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Sewage Choke होने से पहले ही State Of Art मशीन इस तरह से करेंगी काम...ओवरफ्लो की समस्या से मिलेगी निजात - जयपुर की खबरें

हेरिटेज नगर निगम ने State Of Art यानी अत्याधुनिक तकनीक से लैस थ्री इन वन मशीन को खरीदा था. अब इनको एक टारगेट के साथ काम में लगाया जाएगा. भरोसा है कि इससे सीवेज समस्या को मिनटों में हल कर लिया जाएगा.

sewerage manhole, आधुनिक मशीन
State Of Art मशीन
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Published : Aug 17, 2021, 8:39 AM IST

Updated : Aug 17, 2021, 11:25 AM IST

जयपुर: परकोटे के सीवरेज सिस्टम को सुधारने के लिए बीते दिनों अत्याधुनिक थ्री इन वन मशीनों को खरीदा गया था. अब इन मशीनों को टारगेट देकर नियमित मैनहोल की मॉनिटरिंग के कार्य में लगाया जा रहा है. ताकि सीवर ओवरफ्लो होने से पहले ही मैनहोल को क्लीन किया जा सके.

State of art मशीन ऐसे करेगी काम
Special : आवश्यकता आविष्कार की जननी : सीवरेज क्लीनिंग का माध्यम बन सकता है रोबोट

हेरिटेज नगर निगम में मैनहोल को मशीनहोल बनाने के साथ-साथ क्लीनिंग प्रोसेस को हाईटेक करने की भी तैयारी की जा रही है. बीते दिनों स्मार्ट सिटी लिमिटेड के माध्यम से 15 लीटर क्षमता की 20 सीवर जेटिंग मशीनें खरीदी गई. ये मशीनें जेटिंग के साथ-साथ ग्रेविंग और रोडिंग का काम भी करने में भी सक्षम है. अब इन मशीनों के प्रभावी उपयोग के लिए उसके ऑपरेशन और मैनेजमेंट का अलग कॉन्ट्रैक्ट किया जा रहा है. जिसमें मशीनों का आईटी बेस्ड मॉनिटरिंग भी रहेगी.

वर्तमान में सीवर जाम (Sewage Choke) होने की शिकायत आने पर निगम की टीम जाकर समस्या का समाधान करती है. लेकिन अब ये मशीन नियमित रूप से मैनहोल पर जाएगी. वहां फ्लो चेक करेगी. इस संबंध में हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि डीएक्टिव की जगह अब प्रोएक्टिव अप्रोच से काम किया जाएगा. हर मशीन का 1 टारगेट भी सेट किया जाएगा.और मशीनों पर सेंसर भी लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सीवर चेंबर पर सेंसर लगाना अलग प्रोजेक्ट है. जिसमें 70% मैनहोल भरने की स्थिति में सेंसर के माध्यम से एक अलर्ट मिलेगा, लेकिन इन मशीनों से रेगुलर मॉनिटरिंग के जरिए हैंड टू हैंड क्लीनिंग भी की जा सकेगी.

खास बात ये है कि इन मशीनों का साइज छोटा होने से इनका इस्तेमाल तंग गलियों में भी किया जा रहा है. इन मशीनों के आने के बाद कर्मचारियों के मैनहोल में उतरने की समस्या का भी कुछ हद तक समाधान हुआ है. वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सीवरेज मैनहोल पर भी सेंसर लगाना प्रस्तावित है.

जयपुर: परकोटे के सीवरेज सिस्टम को सुधारने के लिए बीते दिनों अत्याधुनिक थ्री इन वन मशीनों को खरीदा गया था. अब इन मशीनों को टारगेट देकर नियमित मैनहोल की मॉनिटरिंग के कार्य में लगाया जा रहा है. ताकि सीवर ओवरफ्लो होने से पहले ही मैनहोल को क्लीन किया जा सके.

State of art मशीन ऐसे करेगी काम
Special : आवश्यकता आविष्कार की जननी : सीवरेज क्लीनिंग का माध्यम बन सकता है रोबोट

हेरिटेज नगर निगम में मैनहोल को मशीनहोल बनाने के साथ-साथ क्लीनिंग प्रोसेस को हाईटेक करने की भी तैयारी की जा रही है. बीते दिनों स्मार्ट सिटी लिमिटेड के माध्यम से 15 लीटर क्षमता की 20 सीवर जेटिंग मशीनें खरीदी गई. ये मशीनें जेटिंग के साथ-साथ ग्रेविंग और रोडिंग का काम भी करने में भी सक्षम है. अब इन मशीनों के प्रभावी उपयोग के लिए उसके ऑपरेशन और मैनेजमेंट का अलग कॉन्ट्रैक्ट किया जा रहा है. जिसमें मशीनों का आईटी बेस्ड मॉनिटरिंग भी रहेगी.

वर्तमान में सीवर जाम (Sewage Choke) होने की शिकायत आने पर निगम की टीम जाकर समस्या का समाधान करती है. लेकिन अब ये मशीन नियमित रूप से मैनहोल पर जाएगी. वहां फ्लो चेक करेगी. इस संबंध में हेरिटेज निगम कमिश्नर अवधेश मीणा ने बताया कि डीएक्टिव की जगह अब प्रोएक्टिव अप्रोच से काम किया जाएगा. हर मशीन का 1 टारगेट भी सेट किया जाएगा.और मशीनों पर सेंसर भी लगाया जाएगा. उन्होंने बताया कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सीवर चेंबर पर सेंसर लगाना अलग प्रोजेक्ट है. जिसमें 70% मैनहोल भरने की स्थिति में सेंसर के माध्यम से एक अलर्ट मिलेगा, लेकिन इन मशीनों से रेगुलर मॉनिटरिंग के जरिए हैंड टू हैंड क्लीनिंग भी की जा सकेगी.

खास बात ये है कि इन मशीनों का साइज छोटा होने से इनका इस्तेमाल तंग गलियों में भी किया जा रहा है. इन मशीनों के आने के बाद कर्मचारियों के मैनहोल में उतरने की समस्या का भी कुछ हद तक समाधान हुआ है. वहीं स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सीवरेज मैनहोल पर भी सेंसर लगाना प्रस्तावित है.

Last Updated : Aug 17, 2021, 11:25 AM IST
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