जयपुर. हिन्दी फिल्म जगत के गीतकार इंदीवर का मशहूर गीत ' ना उम्र की सीमा हो , ना जनमो का बंधन , जब प्यार करे कोई..." की रचना की गई ,तब शायद उन उम्रदराज जोड़ों को ही ख्याल में रखा गया हो , जिनके लिए शादी का बंधन उम्र की बंदिशों से परे रहा होगा. रविवार को जयपुर में ऐसे ही कुछ जोड़ों की शादी से पहले परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें 150 पुरुष अपने लिए उम्र के ढ़लते पड़ाव पर जीवन साथी तलाशने के लिए पहुंचे थे. इसके साथ ही 20 के करीब महिलाएं भी अपने हमसफर की खोज में इस सम्मेलन में शामिल हुई.
खास बात ये रही कि यहां पचास साल कि उम्र को पार कर चुके लोगों ने ही आवेदन किया था, इस मौके का गवाह राजापार्क का आर्य समाज सत्संग भवन बना . देशभर से इस आयोजन में शिरकत करने आए लोगों में से एक जोड़ा गुलाबी शहर जयपुर का भी था. कार्यक्रम के प्रतिभागियों में सभी 50 से अधिक उम्र के थे, जिनमें अविवाहित, तलाकशुदा, विधुर और एकल महिलाएं शामिल थी. इन सबके लिए अहमदाबाद के अनुबंध फाउंडेशन ने परिचय सम्मेलन का आयोजन किया था.
अनुबंध फाउंडेशन की अनूठी पहल: अनुबंध फाउंडेशन के राजस्थान कोऑर्डिनेटर अतुल कुटेचा के मुताबिक हमारे जीवन में कई बार ऐसा समय भी आता है, जब भागदौड़ वाली जिंदगी में बच्चे घर के वरिष्ठ नागरिकों को वक्त और जरूरत के मुताबिक सहारा नहीं दे पाते हैं . ऐसे में उनके अकेलेपन का साथी अगर मिल जाए , तो फिर मानसिक परेशानी का रास्ता भी निकल जाता है.
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फिलहाल राजस्थान में इस तरह के पहले आयोजन को करने वाली संस्था अभी तक गुजरात सहित देश के अलग-अलग शहरों में 67 परिचय सम्मेलनों का आयोजन कर चुकी है. जिनमें 364 लोगों को अपना हमसफर मिला है. संस्था के मुताबिक इस पहल का मकसद इतना व्यापक रूप से प्रचलित हो चुका है कि 14550 एकल महिला-पुरुषों के बायोडाटा उन्हें अभी तक मिल चुके हैं .
67 बरस के गोपाल को मिली अपनी मीना: जिस उम्र में लोग अपनी दूसरी पीढ़ी की शादी की बात करते हैं. लेकिन इस मुकाम पर खुद के लिए जीवन साथी की तलाश करना बेशक फिल्मी लग सकता है. पर जयपुर के लिए ये किसी हकीकत से कम नहीं है. 1 मई रविवार को प्रतापनगर के 67 साल के गोपाल लाल को अपने हमसफर के रूप में मीना मिली. जहां दोनों ने बाकी का वक्त एक-दूजे के नाम कर दिया. पत्नी के निधन के बाद अकेले हुए गोपाललाल कहते हैं कि उन्हें जिंदगी में अपने साथी की कमी खल रही थी , ऐसे में मीना के रूप में उन्हें सहारा मिला है .
दोनों ने एक दूसरे के भाव और स्वभाव के आधार पर एक-दूजे को चुना. इसी तरह से आगरा के 82 साल के कृष्ण कुमार मूल रूप से सामाजिक कार्यकर्ता हैं, और उन्हें समाज की सेवा के लिए भागीदार की दरकार थी. लिहाजा परिचय सम्मेलन में उन्होंने भी अपने लिए जीवनसाथी की तलाश को मुकम्मल रूप देने की कोशिश की. सम्मेलन में अहमदाबाद से आई सीमा बेन रावल ने बताया कि उन्हें अपनी संतान से कोई शिकायत नहीं है, पर उनका बेटा चाहता है कि वो अकेली ना रहे. लिहाजा वे जयपुर अपने लिए एक साथी की तलाश करने पहुंची हैं.
देशभर से आए लोगः जयपुर शहर में पहली बार आयोजित हुए 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले एकल महिला पुरुषों के परिचय सम्मेलन में देशभर के अलग-अलग राज्यों से लोग शामिल होने पहुंचे थे. सम्मेलन में राजस्थान सहित गुजरात, यूपी, पंजाब और महाराष्ट्र तक से 50 से 83 वर्ष तक के बुजुर्ग एकाकी जीवन में खुशियां भरने के लिए यहां पहुंचे. जीवन साथी तलाशने की ख्वाहिश लिए आए 83 साल के बुजुर्ग बीके श्रीवास्तव को भी पत्नी की तलाश थी. रेलवे से रिटायर्ड स्टेशन सुपरिटेंडेंट श्रीवास्तव उम्र के इस पड़ाव में खुद को अकेला महसूस करते हैं. उन्होंने बताया कि उनका बेटा न तो उन्हें साथ रखता है और ना ही वृद्धाश्रम जाने देता है, ऐसे में अकेले वक्त काटना मुश्किल हो गया था.