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कार्मिक विभाग के आदेश के खिलाफ 70 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी 9 जुलाई को करेंगे कार्य बहिष्कार - मंत्रालयिक कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के बैनर तले 9 जुलाई को 70 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी कार्य बहिष्कार करेंगे. महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने कार्य बहिष्कार के बारे में बताया और कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगे नहीं मानी तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे.

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कार्मिक विभाग के आदेश के खिलाफ 70 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी 9 जुलाई को करेंगे कार्य बहिष्कार
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Published : Jul 6, 2021, 2:42 AM IST

जयपुर. 23 जून को कार्मिक विभाग की ओर से निकाले गए आदेश के चलते राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण नाराज कर्मचारियों ने 9 जुलाई को एक दिन का कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने दी.

पढे़ं: मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग, जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में आदेशों की होली जलाकर जताया विरोध

महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने बताया कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के 11 सूत्रीय माँग पत्र पर कार्यवाही नहीं होने एवं मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों के हितों के विरुद्ध जारी 23 जून के कार्मिक विभाग के आदेश के विरोध मे सम्पूर्ण राजस्थान के अधिनस्थ विभागों एवं पंचायती राज्य संस्थानों के लगभग 70 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी आगामी 9 जुलाई को एक दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे. कर्मचारी कार्यालय में उपस्थिति अंकित करते हुए कार्य का बहिष्कार करेंगे.

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ

प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह चौधरी के नेतृत्व में महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को एक बार फिर से मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव वित्त एवं कार्मिक सचिव से मिले और कहा कि जब मुख्यमंत्री ने राजस्थान विधानसभा में अपने बजट वर्ष 2021-2022 के भाषण में ग्राम सेवकों, पटवारियों, मंत्रालयिक कर्मचारियों इत्यादि के पदों की भर्ती में समान पात्रता परीक्षा लागू करने की घोषणा की थी, परन्तु कार्मिक विभाग ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के विपरीत मंत्रालयिक संवर्ग के एंट्री स्केल के पद को समान पात्रता परीक्षा में ग्राम सेवक, पटवारी जैसे समक्ष पदों से भिन्न कर दोयम दर्जे पर रखा गया है. इससे महासंघ के कर्मचारियों में आक्रोश है और वह इसका पुरजोर विरोध करता है.

चौधरी ने कहा कि काफी लंबे समय से मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अभी तक उनकी योग्यता स्नातक नहीं की गई. वर्तमान में मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता 12वीं पास है. यदि मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक हो जाती है तो उनकी योग्यता ग्राम सेवक और पटवारियों के समकक्ष हो जाएगी और वह ग्राम सेवक और पटवारियों के साथ समान पात्रता परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. वर्तमान में कार्मिक विभाग के आदेश से मंत्रालयिक कर्मचारियों को जमादारों के समकक्ष समान पात्रता परीक्षा में शामिल किया गया है.ॉ

प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र दाधीच ने कहा कि यदि सरकार ने समकक्ष संवर्गो की भांति समान योग्यता समान परीक्षा के सिद्वांत को लागू नहीं किया तो प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारी बड़े आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. प्रतिनिधि मण्डल में कमलेश शर्मा, विजय सिंह राजावत, जितेंद्र सिंह, यतेन्द्र सिंह मुकेश मुदगल, सुनील मोदी शामिल हुए.

जयपुर. 23 जून को कार्मिक विभाग की ओर से निकाले गए आदेश के चलते राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं होने के कारण नाराज कर्मचारियों ने 9 जुलाई को एक दिन का कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. यह जानकारी राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने दी.

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महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष राजसिंह चौधरी ने बताया कि राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के 11 सूत्रीय माँग पत्र पर कार्यवाही नहीं होने एवं मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों के हितों के विरुद्ध जारी 23 जून के कार्मिक विभाग के आदेश के विरोध मे सम्पूर्ण राजस्थान के अधिनस्थ विभागों एवं पंचायती राज्य संस्थानों के लगभग 70 हजार मंत्रालयिक कर्मचारी आगामी 9 जुलाई को एक दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे. कर्मचारी कार्यालय में उपस्थिति अंकित करते हुए कार्य का बहिष्कार करेंगे.

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ

प्रदेशाध्यक्ष राजसिंह चौधरी के नेतृत्व में महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को एक बार फिर से मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव वित्त एवं कार्मिक सचिव से मिले और कहा कि जब मुख्यमंत्री ने राजस्थान विधानसभा में अपने बजट वर्ष 2021-2022 के भाषण में ग्राम सेवकों, पटवारियों, मंत्रालयिक कर्मचारियों इत्यादि के पदों की भर्ती में समान पात्रता परीक्षा लागू करने की घोषणा की थी, परन्तु कार्मिक विभाग ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के विपरीत मंत्रालयिक संवर्ग के एंट्री स्केल के पद को समान पात्रता परीक्षा में ग्राम सेवक, पटवारी जैसे समक्ष पदों से भिन्न कर दोयम दर्जे पर रखा गया है. इससे महासंघ के कर्मचारियों में आक्रोश है और वह इसका पुरजोर विरोध करता है.

चौधरी ने कहा कि काफी लंबे समय से मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन अभी तक उनकी योग्यता स्नातक नहीं की गई. वर्तमान में मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता 12वीं पास है. यदि मंत्रालयिक कर्मचारियों की योग्यता स्नातक हो जाती है तो उनकी योग्यता ग्राम सेवक और पटवारियों के समकक्ष हो जाएगी और वह ग्राम सेवक और पटवारियों के साथ समान पात्रता परीक्षा में शामिल हो सकते हैं. वर्तमान में कार्मिक विभाग के आदेश से मंत्रालयिक कर्मचारियों को जमादारों के समकक्ष समान पात्रता परीक्षा में शामिल किया गया है.ॉ

प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र दाधीच ने कहा कि यदि सरकार ने समकक्ष संवर्गो की भांति समान योग्यता समान परीक्षा के सिद्वांत को लागू नहीं किया तो प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारी बड़े आंदोलन करने पर मजबूर होंगे. प्रतिनिधि मण्डल में कमलेश शर्मा, विजय सिंह राजावत, जितेंद्र सिंह, यतेन्द्र सिंह मुकेश मुदगल, सुनील मोदी शामिल हुए.

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