जयपुर. केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे वंदे भारत मिशन के तहत विदेशों में फंसे प्रवासियों को वापस लाया जा रहा है. जिसके तहत मंगलवार को 3 फ्लाइट्स से 460 राजस्थानी प्रवासियों को जयपुर लाया गया. इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि एयरपोर्ट पर सभी यात्रियों के उतरने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई. साथ ही चिकित्सकों की टीम की ओर से मेडिकल चेकअप भी किया गया. वहीं इमिग्रेशन के बाद सभी प्रवासी राजस्थानियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन के लिए भिजवाया गया.
एयरपोर्ट को बार-बार किया जाता है सैनिटाइज
सीनियर कमांडेंट वाईपी सिंह ने बताया कि एयरपोर्ट पर सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए व्यवस्था की गई है. साथ ही एयरपोर्ट को बार-बार सैनिटाइज भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि हवाई किराया और होटल से लेकर सारा खर्चा यात्रियों को वहन करना है. एयरपोर्ट पर यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया गया है, जिन यात्रियों में कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, उनका इमिग्रेशन क्लीयरेंस कराया जा रहा है.
पढ़ें- जयपुर एयरपोर्ट पर यात्रियों की कमी के कारण 6 फ्लाइट्स रद्द
एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद
जयपुर एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वंदे भारत मिशन के तहत आने वाले सभी प्रवासी राजस्थानियों की एयरपोर्ट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं, पुलिस का जाप्ता भी एयरपोर्ट पर तैनात कर रखा है. ऐसे में पुलिस निगरानी के बीच ही सभी यात्रियों को संस्थागत क्वॉरेंटाइन में भेजा जा रहा है. वहीं, सभी यात्रियों को 7 दिन के संस्थागत क्वॉरेंटाइन में रहना होगा. उसके बाद उन्हें 7 दिन की होम क्वॉरेंटाइन में भी रखा जाएगा.
यात्रियों के पासपोर्ट CISF के अधिकारियों के पास
सीनियर कमांडेंट के मुताबिक यात्रियों के पासपोर्ट सीआईएसएफ के एक अधिकारी के पास हैं. इमीग्रेशन क्लीयरेंस के बाद ही यात्रियों को लगेज कलेक्शन के लिए ले जाया जाता है. इसके बाद यात्रियों को कस्टम क्लीयरेंस लेना होता है. फिर 20-20 के ग्रुप में यात्रियों को पुलिस को सौंपा जाता है.
पढ़ें- बर्ड हिट की घटनाओं को रोकने के लिए जयपुर एयरपोर्ट पर तैनात किए गए कर्मचारी
वहीं, राज्य सरकार के तीन श्रेणियां लो, मीडियम और हाई श्रेणी के लिए चयनित किए गए हैं. यात्रियों को जिन होटलों में ठहराया जा रहा है, उनका किराया भी उन्हीं को चुकाना है. साथ ही अंतिम दिन कोरोना टेस्ट कराया जाता है. जिसका भुगतान भी यात्री ही करते हैं. वहीं, टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आने पर ही यात्री घर लौट सकते हैं.