जयपुर. नगर निगम में नियमों के विपरीत एक कर निर्धारक को उद्यानविज्ञ बनाने के मामले ने तूल पकड़ा है. स्वायत्त शासन विभाग ने नियुक्तियों में मनमानी करते हुए जयपुर नगर निगम ग्रेटर में खाली पड़े उद्यान विज्ञ (Horticulturist) के पद पर एक कर निर्धारक को नियुक्ति दी है. जबकि ये तकनीकी पद है और इसकी योग्यता उद्यान विज्ञान के साथ कृषि विज्ञान में स्नातक होना जरूरी है.
प्रदेश सरकार ने राजधानी में 2 नगर निगमों का गठन कर आयुक्त नियुक्त करने के साथ अफसर भी बांट दिए लेकिन दोनों नगर निगमों का अलग-अलग काम शुरू नहीं हो पाया है. हेरिटेज नगर निगम आयुक्त लोक बंधु और जयपुर ग्रेटर नगर निगम आयुक्त दिनेश यादव एक साथ अधिकारियों और कर्मचारियों की बैठक ले रहे हैं. यही नहीं अब जोन और कार्यालय के नाम भी नहीं बदले गए हैं. यहां तक की कर्मचारियों का बंटवारा भी नहीं किया गया है. निगम प्रशासन ने आगामी आदेशों तक सभी अधिकारियों को पहले की तरह काम करने के निर्देश जारी किए हैं.
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इसी बीच स्वायत्त शासन विभाग की ओर से कर निर्धारक मोनिका सोनी को अपने कार्य के अतिरिक्त ग्रेटर नगर निगम में रिक्त उद्यान विज्ञ अधीक्षक (Horticulture Superitendent) के पद पर लगाया गया है. जिस पर निगम के दूसरे अधिकारियों कर्मचारियों ने भी सवाल उठाए हैं. दरअसल, उद्यान विज्ञ तकनीकी पद है. जिसकी योग्यता उद्यान विज्ञान के साथ कृषि विज्ञान में स्नातक होना जरूरी है लेकिन डीएलबी निदेशक दीपक नंदी ने कर निर्धारक मोनिका सोनी को योग्यता के बिना अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी. कुछ महीने पहले ही उन्हें ओएसडी के पद से विभागीय मंत्री शांति धारीवाल के आदेश से हटाया गया था.
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इससे पहले भी आयुक्त विजय पाल सिंह ने तबादला होने के बाद भी मोनिका सोनी को उद्यान उपायुक्त लगा दिया था. हालांकि, तत्कालीन डीएलबी निदेशक उज्ज्वल सिंह राठौड़ ने इस आदेश को रद्द कर दिया था.