुनाव में नहीं कर पाई थी 'आप' कोई करिश्मा, निकाय-पंचायत चुनाव नहीं लड़ा...

आम आदमी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी अधिकतर विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करे थे. वहीं, लोकसभा चुनाव में भी कुछ जगह अपना भाग्य आजमाया, लेकिन राजस्थान की जनता ने आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों को अपना आशीर्वाद नहीं दिया. पिछले दिनों हुए निकाय व पंचायत राज चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने सियासी मैदान खाली छोड़ दिया, लेकिन अब पार्टी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है क्योंकि आम आदमी पार्टी की नजर आनेवाले विधानसभा चुनाव पर है.

जयपुर. आम आदमी पार्टी ने राजस्थान पर अपना फोकस कर लिया है और आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां भी जमीनी स्तर पर शुरू कर दी है. गंगानगर में 26 सितंबर को होने वाली राज्यसभा सांसद और राजस्थान प्रभारी संजय सिंह (AAP MP Sanjay Singh) की रैली व सभा को इसी नजरिए से देखा जा रहा है.

खास बात यह है कि संभाग स्तर पर होने वाले इस सम्मेलन में 10 हजार से अधिक लोगों व किसानों के जुटने का दावा किया जा रहा है. इसके लिए आम आदमी पार्टी से जुड़े प्रदेश के पदाधिकारी और महिला विंग की कार्यकर्ता पिछले एक सप्ताह से इस क्षेत्र में अपना डेरा डाले हुए हैं और विभिन्न प्रचार-प्रसार के तरीकों से स्थानीय लोगों को सम्मेलन में आने का निमंत्रण दिया जा रहा है. पार्टी की महिला विंग की कार्यकर्ता जहां आम लोगों को पीले चावल बांटकर इस सम्मेलन में आने का न्योता दे रही हैं तो वहीं अन्य पदाधिकारी कॉलोनियों में घूमकर पार्टी के इस कार्यक्रम का प्रचार कर रहे हैं.

क्या कहते हैं राजस्थान के आप नेता...

श्रीगंगानगर से ही शुरुआत क्योंकि यह पंजाब कनेक्शन है...

आम आदमी पार्टी ने अपने पहले संभाग स्तरीय सम्मेलन जिसे किसान न्याय सभा नाम दिया है, उसके लिए श्रीगंगानगर ही क्यों चुना, यह भी अपने आप में चर्चा का विषय है. राजस्थान का गंगानगर पंजाब के सीमावर्ती जिले में आता है और पंजाब में आम आदमी पार्टी मुख्य विपक्षी दल के रूप में काम कर रही है. कुछ माह बाद पंजाब में चुनाव भी होने हैं. लिहाजा, इस दृष्टि से आप पार्टी के लिए श्रीगंगानगर जिला काफी महत्वपूर्ण है. यहां संभाग स्तरीय सभा रखने से पार्टी को दो फायदे होंगे. पहला फायदा पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचार-प्रसार का काम यहां से ही हो जाएगा, क्योंकि गंगानगर जिले के अधिकतर परिवारों के रिश्तेदार पंजाब में ही रहते हैं, जिसका फायदा आम आदमी पार्टी को न केवल पंजाब, बल्कि राजस्थान में भी मिलेगा. वहीं, श्रीगंगानगर में किसानों की भरमार है और पंजाब में भी. ऐसे में सभा में अधिकतर किसानों के शामिल होने की संभावना है.

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कांग्रेस-भाजपा में फूट में 'आप' देख रही अपनी सियासी जमीन...

राजस्थान की सियासत में पिछले 2 साल से जो बवंडर आया है, उसमें कांग्रेस उलझ रही है तो वहीं भाजपा के भीतर भी खेमेबाजी कम नहीं है. राजस्थान में मौजूदा सरकार पर पिछले साल आए सियासी संकट के बाद से ही राजस्थान में आम आदमी पार्टी ने अपनी सक्रियता बनाना शुरू कर दी थी. आप नेताओं को लगता है कि आने वाले दिनों में राजस्थान में दो दलीय व्यवस्था खत्म होगी, जिसके चलते अन्य राजनीतिक दलों को प्रदेश की जनता आगे बढ़ने का मौका देगी. क्योंकि आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है और वहां भाजपा और कांग्रेस दोनों को AAP ने बखूबी टक्कर भी दी है. पंजाब में भले ही कांग्रेस की सरकार हो, लेकिन मुख्य विपक्षी दल के रूप में वहां आम आदमी पार्टी का ही दबदबा है. अब कुछ ऐसा ही सियासी करिश्मा आम आदमी पार्टी के नेता राजस्थान में भी करना चाहते हैं, जिसकी तैयारी इन संभाग स्तरीय सम्मेलनों से शुरू की जा रही है.

श्रीगंगानगर के बाद अन्य संभागों में होंगे सम्मेलन, जल्द होगा संगठन का विस्तार...

श्रीगंगानगर में होने वाले सम्मेलन के बाद प्रदेश के अन्य संभाग मुख्यालयों पर भी आम आदमी पार्टी इसी प्रकार की रैली और सम्मेलनों का आयोजन करेगी. हालांकि, इसकी तारीखों का भी एलान नहीं हुआ. वहीं, पार्टी के प्रदेश सचिव देवेंद्र शास्त्री व प्रदेश मीडिया प्रभारी योगेंद्र गुप्ता के अनुसार संगठन के स्तर पर पार्टी प्रत्येक जिलों में लगातार सक्रियता के साथ आमजन की आवाज बन रही है. फिर चाहे बिजली के बढ़े हुए बिलों का मामला हो या किसानों की कर्जमाफी से जुड़ा मसला. बढ़ती महंगाई से जनता की परेशानी का मामला हो या विकास की धीमी रफ्तार से जुड़ा मुद्दा. इन सभी को पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी जनता के बीच उठा रहे हैं. आप पदाधिकारियों का कहना है कि भाजपा और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और इनकी सरकारों को जनता ने देख लिया है. इसलिए अब तीसरे विकल्प की तलाश खुद जनता को है और आम आदमी पार्टी यह विकल्प जनता को देगी.

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पिछले विधानसभा चुनाव में नहीं कर पाई थी 'आप' कोई करिश्मा, निकाय-पंचायत चुनाव नहीं लड़ा...

आम आदमी पार्टी ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी अधिकतर विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े करे थे. वहीं, लोकसभा चुनाव में भी कुछ जगह अपना भाग्य आजमाया, लेकिन राजस्थान की जनता ने आम आदमी पार्टी प्रत्याशियों को अपना आशीर्वाद नहीं दिया. पिछले दिनों हुए निकाय व पंचायत राज चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने सियासी मैदान खाली छोड़ दिया, लेकिन अब पार्टी अपनी सक्रियता बढ़ा दी है क्योंकि आम आदमी पार्टी की नजर आनेवाले विधानसभा चुनाव पर है.

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