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डूंगरपुर: मॉडिफाइड लॉकडाउन के बीच 97 हजार मनरेगा श्रमिकों को मिला रोजगार - मनरेगा

डूंगरपुर में मनरेगा कार्यों के तहत मजदूर वर्ग को काम मिल गया है. जिससे मजदूरों के सामने आर्थिक संकट समाप्त हो जाएगी. जिले में अब तक 97 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया करवाया गया है.

MNREGA, डूंगरपुर न्यूज
लॉकडाउन में मजदूरों को राहत
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Published : Apr 30, 2020, 4:10 PM IST

डूंगरपुर. मॉडिफाइड लॉकडाउन के बाद से शुरू हुए मनरेगा कार्यों से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूर वर्ग को बड़ी राहत मिली है. सरकार के आदेशों के बाद जिले में मनरेगा के कार्यों को मंजूरी मिली है. जिसके बाद अब तक 97 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया करवाया गया है. हालांकि, कार्यस्थलों पर भी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की पालना कार्रवाई जा रही है.

लॉकडाउन में मजदूरों को राहत

कोरोना वायरस की महामारी के बाद से ही देश और प्रदेश में कामधंधे ठप्प हो चुके हैं. लॉकडाउन के कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. जबकि जिले में 80 प्रतिशत से ज्यादा मजदूर वर्ग है. जो मनरेगा के तहत होनेवाले काम से ही अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम करते हैं. पिछले दिनों राज्य सरकार ने मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू कर दिया. इसी के साथ सरकार ने प्रदेश में मनरेगा के कार्यों को शुरू करने की अनुमति भी दे दी.

MNREGA, डूंगरपुर न्यूज
काम करने को जाती महिला श्रमिक

जिला कलेक्टर कानाराम ने बताया कि सरकार के आदेशों के तहत जिले में मजदूर वर्ग को जरूरत के अनुसार काम मुहैया करवाने के लिए मनरेगा के कार्य शुरू कर दिए हैं. मनरेगा के कार्यो के लिए कार्यादेश के साथ ही काम करनेवाले मजदूरों की नाम की सूची जारी कर दी गई है. वहीं जिला परिषद के सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जिले में 1 लाख श्रमिकों को नियोजित करने का लक्ष्य रखा गया था. उसके मुकाबले एक सप्ताह में ही 97 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया करवाया गया है. जरूरत के अनुसार अलग-अलग कार्यों की स्वीकृति भी जारी की गई है.

यह भी पढ़ें. स्पेशल: पर्यटन उद्योग पर Corona की मार, अब देसी पावणों पर फोकस करेगी सरकार

जिससे अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा से जोड़ा जा सके. राठौड़ ने बताया कि मनरेगा कार्यस्थलों पर श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करवाई जा रही है. मनरेगा के कार्य शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिली है. पिछले एक माह से रोजगार नहीं होने से लोग आर्थिक तंगी झेल रहे थे लेकिन अब मनरेगा कार्यो से रोजगार मुहैया हुआ है.

  • किस पंचायत समिति में कितनी लेबर लगी
पंचायत समितिनियोजित श्रमिक
आसपुर7,521
बिछीवाड़ा91,803
चिखली98,604
दोवड़ा1,08,705
डूंगरपुर1,05,306
गलियाकोट1,19,917
झोथरी92,248
साबला82,319
सागवाड़ा11,12,410
सीमलवाड़ा 8,417
  • जिले में सबसे ज्यादा 11 हजार 991 श्रमिक गलियाकोट पंचायत समिति में नियोजित
  • सबसे कम आसपुर पंचायत समिति में सबसे कम 7521 श्रमिक नियोजित

महिलाओं की दिलचस्पी ज्यादा

मनरेगा कार्यों को लेकर महिलाओं की दिलचस्पी ज्यादा है. इसी कारण मनरेगा कार्य करने में सबसे ज्यादा महिलाएं हैं. हर जगह करीब 90 प्रतिशत महिलाओं को रोजगार मिला है. शहर से सटे मांडवा खापरड़ा ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्य के हाल जाने तो यहां खापरड़ा में तलावड़ी निर्माण कार्य पर कुल 48 श्रमिक लगे हुए थे. जिसमें से 46 महिलाएं काम कर रही हैं. ऐसा ही हाल जिले के अन्य पंचायतों के कार्यस्थलों पर है.

डूंगरपुर. मॉडिफाइड लॉकडाउन के बाद से शुरू हुए मनरेगा कार्यों से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मजदूर वर्ग को बड़ी राहत मिली है. सरकार के आदेशों के बाद जिले में मनरेगा के कार्यों को मंजूरी मिली है. जिसके बाद अब तक 97 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया करवाया गया है. हालांकि, कार्यस्थलों पर भी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क की पालना कार्रवाई जा रही है.

लॉकडाउन में मजदूरों को राहत

कोरोना वायरस की महामारी के बाद से ही देश और प्रदेश में कामधंधे ठप्प हो चुके हैं. लॉकडाउन के कारण लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. जबकि जिले में 80 प्रतिशत से ज्यादा मजदूर वर्ग है. जो मनरेगा के तहत होनेवाले काम से ही अपने परिवार के लिए रोटी का इंतजाम करते हैं. पिछले दिनों राज्य सरकार ने मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू कर दिया. इसी के साथ सरकार ने प्रदेश में मनरेगा के कार्यों को शुरू करने की अनुमति भी दे दी.

MNREGA, डूंगरपुर न्यूज
काम करने को जाती महिला श्रमिक

जिला कलेक्टर कानाराम ने बताया कि सरकार के आदेशों के तहत जिले में मजदूर वर्ग को जरूरत के अनुसार काम मुहैया करवाने के लिए मनरेगा के कार्य शुरू कर दिए हैं. मनरेगा के कार्यो के लिए कार्यादेश के साथ ही काम करनेवाले मजदूरों की नाम की सूची जारी कर दी गई है. वहीं जिला परिषद के सीईओ दीपेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि जिले में 1 लाख श्रमिकों को नियोजित करने का लक्ष्य रखा गया था. उसके मुकाबले एक सप्ताह में ही 97 हजार से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार मुहैया करवाया गया है. जरूरत के अनुसार अलग-अलग कार्यों की स्वीकृति भी जारी की गई है.

यह भी पढ़ें. स्पेशल: पर्यटन उद्योग पर Corona की मार, अब देसी पावणों पर फोकस करेगी सरकार

जिससे अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा से जोड़ा जा सके. राठौड़ ने बताया कि मनरेगा कार्यस्थलों पर श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग की पालना भी करवाई जा रही है. मनरेगा के कार्य शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत मिली है. पिछले एक माह से रोजगार नहीं होने से लोग आर्थिक तंगी झेल रहे थे लेकिन अब मनरेगा कार्यो से रोजगार मुहैया हुआ है.

  • किस पंचायत समिति में कितनी लेबर लगी
पंचायत समितिनियोजित श्रमिक
आसपुर7,521
बिछीवाड़ा91,803
चिखली98,604
दोवड़ा1,08,705
डूंगरपुर1,05,306
गलियाकोट1,19,917
झोथरी92,248
साबला82,319
सागवाड़ा11,12,410
सीमलवाड़ा 8,417
  • जिले में सबसे ज्यादा 11 हजार 991 श्रमिक गलियाकोट पंचायत समिति में नियोजित
  • सबसे कम आसपुर पंचायत समिति में सबसे कम 7521 श्रमिक नियोजित

महिलाओं की दिलचस्पी ज्यादा

मनरेगा कार्यों को लेकर महिलाओं की दिलचस्पी ज्यादा है. इसी कारण मनरेगा कार्य करने में सबसे ज्यादा महिलाएं हैं. हर जगह करीब 90 प्रतिशत महिलाओं को रोजगार मिला है. शहर से सटे मांडवा खापरड़ा ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्य के हाल जाने तो यहां खापरड़ा में तलावड़ी निर्माण कार्य पर कुल 48 श्रमिक लगे हुए थे. जिसमें से 46 महिलाएं काम कर रही हैं. ऐसा ही हाल जिले के अन्य पंचायतों के कार्यस्थलों पर है.

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