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अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए जनप्रतिनिधियों को प्रशासन शहरों के संग अभियान से जोड़ने की उठी मांग

प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prashasan Shehron ke Sang) की धीमीगति को लेकर सीएम गहलोत (CM Gehlot) नाराजगी जता चुके हैं. अब नगर निकायों को टारगेट पूरा करने का दिया है. अब अभियान से जनप्रतिनिधियों को जोड़ने की मांग की जा रही है.

Prashasan Shehron ke Sang, Jaipur news
प्रशासन शहरों के संग अभियान
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Published : Oct 24, 2021, 5:41 PM IST

Updated : Oct 24, 2021, 6:54 PM IST

जयपुर. पिछले तीन सप्ताह में प्रशासन शहरों के संग अभियान राज्य सरकार (Rajasthan Government) की मंशानुरूप नहीं रहा है. यहीं वजह है कि अब निकायों का टारगेट दिया गया है. नियमन दर और शुल्क में और कटौती करने की प्लानिंग की जा रही है. जयपुर के दोनों निगमों के जनप्रतिनिधि अभियान के अब तक फेल होने का कारण पार्षदों को नहीं जोड़े जाने को मानते हैं.

निकायों के जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर शुरू किए गए प्रशासन शहरों के संग अभियान में अधिकारियों को सर्वेसर्वा बनाया गया. ये प्रयोग सफल नहीं हो पाया. इसका हश्र यूडीएच मंत्री को ग्रेटर नगर निगम के औचक निरीक्षण में भी देखने को मिला, जहां पट्टों के आवेदन की फाइलों को बेवजह आपत्ति कर अटकाने के मामले सामने आए. यही वजह है कि अब जयपुर के दोनों निगमों के जनप्रति​निधि अभियान की सफलता और प्रासंगिकता बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों की भूमिका सुनिश्चित करने को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं.

प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर मांग

यह भी पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान की धीमीगति से सीएम गहलोत नाराज, दीवाली के बाद सभी कलेक्टरों की जयपुर में लेंगे क्लास

हेरिटेज निगम उपमहापौर असलम फारूकी ने कहा कि अभियान से पहले या अभियान के दौरान जनप्रति​निधियों की मीटिंग बुलाई जानी चाहिए थी. जिसमें अधिकारी पार्षदों को फाइल तैयार करने और नियमों की जानकारी साझा करते. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं लेकिन अब निगम आयुक्त और मेयर को जोन वाइज जनप्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाकर कैंप के बारे में जानकारी देने के लिए लिखेंगे. उन्होंने कहा कि यदि जनता के साथ जनप्रतिनिधि जुड़ेंगे तो काम बेहतर और फास्ट होगा.

यह भी पढ़ें. प्रशासन शहरों के संग अभियान के लिए मार्गदर्शन समिति का गठन, Ward Wise कैंप लगाने के निर्देश जारी

वहीं ग्रेटर निगम (Jaipur Greater Corporation) के भवन निर्माण समिति चेयरमैन जितेन्द्र श्रीमाली ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी जनप्रतिनिधि का सहयोग नहीं ले रही है. जिसकी वजह से आमजन तक अभियान का लाभ नहीं पहुंच पाया है. ऐसे में उन्होंने जनप्रतिनिधि और कॉलोनियों की विकास समितियों को भी अभियान से जोड़ने की मांग की.

राज्य सरकार ने अभियान को सफल बनाने के लिए 15 सितंबर से ही प्री कैंप शुरू कर दिए थे. यही नहीं आमजन की सुविधा के लिए नगर मित्र भी तैनात किए लेकिन अभियान में वितरित किए गए पट्टों के आंकड़ों से खुद ही संतुष्ट नहीं हो पाए हैं.

जयपुर. पिछले तीन सप्ताह में प्रशासन शहरों के संग अभियान राज्य सरकार (Rajasthan Government) की मंशानुरूप नहीं रहा है. यहीं वजह है कि अब निकायों का टारगेट दिया गया है. नियमन दर और शुल्क में और कटौती करने की प्लानिंग की जा रही है. जयपुर के दोनों निगमों के जनप्रतिनिधि अभियान के अब तक फेल होने का कारण पार्षदों को नहीं जोड़े जाने को मानते हैं.

निकायों के जनप्रतिनिधियों को दरकिनार कर शुरू किए गए प्रशासन शहरों के संग अभियान में अधिकारियों को सर्वेसर्वा बनाया गया. ये प्रयोग सफल नहीं हो पाया. इसका हश्र यूडीएच मंत्री को ग्रेटर नगर निगम के औचक निरीक्षण में भी देखने को मिला, जहां पट्टों के आवेदन की फाइलों को बेवजह आपत्ति कर अटकाने के मामले सामने आए. यही वजह है कि अब जयपुर के दोनों निगमों के जनप्रति​निधि अभियान की सफलता और प्रासंगिकता बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों की भूमिका सुनिश्चित करने को लेकर आवाज बुलंद कर रहे हैं.

प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर मांग

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हेरिटेज निगम उपमहापौर असलम फारूकी ने कहा कि अभियान से पहले या अभियान के दौरान जनप्रति​निधियों की मीटिंग बुलाई जानी चाहिए थी. जिसमें अधिकारी पार्षदों को फाइल तैयार करने और नियमों की जानकारी साझा करते. हालांकि, ऐसा हुआ नहीं लेकिन अब निगम आयुक्त और मेयर को जोन वाइज जनप्रतिनिधियों की मीटिंग बुलाकर कैंप के बारे में जानकारी देने के लिए लिखेंगे. उन्होंने कहा कि यदि जनता के साथ जनप्रतिनिधि जुड़ेंगे तो काम बेहतर और फास्ट होगा.

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वहीं ग्रेटर निगम (Jaipur Greater Corporation) के भवन निर्माण समिति चेयरमैन जितेन्द्र श्रीमाली ने कहा कि राज्य सरकार किसी भी जनप्रतिनिधि का सहयोग नहीं ले रही है. जिसकी वजह से आमजन तक अभियान का लाभ नहीं पहुंच पाया है. ऐसे में उन्होंने जनप्रतिनिधि और कॉलोनियों की विकास समितियों को भी अभियान से जोड़ने की मांग की.

राज्य सरकार ने अभियान को सफल बनाने के लिए 15 सितंबर से ही प्री कैंप शुरू कर दिए थे. यही नहीं आमजन की सुविधा के लिए नगर मित्र भी तैनात किए लेकिन अभियान में वितरित किए गए पट्टों के आंकड़ों से खुद ही संतुष्ट नहीं हो पाए हैं.

Last Updated : Oct 24, 2021, 6:54 PM IST
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