जयपुर. साल 2021 में 51 दिन ही मंडप सजेंगे और शहनाइयों की गूंज सुनाई देगी. जिसके तहत सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई-जून के महीने में होंगे. इस दौरान सिर्फ 2 ही अबूझ मुहूर्त बसंत पंचमी 16 फरवरी और 19 मार्च को फुलेरा दूज का सावा रहेगा. फिलहाल रविवार को गुरु अस्त होने से 14 फरवरी तक शुभ कार्य नहीं हो पाएंगे.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि पहला विवाह का मुहूर्त 22 अप्रैल को होगा. इसके बाद 15 जुलाई तक 37 दिन में विवाह के मुहूर्त बचे होंगे. वहीं 14 नवंबर 2021 को तुलसी विवाह से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए कुल 13 दिन और मिलेंगे. 15 दिसंबर से धनु मलमास शुरू हो जाएगा जो कि 14 जनवरी 2022 तक रहेगा. इससे पहले अप्रैल 22, 24, 25, 26, 27, 28, 30...मई 4, 7, 8, 9, 13, 14, 21, 22, 24, 26, 29, 30, 31...जून 5,6, 18, 19, 20, 21, 22, 24, 26, 28...जुलाई 1, 2, 3, 6, 9, 15, 18, 20... नवम्बर 14, 20, 21, 28, 30...दिसंबर 1, 6, 7, 8, 9, 11, 13 और 15 दिसंबर विवाह मुहूर्त रहेगा.
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साथ ही 16 फरवरी बसंत पंचमी, 15 मार्च फुलेरा दूज, 21 अप्रैल रामनवमी, 14 मई आखातीज, 26 मई पीपल पूर्णिमा और 18 जुलाई भड़लया नवमी पर अबूझ मुहूर्त शहनाई बजेगी. बता दें कि, इससे पहले 2020 में 49 मुहूर्त थे, जिसमें 26 दिन ही विवाह हो पाए. लेकिन अबकी बार 51 दिन विवाह शुभ मुहूर्त होंगे.