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पशु धन सेवा अभियान में लगे 5588 शिविर, 3 लाख 90 हजार पशुओं का उपचार, 4 लाख पशुओं का किया गया टीकाकरण - Animal Husbandry Minister Lalchand Kataria

प्रदेश में पशुपालन विभाग की ओर से फरवरी में पशुधन सेवा अभियान के तहत 5 हजार 588 शिविर आयोजित किए गए थे. जिसमें 3 लाख 90 हजार से अधिक पशुओं का उपचार और 4 लाख 13 हजार पशुओं में टीकाकरण किया गया. इसकी जानकारी पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने एक बयान जारी कर दी है.

राजस्थान पशुपालन टीकाकरण, Latest hindi news of rajasthan
पशु धन सेवा अभियान में लगे 5588 शिविर
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Published : Mar 4, 2021, 2:57 PM IST

जयपुर. पशुपालन विभाग की ओर से फरवरी माह में चलाए गए पशुधन सेवा अभियान के तहत 5 हजार 588 शिविर आयोजित कर 3 लाख 90 हजार से अधिक पशुओं का उपचार और 4 लाख 13 हजार पशुओं में टीकाकरण किया गया.

पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बयान जारी कर बताया कि पूरे प्रदेश में 1 फरवरी से 28 फरवरी तक पशुधन सेवा अभियान चलाया गया. इसके तहत विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन कर पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है.

कटारिया ने कहा कि राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के पहले चरण के दौरान कृत्रिम गर्भाधान किए गए 92 हजार पशुओं का गर्भ परीक्षण किया गया. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत आयोजित शिविरों में 81 हजार पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान किया गया और बांझपन से ग्रसित 43 हजार पशुओं का उपचार किया गया है. अन्तः परजीवी रोगों की रोकथाम के लिए 4 लाख 26 हजार पशुओं को कृमिनाशक दवा पिलायी गयी है. साथ ही बाह्य परजीवी रोगों की रोकथाम के लिए 3 लाख 5 हजार पशुओं में कृमिनाशक दवा का छिड़काव किया गया है.

पढ़ें- विधायक अशोक लाहोटी का मुख्यमंत्री पर निशाना, कहा- थोथा चना बाजे घना

पशुपालन मंत्री ने बताया कि इस दौरान 6,435 पशुपालक गोष्ठियां आयोजित कर 96 हजार पशुपालकों को लाभान्वित किया गया. उन्होंने बताया कि शिविरों में पशुओं का टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, रोगी पशुओं का उपचार, अन्तः और बाह्य परजीवी रोगों की रोकथाम के लिए कृमिनाशक दवा पिलाना, दवा का छिड़काव, बांझपन का उपचार आदि सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है.

जयपुर. पशुपालन विभाग की ओर से फरवरी माह में चलाए गए पशुधन सेवा अभियान के तहत 5 हजार 588 शिविर आयोजित कर 3 लाख 90 हजार से अधिक पशुओं का उपचार और 4 लाख 13 हजार पशुओं में टीकाकरण किया गया.

पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बयान जारी कर बताया कि पूरे प्रदेश में 1 फरवरी से 28 फरवरी तक पशुधन सेवा अभियान चलाया गया. इसके तहत विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन कर पशुपालकों को लाभान्वित किया गया है.

कटारिया ने कहा कि राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के पहले चरण के दौरान कृत्रिम गर्भाधान किए गए 92 हजार पशुओं का गर्भ परीक्षण किया गया. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत आयोजित शिविरों में 81 हजार पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान किया गया और बांझपन से ग्रसित 43 हजार पशुओं का उपचार किया गया है. अन्तः परजीवी रोगों की रोकथाम के लिए 4 लाख 26 हजार पशुओं को कृमिनाशक दवा पिलायी गयी है. साथ ही बाह्य परजीवी रोगों की रोकथाम के लिए 3 लाख 5 हजार पशुओं में कृमिनाशक दवा का छिड़काव किया गया है.

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पशुपालन मंत्री ने बताया कि इस दौरान 6,435 पशुपालक गोष्ठियां आयोजित कर 96 हजार पशुपालकों को लाभान्वित किया गया. उन्होंने बताया कि शिविरों में पशुओं का टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, रोगी पशुओं का उपचार, अन्तः और बाह्य परजीवी रोगों की रोकथाम के लिए कृमिनाशक दवा पिलाना, दवा का छिड़काव, बांझपन का उपचार आदि सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है.

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