जयपुर. राजधानी में त्रिवेणी पुलिया पर अचानक ब्रेक लगाने पर एक के पीछे एक 6 गाड़ियां टकरा गईं. त्रिवेणी पुलिया चढ़ते वक्त अचानक से ब्रेक लगाने पर एक के पीछे एक 6 गाड़ियां आपस मे भिड़ गईं. हालांकि हादसे में किसी को भी चोट नहीं आई है. सभी वाहन चालकों ने आपस में समझौता करके क्षतिग्रस्त वाहन को स्वयं के स्तर पर लेकर चले गए.
जानकारी के मुताबिक आगे चल रही एक कार ने अचानक ब्रेक लगा दिए. जिसकी वजह से पीछे आ रही अन्य गाड़ियां एक के बाद एक आपस में भिड़ गईं. जिससे करीब आधा दर्जन गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं. गनीमत रही कि हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई. इस दौरान काफी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई और रोड पर वाहन टकराने से रास्ता भी जाम हो गया. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन कार चालकों ने आपस में ही समझौता करके मामला निपटा लिया और मौके से चले गए.
पुलिस कंट्रोल रूम और चाइल्ड हेल्पलाइन पर दे सकते हैं गुमशुदा बच्चों की सूचना
राजस्थान पुलिस द्वारा गुमशुदा नाबालिग बच्चों की तलाश और पुर्नस्थापना के लिए फरवरी माह में चलाए जा रहे विशेष अभियान मिलाप-1 के अंतर्गत अब तक कुल 133 गुमशुदा बच्चों को दस्तयाब किया जा चुका है. आमजन से अकेले, लावारिस एवं गुमशुदा बच्चों के बारे में सूचना जिला पुलिस कन्ट्रोल रूम के टोल फ्री नम्बर 100 या 112 या चाइल्ड हैल्पलाइन के टोल फ्री नम्बर 1098 पर देने की अपील की गई है.
महानिदेशक पुलिस एमएल लाठर के निर्देश पर 1 फरवरी से प्रारम्भ किए गए मिलाप 1 अभियान के तहत अब तक कुल 164 गुमशुदा नाबालिक बच्चों का पुनर्वास किया गया है. प्रथम सप्ताह में ही प्रदेश भर में 606 गुमशुदा बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. अब तक प्रदेश के 128 और अन्य राज्यों के 5 बच्चों सहित कुल 133 बच्चे दस्तयाब किए जा चुके हैं. यह विशेष अभियान निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 28 फरवरी तक संचालित किया जाएगा. पुलिस अधीक्षक अपने जिलों के समाज कल्याण विभाग, बाल अधिकारिता विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, श्रम विभाग, चिल्ड्रेन होम, शेल्टर होम और जिला बाल कल्याण समिति के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं से समन्वय स्थापित करते हुए यह कार्य कर रहे हैं. जिला पुलिस अधीक्षकों को उनके जिलों के सभी थानों पर वेब पोर्टल का क्रियाशील रखने के साथ ही उन पर गुमशुदा बच्चों के बारे में समस्त सूचनाएं इंद्राज करने के निर्देश दिए गए हैं.
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस नीना सिंह के अनुसार अभियान के लिए पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस अधीक्षक कल्याण मल मीणा को स्टेट नोडल अधिकारी बनाया गया है. गुमशुदा नाबालिग बच्चों की स्क्रीनिंग करने के लिए सभी जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाकर थानावार टीमें गठित की गई हैं. टीमों में शामिल पुलिस कर्मियों को जेजे एक्ट, पॉक्सो एक्ट और बाल अधिकारों के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण दिया गया है.
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इन टीमों में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया गया है. इन टीमों को शेल्टर होम, रेलवे प्लेटफार्म, बस स्टैंड, धार्मिक स्थल आदि में जाकर वहां मौजूद बच्चों की स्क्रीनिंग करने और बच्चों का पूर्ण विवरण मय फोटोग्राफ के संधारित करने के निर्देश दिए गए हैं. सभी जिलों के गुमशुदा बच्चों की डायरेक्टरी तैयार की गई है. इस डायरेक्टरी में प्रत्येक गुमशुदा बच्चे की हायर रेजुलेशन फोटोग्राफ्स व अन्य सभी विवरण अंकित कर अभियान से जुड़ी टीम को यह डायरेक्टरी उपलब्ध करवाई गई है. जिले में स्थित शेल्टर होम, चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट, अनाथालय व अन्य संस्थाओं में निवासरत बालक बालिकाओं के बारे में भी गहनता से जानकारी लेकर खोया पाया पोर्टल से मिलान कर बच्चों को परिजनों को सुपुर्द किया जाना सुनिश्चित किया करने के निर्देश दिए गए हैं.
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस के मुताबिक प्रत्येक दस्तयाब किए गए बच्चों का मेडिकल परीक्षण करवाने के बाद उन्हें संबंधित चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है. बच्चों का संपूर्ण विवरण मिसिंग चाइल्ड पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है. दस्तयाब किए गए बच्चों के संबंध में जेजे एक्ट में वर्णित देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को अमल में लाने के निर्देश दिए गए हैं. संबंधित विभागों का सहयोग लेकर दस्तयाब किए गए बच्चों की पुर्नस्थापना करने के निर्देश दिए गए हैं.