जयपुर. बुधवार के दिन प्रदेश के मुखिया ने जनहित से जुड़े दो प्रस्तावों को मंजूरी दी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने त्वरित न्याय के लिए विभिन्न न्यायालयों में 38 पदों के सृजन के साथ-साथ पावर प्लांट्स लगाने के लिए भूमि का मूल्यांकन कृषि भूमि की दर से दोगुना करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
पहले प्रस्ताव के अनुसार सीएम ने अपर सिविल न्यायाधीश एवं अपर महानगर, मजिस्ट्रेट न्यायालय, जयपुर महानगर संख्या 36 एवं 37, सूरतगढ़, फलौदी, बाड़मेर, गुढ़ामलानी एवं नीम का थाना के सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय के लिए स्टेनोग्राफर ग्रेड-तृतीय एवं रीडर ग्रेड-तृतीय के कुल 7-7 पदों के सृजन को मंजूरी दी है.
इसी प्रकार अलवर में अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय संख्या 4, 5 एवं 6, बीकानेर के अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय संख्या 6 एवं 7, जोधपुर महानगर के अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय संख्या 7, कोटपूतली के अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय संख्या 4 तथा शाहपुरा के अपर जिला न्यायाधीश न्यायालय संख्या 2 में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने के लिए नवीन अपर लोक अभियोजक एवं राजकीय अभिभाषक कार्यालय खोलने के साथ-साथ अपर लोक अभियोजक एवं राजकीय अभिभाषक (अधिवक्ता संवर्ग), क्लर्क ग्रेड द्वितीय तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के 8-8, यानि कुल 24 पदों के सृजन को मंजूरी दी है.
पद क्रमोन्नयन को मंजूरी
सीएम गहलोत ने डूंगला, चित्तौड़गढ़ के नवक्रमोन्नत वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में सहायक अभियोजन अधिकारी के पद को अभियोजन अधिकारी एवं कनिष्ठ सहायक के पद को वरिष्ठ सहायक के पद में क्रमोन्नत करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है.
पढ़ेंः जल्द मिल सकता है टिड्डी प्रभावित किसानों को मुआवजा, कृषि मंत्री ने जारी किए निर्देश
पावर प्लांट्स के लिए किए ये प्रावधान
- औद्योगिक प्रयोजनों के लिए भूमि की दरों का पुनरीक्षण, पावर प्लांट्स के लिए भूमि की मूल्यांकन दर कृषि भूमि की दोगुना होगी.
- इसके तहत प्रदेश में सोलर पावर, विण्ड पावर तथा हाइब्रिड पावर प्लांट की स्थापना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इन संयंत्रों के लिए भूमि की मूल्यांकन दरें कृषि भूमि की दर का दोगुना कर दी हैं.
- साथ ही, अन्य औद्योगिक प्रयोजनों के लिए भूमि की दरें भी कृषि भूमि की दर का तीन गुना करने का निर्णय लिया है.
- मुख्यमंत्री गहलोत ने इस आशय के वित्त विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है. उन्होंने विभिन्न औद्योगिक प्रयोजनार्थ भूमि की मूल्यांकन दरों के पुनरीक्षण के लिए अधिसूचना के प्रारूप का भी अनुमोदन कर दिया है.
गौरतलब है कि वर्ष 2019 में औद्योगिक प्रयोजनों के लिए भूमि की मूल्यांकन दरें पुनरीक्षित कर संबंधित क्षेत्र की आवासीय भूमि की दरों के समान कर दी गई थीं. इस निर्णय के कारण प्रदेश के कई क्षेत्रों में औद्योगिक भूमि के मूल्यांकन की दरों में असामान्य वृद्धि हो गई थी. साथ ही, इससे स्टाम्प ड्यूटी एवं पंजीयन शुल्क का भार अत्यधिक बढ़ गया था.
पढ़ेंः CAA और NRC के जरिए मोदी-शाह विशेष समुदाय के खिलाफ नफरत बढ़ा रहे हैंः कन्नन गोपीनाथन
औद्योगिक भूमि का मूल्यांकन अव्यवहारिक हो जाने के चलते कई संगठनों, संस्थाओं और व्यक्तियों ने राज्य सरकार को ज्ञापन प्रस्तुत कर औद्योगिक प्रयोजनों के लिए भूमि की दरों को पुनरीक्षित करने की मांग की थी. राज्य सरकार के पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने भी वर्ष 2019 में घोषित औद्योगिक भूमि की मूल्यांकन दरों को अव्यवहारिक मानते हुए उनके पुनरीक्षण के लिए प्रस्ताव दिया था. इस क्रम में यह निर्णय लिया गया है.