जयपुर. प्रदेश में तीसरे राजनीतिक विकल्प का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी के संगठनात्मक ढांचा खड़ा करने का अंदाज कांग्रेस और भाजपा से एकदम जुदा है. भाजपा और कांग्रेस में जहां ऊपर से नीचे की ओर संगठन का विस्तार होता है, वहीं राजस्थान में 'आप' इसके ठीक विपरीत नीचे से ऊपर की ओर संगठनात्मक ढांचे का विस्तार करेगी. इसकी शुरुआत 200 विधानसभा में 800 से अधिक ब्लॉक अध्यक्ष/संयोजकों की नियुक्ति से (AAP to appoint 800 block heads in Rajasthan) होगी. जबकि 1 जुलाई से ग्राम संपर्क अभियान का आगाज भी किया जाएगा.
जड़ें मजबूत करने पर फोकस: दरअसल, राजस्थान में आम आदमी पार्टी दूध की जली है. इसलिए छाछ भी फूंक-फूंक कर पीना चाहती है. पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान राजस्थान के सभी जिलों में संगठनात्मक ढांचा खड़ा कर दिया था और लगभग प्रदेश की भी पूरी टीम बनी हुई थी, लेकिन ऊपर के पदाधिकारी इधर-उधर हुए तो पूरा ढांचा कमजोर हो गया. उसका मुख्य कारण यही था कि जिलों में जो टीम लगी थी वो ऊपर के पदाधिकारियों की अनुशंसा के अनुरूप ही लगाई गई थी, लेकिन अब 'आम आदमी पार्टी' अगले विधानसभा चुनाव से पहले वापस से राजस्थान में पार्टी का संगठनात्मक ढांचा खड़ा कर रही है.
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इस बार ब्लॉक स्तर और जिला स्तर पर अध्यक्ष और कोऑर्डिनेटर लगाए जा रहे हैं. जिसके बाद संभाग और फिर प्रदेश स्तर पर नियुक्तियां होगी. ऐसे में निचले स्तर पर लगाए गए पदाधिकारी ऊपर में होने वाले बदलाव के बाद भी पार्टी की जड़ों से जुड़े रहेंगे और इसी रणनीति पर आम आदमी पार्टी काम कर रही है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह भी बताया कि राजस्थान में हर विधानसभा में कम से कम 4 ब्लॉक संयोजक/अध्यक्ष लगाए जाएंगे और जो विधानसभा बड़ी होगी वहां पर 4 से अधिक भी नियुक्तियां हो सकती हैं. इस तरह राजस्थान की 200 विधानसभा में 800 से अधिक ब्लॉक संयोजक अध्यक्ष जल्द नियुक्त किए जाएंगे.
जुलाई में ग्राम संपर्क अभियान की होगी शुरुआत: मिश्रा के अनुसार 1 जुलाई से आम आदमी पार्टी प्रदेश के 11 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों और शहरी निकायों में ग्राम संपर्क अभियान का आगाज करने जा रही (AAP gram sampark campaign from 1st July) है. इस अभियान के दौरान ही ग्राम पंचायतों में आम आदमी पार्टी सर्किल इंचार्ज नियुक्त किए जाएंगे. 15 दिन तक चलने वाले इस अभियान के दौरान सभी ग्राम पंचायतों में पार्टी बैठक और सभाएं करेंगी और वहां से उपयुक्त व्यक्तियों की नियुक्ति सर्किल इंचार्ज के रूप में होगी.
प्रदेश अध्यक्ष नियुक्ति से पहले नीचे का संगठन होगा खड़ा, प्रदेश अध्यक्ष पद पर कई नाम: विनय मिश्रा के अनुसार राजस्थान में आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर भी मंथन का काम चल रहा है और कई बड़े चेहरों और नाम पर विचार चल रहा है. मिश्रा के अनुसार पार्टी पहले निचले स्तर पर संगठनात्मक नियुक्तियां करेगी और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पद पर उचित व्यक्ति को जिम्मेदारी देगी ताकि राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी मजबूती के साथ तीसरे विकल्प के रूप में खड़ी नजर आए.
भाजपा और कांग्रेस के कई विधायक और जनप्रतिनिधि संपर्क में: मिश्रा के अनुसार पार्टी में राजस्थान से जुड़े कई अन्य दलों के जनप्रतिनिधि जल्द ही शामिल हो सकते हैं. उनके अनुसार बीजेपी और कांग्रेस के मौजूदा और पूर्व विधायकों के साथ कई जनप्रतिनिधि उनसे संपर्क में हैं. हालांकि वे जनप्रतिनिधि कौन है इन नामों का खुलासा मिश्रा ने नहीं किया.
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कांग्रेस विधायक नहीं है विश्वसनीय: मिश्रा ने महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उठापटक के बाद राजस्थान में भी सियासी बदलाव की संभावना जताई है. मिश्रा ने कहा पूर्व में कई प्रदेशों में कांग्रेस के विधायक अपने लालच में भाजपा के साथ चले गए और सियासी उलटफेर कर चुके हैं. राजस्थान में भी ऐसा हो सकता है. मिश्रा ने कहा आज जनता को समझना होगा कि कांग्रेस के विधायकों को वोट देना मतलब बीजेपी को ही वोट देने के समान है क्योंकि कई प्रदेशों में कांग्रेस के विधायक टूटकर भाजपा के पास चले गए.