जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस के भीतर सियासी चिंगारी अभी शांत नहीं हुई है. पार्टी के भीतर जारी सियासी उबाल के बीच एक तरफ जहां पार्टी आलाकमान गहलोत खेमे के उन विधायकों से नाराज है, जिन्होंने विधायक दल की बैठक में नाफरमानी की थी. वहीं, दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस सदस्य बनाए जाने में इन्हीं विधायकों को वरीयता देने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है. इसका उदाहरण हाल में बने नए 13 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं. इनमें 7 सदस्य विधायक कोटे (PCC members from MLA quota) से बने हैं. जबकि इस लिस्ट में पायलट खेमे के विधायकों के नाम शामिल नहीं है.
खास बात यह है कि विधायक कोटे से बनने वाले सात सदस्यों में से रघु शर्मा को छोड़कर बाकी सभी 6 सदस्य वही मंत्री, विधायक हैं, जिन्होंने कांग्रेस आलाकमान के निर्णय की अवहेलना करते हुए इस्तीफा तक दिया था. इस लिस्ट में सचिन पायलट खेमे से पीसीसी सदस्य बनने से बाकी रह गए विधायकों के नाम शामिल नहीं हैं. विधायक कोटे से जो सात विधायक पीसीसी सदस्य बने हैं, उनमें से 6 विधायक गहलोत खेमे (6 Gehlot supporters became pcc members) से हैं. जबकि सातवें विधायक रघु शर्मा कांग्रेस आलाकमान की पसंद है. इन्हें 17 अक्टूबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में वोटिंग का अधिकार होगा. विधायक कोटे से पीसीसी सदस्य बनने वाले लिस्ट में सचिन पायलट खेमे के विधायकों को जगह नहीं दी गई है.
खास बात यह है कि 7 विधायकों में पीसीसी सदस्य बनने वाले मंत्री महेश जोशी भी शामिल हैं. मंत्री जोशी ने कांग्रेस की ओर से जारी किए गए कारण बताओ नोटिस का जवाव दिया है. कहा जा रहा है कि आलाकमान मंत्री जोशी पर कार्रवाई कर सकता है. दूसरी तरफ मंत्री महेश जोशी को पीसीसी सदस्य बनाकर रिवॉर्ड भी दिया जा रहा है.
विधायक कोटे से ये बने पीसीसी मेंबरः विधायक कोटे से पीसीसी मेंबर बनने वालों में गुजरात के प्रभारी रघु शर्मा के साथ ही मंत्री राजेंद्र यादव, मंत्री लालचंद कटारिया, मंत्री महेश जोशी, मंत्री गोविंद मेघवाल, विधायक अमित चाचान और विधायक हाकम अली शामिल हैं. इनमें रघु शर्मा को छोड़कर बाकी सभी 6 विधायक गहलोत के समर्थक माने जाते हैं. सभी ने 25 सितंबर को हुई विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर अपने इस्तीफे दिए थे.