जयपुर. शहरों के सुनियोजित विकास में आ रही कठिनाइयों को दूर करने और भूमि के अनाधिकृत उपयोग को रोकने के लिए राज्य मंत्रिमंडल के फैसले पर गठित समिति ने चार सब कमेटियां (4 sub committees formed to prevent haphazard development) बनाई है. जो शहरी विकास से जुड़े विभिन्न मामलों का निपटारा करेगी. विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक की अध्यक्षता में ये सब कमेटियां बनाई गई हैं. वहीं, टाउनशिप पॉलिसी, अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी, स्लम डेवलपमेंट पॉलिसी और टीडीआर पॉलिसी का रिव्यू कर नए सिरे से इन पॉलिसी को बनाया जाएगा
शहरों में बेतरतीब विकास रोकने और सुनियोजित विकास में आ रही कठिनाई को दूर करने के लिए यूडीएच सलाहकार डॉ जीएस संधू की अध्यक्षता में गठित समिति की सोमवार को पहली बैठक हुई. जिसमें जेडीसी रवि जैन, आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा, जेडीए सचिव उज्ज्वल राठौड़, चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय और नगर नियोजन के प्रधान सलाहकार एचएस संचेती सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.
इस दौरान विभिन्न मामलों के लिए चार सब कमेटियां बनाने का फैसला लिया गया. नगर नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक की अध्यक्षता में गठित होने वाली सब कमेटी मास्टर प्लान से संबंधित मामलों में सुझाव देगी. वहीं जेडीए के एसीटीपी की अध्यक्षता में गठित सब कमेटी टाउनशिप नीति, स्लम डेवलपमेंट नीति, मुख्यमंत्री जन आवास योजना और दूसरे मामलों में सुझाव देगी. एलएसजी के एसीटीपी की अध्यक्षता में गठित सब कमेटी निकायों का राजस्व बढ़ाने और उनसे जुड़े मामलों में सुझाव देगी. इसी तरह आवासन मंडल के एसीटीपी के अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति हाउसिंग सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए संभावित उपाय और पुनर्विकास में आवासन मंडल की संभावित भूमिका को लेकर सुझाव देगी.
यूडीएच सलाहकार डॉ जीएस संधू ने बताया कि अनाधिकृत तौर पर जो कृषि भूमि का उपयोग होता है उनको रोकने, टाउनशिप पॉलिसी, अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी, स्लम डेवलपमेंट पॉलिसी और टीडीआर पॉलिसी का रिव्यू कर नए सिरे से इन पॉलिसी को बनाया जाएगा. बता दें कि राज्य मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार इस समिति का गठन किया गया था. ताकि शहरों के विकास में आ रही समस्याओं का समाधान खोज कर उन्हें दूर किया जा सके. अब इस कमेटी ने चार सब कमेटी का गठन और किया है.