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संतों के आंदोलन का असर, कनकांचल और आदिबद्री में वैध खनन बंद, 46 पट्टे रद्द

लम्बे समय से भरतपुर के कनकांचल और आदिबद्री पर्वत में वैध खनन बंद करने को लेकर चल रही संतों की मांग का असर दिखने लगा है. सरकार ने शुक्रवार को आदेश जारी कर सभी वैध 46 खनन कार्यों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी और काम बंद कर दिया गया. इन 46 खनन पट्टों को प्रीमेच्योर टर्मिनेट कर दिया गया है.

46 legal mining lease terminated in Kankanchal and Adibadri areas of the Bharatpur
संतों के विरोध का असर, कनकांचल व आदिबद्री क्षेत्र में सभी 46 वैध खानों में खनन कार्य पूरी तरह बंद
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Published : Aug 19, 2022, 5:36 PM IST

Updated : Aug 19, 2022, 6:11 PM IST

जयपुर. भरतपुर के कनकांचल और आदिबद्री पर्वत में साधु-संतों की ओर से अवैध खनन को लेकर जताए विरोध का असर दिखने लगा है. शुक्रवार से क्षेत्र में चल रहे सभी 46 वैध खनन कार्य को भी बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार ने अलग-अलग आदेश जारी कर कनकांचल और आदिबद्री पर्वत क्षेत्र के सभी 46 खनन पट्टों को प्रीमेच्योर टर्मिनेट कर दिया (46 legal mining lease terminated) है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने सभी 46 खनन पट्टाधारियों को नियमानुसार सुनवाई का अवसर देने के बाद 18 अगस्त, 2022 को खनन पट्टों के निरस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए हैं. अब सभी लीज पट्टों के निरस्तीकरण आदेशों के साथ ही अब यह क्षेत्र पूरी तरह से खननमुक्त हो गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत माह कनकांचल और आदिबद्री पर्वत क्षेत्र में खनन कार्य बंद कराने के साथ ही इस क्षेत्र को वन भूमि में परिवर्तित करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद से ही क्षेत्र की सभी 46 खानों में खनन कार्य बंद हो गया था.

पढ़ें: संतों के आंदोलन के बाद अवैध खनन के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई, 7 दिन में 300 से अधिक प्रकरण दर्ज, 277 वाहन जब्त

एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि भरतपुर जिले के सीकरी तहसील के आदिबद्री पर्वत और पहाड़ी क्षेत्र के कनकांचल पर्वत के धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व का होने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य सरकार ने क्षेत्र की 757.40 हैक्टेयर भूमि को वन भूमि घोषित किया था. इसके बाद जिला कलक्टर भरतपुर आलोक रंजन ने 21 जुलाई, 2022 को एक आदेश जारी कर इस भूमि को वन विभाग को हस्तांतरित किया.

पढ़ें: Mining In Bharatpur: कांग्रेस राज में ही मंत्री पुत्र ने खरीदी थी 2 खान, प्रभाव आया आड़े...जलीस ने भाजपा पर लगाए आरोप

आदिबद्री व कनकांचल पर्वत क्षेत्र के आसपास 147.36 हैक्टेयर क्षेत्र में स्वीकृत मेसनरी स्टोन के 45 खनन पट्टे एवं सिलिका सेण्ड के एक खनन पट्टा कुल 46 खनन पट्टे स्वीकृत थे. खान विभाग की ओर से स्वीकृत 46 खनन पट्टों का क्षेत्र वन भूमि में होने से नियमानुसार सभी खनन पट्टाधारी को 15 दिन का नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया. इसके बाद 18 अगस्त को आदेश जारी कर सभी खनन पट्टा नियमानुसार समयपूर्व समाप्त कर दिए गए हैं.

जयपुर. भरतपुर के कनकांचल और आदिबद्री पर्वत में साधु-संतों की ओर से अवैध खनन को लेकर जताए विरोध का असर दिखने लगा है. शुक्रवार से क्षेत्र में चल रहे सभी 46 वैध खनन कार्य को भी बंद कर दिया गया है. राज्य सरकार ने अलग-अलग आदेश जारी कर कनकांचल और आदिबद्री पर्वत क्षेत्र के सभी 46 खनन पट्टों को प्रीमेच्योर टर्मिनेट कर दिया (46 legal mining lease terminated) है.

अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि विभाग ने सभी 46 खनन पट्टाधारियों को नियमानुसार सुनवाई का अवसर देने के बाद 18 अगस्त, 2022 को खनन पट्टों के निरस्तीकरण के आदेश जारी कर दिए हैं. अब सभी लीज पट्टों के निरस्तीकरण आदेशों के साथ ही अब यह क्षेत्र पूरी तरह से खननमुक्त हो गया है. बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गत माह कनकांचल और आदिबद्री पर्वत क्षेत्र में खनन कार्य बंद कराने के साथ ही इस क्षेत्र को वन भूमि में परिवर्तित करने के निर्देश दिए थे. इसके बाद से ही क्षेत्र की सभी 46 खानों में खनन कार्य बंद हो गया था.

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एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि भरतपुर जिले के सीकरी तहसील के आदिबद्री पर्वत और पहाड़ी क्षेत्र के कनकांचल पर्वत के धार्मिक एवं पुरातात्विक महत्व का होने से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य सरकार ने क्षेत्र की 757.40 हैक्टेयर भूमि को वन भूमि घोषित किया था. इसके बाद जिला कलक्टर भरतपुर आलोक रंजन ने 21 जुलाई, 2022 को एक आदेश जारी कर इस भूमि को वन विभाग को हस्तांतरित किया.

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आदिबद्री व कनकांचल पर्वत क्षेत्र के आसपास 147.36 हैक्टेयर क्षेत्र में स्वीकृत मेसनरी स्टोन के 45 खनन पट्टे एवं सिलिका सेण्ड के एक खनन पट्टा कुल 46 खनन पट्टे स्वीकृत थे. खान विभाग की ओर से स्वीकृत 46 खनन पट्टों का क्षेत्र वन भूमि में होने से नियमानुसार सभी खनन पट्टाधारी को 15 दिन का नोटिस जारी कर सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया. इसके बाद 18 अगस्त को आदेश जारी कर सभी खनन पट्टा नियमानुसार समयपूर्व समाप्त कर दिए गए हैं.

Last Updated : Aug 19, 2022, 6:11 PM IST
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